मेरी आत्मकथा / अध्याय 25 / चार्ली चैप्लिन / सूरज प्रकाश

Gadya Kosh से
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ट्रायल के दौरान हम कई प्रिय दोस्तों से घिरे हुए थे। सबके सब वफादार और सहानुभूति रखने वाले। सालका वीरटेल, क्लिफोर्ड, ओडेत्स दम्पत्ति, हेन्स एस्लर दम्पत्ति, फ्यूशवेंगर दम्पत्ति और कई अन्य।

सालका वीरटेल सांता मोनिका में अपने घर पर बहुत बढ़िया खाने की पार्टियां दिया करती थीं। उनके घर पर कला और साहित्य, दोनों से जुड़े लोग आते। टॉमस मान, ब्रटोल्ट ब्रेख्त, शोनबर्ग, हेन्स एस्लर, लायन फ्यूशवेंगर, स्टीफेन स्पेंडर, सिरियल कोनोली और अन्य कई विभूतियां वहां आतीं। सालका जहां कहीं रहती थीं वहीं पर अपनी खूबसूरत दुनिया बसा लेती थी।

हेन्स एस्लर दम्पत्ति के यहां हमारी मुलाकात ब्रेटोल्ट ब्रेख्त के साथ होती। वे घुटे हुए सिर के साथ बेहद ताकतवर लगते और जहां तक मुझे याद पड़ता है, वे हमेशा सिगार पीते रहते थे। कई महीने बाद मैंने उन्हें मोन्स्योरवेरडाऊ की पटकथा दिखायी थी। उन्होंने इसे पूरा पढ़ा था। उनकी एक ही टिप्पणी थी: 'ओह, आप चीनी शैली में लिखते हैं।'

मैंने लायन फ्यूशवेंगर से पूछा कि वे अमेरिका में राजनैतिक स्थिति के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने मज़ाक में कहा: 'इस तथ्य में कोई खास बात हो सकती है कि जब मैंने बर्लिन में अपना नया मकान बनाना पूरा किया तो हिटलर सत्ता में आया और मुझे बाहर निकलना पड़ा। जब मैंने पेरिस में अपने फ्लैट की साज सज्जा पूरी की तो नाज़ी चले आये और मैं एक बार फिर वहां से निकला। और अब मैंने अमेरिका में हाल ही में सांता मोनिका में घर खरीदा है।' उन्होंने कंधे उचकाए और एक खास ढंग से मुस्कुराए।

अक्सर हम ऑल्डस हक्सले दम्पत्ति से मिलते। उस समय वे रहस्यवाद के झूले में बहुत अधिक हिचकोले खा रहे थे। मैं उन्हें बीस पच्चीस बरस के सनकी युवा के रूप में ज्यादा पसंद करता था।

एक दिन हमारे मित्र फ्रांक टेलर ने फोन करके बताया कि डायलैंड थॉमस, वेल्श कवि हमसे मिलना चाहेंगे। हमने कहा कि हमें बहुत खुशी होगी। 'दरअसल' फ्रांक ने हिचकिचाते हुए कहा, 'अगर वे नशे में न हुए तो मैं उन्हें लेता आऊंगा।' बाद में उस शाम जब घंटी बजी तो मैंने दरवाजा खोला और डायलैन थॉमस सीधे अंदर गिर पड़े। अगर ये नशे में न होना होता है तो तब उनकी हालत क्या होती होगी जब वे सचमुच पिये हुए होते हों। दो एक दिन बाद वे डिनर के लिए आए और बेहतर तरीके से पेश आए। उन्होंने अपनी गहरी आवाज़ में अपनी कोई कविता पढ़ कर सुनायी। मुझे कविता की छवि तो याद नहीं लेकिन एक शब्द 'सेलोफेन' उनकी जादुई आवाज़ से सूर्य की किरणों की तरह परावर्तित हो रहा था।

हमारे मित्रों में थिओडोर ड्रेसर भी थे। मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक था। वे और उनकी प्यारी सी पत्नी हेलन अक्सर हमारे घर खाना खाते। हालांकि उनके भीतर हमेशा नाराज़गी की भट्टी जलती रहती, वे बहुत विनम्र और दयालु आदमी थे। उनकी मृत्यु पर नाटककार जॉन हॉवर्ड लावसन,जिन्होंने अंतिम संस्कार के समय शोक पत्र पढ़ा था, ने मुझसे पूछा था कि क्या मैं उनकी अर्थी को आगे से कंधा दूंगा और बाद में शोक सभा में ड्रेसर द्वारा लिखी गयी कविता पढ़ूंगा। मैंने ये दोनों काम किये थे।


हालांकि बीच बीच में मेरे कैरियर को लेकर शक के मौके आते लेकिन मैं अपने इस विश्वास से कभी नहीं डिगा कि एक अच्छी कॉमेडी मेरी सारी तकलीफों को सुलझा देगी। इसी दृढ़ निश्चय वाली भावना के साथ मैंने मोन्स्योरवेरडाऊ फिल्म पूरी की। इसमें दो साल की मेहनत लग गयी क्योंकि इसके लिए प्रेरणा पाना मुश्किल काम था, लेकिन इसकी वास्तविक शूटिंग बारह हफ्ते में ही पूरी हो गयी। ये मेरे लिए रिकार्ड समय था। तब मैंने इसकी पटकथा सेंसरशिप के लिए ब्रीन ऑफिस में भेजी। जल्दी ही मुझे उनकी तरफ से ख़त मिला कि इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जा रहा है।

ब्रीन ऑफिस लीज़न ऑफ डीसेंसी की एक शाखा है जो मोशन पिक्चर एसोसिएशन द्वारा स्वघोषित सेंसरशिप करती है। मैं सहमत हूं कि सेंसरशिप ज़रूरी है लेकिन इसे लागू करना मुश्किल होता है। मुझे सिर्फ यही सुझाव देना है कि इसके नियम लचीले होने चाहिए न कि पत्थर की लकीर और इस पर विषय वस्तु के आधार पर निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए बल्कि अच्छी रुचि, बौद्धिकता और संवेदनशील निर्वाह पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

नैतिक दृष्टि से देखें तो मेरा विचार है कि कामुक सैक्स दृश्य की तरह शारीरिक हिंसा और झूठे दर्शन भी उतनी ही हानि पहुंचाते हैं। बर्नार्ड शॉ ने कहा था कि किसी खलनायक के जबड़े पर घूंसा मारना ज़िंदगी की समस्याओं को सुलझाने का बहुत आसान तरीका है।

मोन्स्योरवेरडाऊ की सेंसरशिप पर बहस करने से पहले यह ज़रूरी है कि कथा की ख़ास ख़ास बातों का उल्लेख कर दिया जाए। मोन्स्योरवेरडाऊ एक स्‍त्रीघाती नायक, नामालूम सा बैंक क्लर्क है जिसकी नौकरी मंदी के कारण चली गयी है। वह एक योजना बनाता है और बूढ़ी कुवांरी औरतों के साथ शादी रचा के उनके धन को लूट कर उनकी हत्या कर देता है। उसकी वैध पत्नी अपंग है जो गांव में अपने छोटे बेटे के साथ रहती है। लेकिन उसे अपने पति की आपराधिक हरकतों का पता नहीं है। किसी शिकार की हत्या कर देने के बाद वह वैसे ही घर लौटता है जैसे कोई बुर्जुआ पति दिन भर की मेहनत करने के बाद घर लौटता है। वह अच्छाई और बुराई का विरोधाभास है: एक ऐसा व्यक्ति जो अपनी गुलाब की झाड़ियां संवारता है, इल्ली पर पैर रखने से भी बचता है जबकि उसके बगीचे के आखिर में उसकी एक शिकार को भट्टी में भूना जा रहा है। इस कहानी में क्रूर हास्य, कड़वा व्यंग्य और सामाजिक आलोचना है।

सेंसरबोर्ड ने मुझे एक लंबा पत्र भेजा और बताया कि वे फिल्म को क्यों पूरी तरह से बैन कर रहे हैं। मैं यहां पर उनके पत्र का ये हिस्सा दे रहा हूं:

हम उन तत्वों की बात करेंगे जो अपनी संकल्पना में और महत्ता में असामाजिक लगते हैं। कहानी में ऐसे अंश हैं जहां वेरडाऊ सिस्टम पर उंगली उठाता है और आज के दिन के सामाजिक ढांचे पर आरोप लगाता करता है। इसके बजाये, हम आपका ध्यान उस ओर दिलाना चाहते हैं जो कि और भी अधिक खतरनाक है और संहिता के अंतर्गत बाकायादा न्याय विचार किया जाना मांगता है। वेरडाऊ का यह बनावटी दावा कि उसकी ज्यादतियों की सीमा से दंग रह जाना बेवकूफी है, कि वे युद्ध के कानूनी आधार पर बड़े पैमाने पर कत्लेआम की तुलना में तो कत्लों की कॉमेडी मात्र हैं जिन्हें हम सिस्टम द्वारा सोने के पतरे मढ़ कर गुणगान करते हैं। इस बात पर किसी बहस में उलझे बिना कि युद्ध बड़े पैमाने पर कत्लेआम या न्यायोचित रूप से मारना है या नहीं, इस बहस में उलझे बिना ये तथ्य अभी भी अपनी जगह पर है कि वेरडाऊ अपने भाषणों के दौरान अपने अपराधों की नैतिक गुणवत्ता का मूल्यांकन करने की गम्भीर कोशिश करता है।

इस कहानी को स्वीकार न किये जाने के पीछे दूसरा मूल कारण ये है कि हम अधिक संक्षेप में अपनी बात कर सकते हैं। ये इस तथ्य में निहित है कि ये बहुत कहें तो ये एक ऐसे विश्वास से भरे आदमी की कहानी है जो कई औरतों को अपने प्रेम जाल में फंसाता है ताकि उनकी दौलत उसके कब्जे में आ जाये और इसके लिए वह उन्हें एक के बाद एक नकली शादियों के झांसे में फंसाता चलता है। कहानी के इस अंश में अवैध संबंधों का कुरुचिपूर्ण मज़ा लिया गया है जो कि हमारे निर्णय के अनुसार उचित नहीं है।

इस स्थल तक आ कर उन्होंने अपनी आपत्तियों की एक लम्बी फेहरिस्त दी थी। उनके कुछ नमूने देने से पहले मैं अपनी पटकथा में से वे कुछ पन्ने यहां डालना चाहूंगा जो लिडिया, वेरडाऊ की अवैध पत्नियों में से एक है, से संबंध रखते हैं। वह एक बूढ़ी औरत है जिसका वह आज रात कत्ल करने वाला है।

वेरडाऊ : (दबीआवाज़में) कितनासुंदर. . . येपीला, एंडिमियन· का समय . ..

लिडिया की आवाज़: (बेडरूममेंसे) आपकिसकेबारेमेंबातकररहेहैं?

वेरडाऊ: (तंद्रा में) एंडिमियन माय डीयर, . . चांद द्वारा मोहित एक खूबसूरत नौजवान।

लीडिया की आवाज़: ठीक है, भूल जाओ उसके बारे में और बिस्तर पर चले आओ।

वेरडाऊ: हां, माय डीयर, हमारे पैर फूलों से नाज़ुक थे।

वह लिडिया के बेडरूम में चला जाता है और हॉल को अर्ध अंधेरे में छोड़ जाता है। वहां पर चांद की रौशनी ही रह जाती है।

वेरडाऊ की आवाज: (लीडिया के बेडरूम में से) चांद की तरफ देखो ज़रा, मैंने आज तक इसे इतना चमकीला नहीं देखा। बदजात चंद्रमा।

लीडिया की आवाज़: बदजात चंद्रमा?? आप भी कितने मूरख हैं? हा हा हा बदजात चंद्रमा!!

संगीत की लहरियां बहुत ऊंचे सुर तक ऊपर उठती हैं और तब दृश्य डिजाल्व हो कर सुबह में बदल जाता है। ये वही हॉल वाला रास्ता है लेकिन अब वहां पर सूर्य की रौशनी आ रही है। वेरडाऊ लीडिया के बेडरूम में से गुनगुनाता हुआ आता है।

इस दृश्य के बारे में सेंसरबोर्ड की आपत्ति इस तरह से थी:

कृपया लीडिया के इस वाक्यांश को बदलें: 'उसे भूल जाओ और बिस्तर में आ जाओ।' इसके बजाये कहें, 'सो जाओ।' हम ये मान कर चल रहे हैं कि ये पूरा का पूरा दृश्य इस तरह से फिल्माया जायेगा कि कहीं भी ये आभास न दे कि वेरडाऊ और लीडिया अब शादी के बाद वाले आनंद में उतरने वाले हैं। दोबारा आये शब्द 'बदजात चंद्रमा' को भी हटा दें। अगली सुबह वेरडाऊ के लीडिया के बेडरूम से गुनगुनाते हुए आने के दृश्य को भी हटा दें।

अगली आपत्ति उस संवाद को ले कर थी जो वेरडाऊ उस लड़की से करता है जिससे वह देर रात को मिलता है। उनका कहना था कि लड़की का चरित्र जिस तरह से बताया गया है, उससे साफ-साफ लगता है कि वह लड़की वेश्या है। इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।

स्वाभाविक है कि मेरी कहानी में लड़की एक सड़क छाप है और ये सोचना ही वाहियात होगा कि वह वेरडाऊ के अपार्टमेंट में उसकी पेंटिंग देखने आती है। लेकिन इस मामले में वह उसे इसलिए ले कर आता है ताकि वह उस पर वह तीखा ज़हर आजमा सके जिसका कोई सबूत बाकी नहीं रहता। लेकिन वह उसके अपार्टमेंट से जाने के एक ही घंटे के बाद वह मर जायेगी। ये दृश्य कुछ भी हो सकता है लेकिन कम से कम अश्लीलता या कामुकता जगाने वाला तो कत्तई नहीं है।

मेरी पटकथा में ये इस तरह से है:

वेरडाऊ: तुम्हें बिल्लियां अच्छी लगती हैं ऐय?

लड़की: ऐसी तो कोई खास बात नहीं है, लेकिन बाहर बहुत ठंड है और सब गीला है। मुझे नहीं लगता कि आपके पास इसे देने के लिए थोड़ा सा दूध होगा?

वेरडाऊ: इसके विपरीत, दूध है मेरे पास। देखो तो, हालात इतने खराब नहीं हैं जितने लगते हैं।

लड़की: क्या मैं इतनी निराशावादी लगती हूं?

वेरडाऊ: लगती तो हो लेकिन मुझे नहीं लगता कि तुम निराशावादी हो।

लड़की: क्यों?

वेरडाऊ: रात को इस तरह से बाहर निकलना, इसके लिए तो तुम्हें आशावादी होना ही चाहिये।

लड़की: मैं आशावादी छोड़ कर सब कुछ हूं।

वेरडाऊ: इसके खिलाफ हुंअ!!

लड़की: (तानामारतेहुए) पता लगाने का तो आप में गज़ब का गुण है!!

वेरडाऊ: तुम इस धंधे में कब से हो?

लड़की: तीन महीने से।

वेरडाऊ: मुझे यकीन नहीं होता!

लड़की: क्यों?

वेरडाऊ: तुम जैसी आकर्षक लड़की को कुछ और करना चाहिये था।

लड़की:(तानामारतेहुए) धन्यवाद।

वेरडाऊ: अब मुझे सच-सच बता दो। तुम अभी-अभी या तो अस्पताल से आयी हो या जेल से। बोलो कहां से आयी हो?

लड़की: (अच्छेमूडमेंलेकिनचुनौतीदेतेहुए) आप ये किस लिये जानना चाहते हैं?

वरडाउ: क्योंकि मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूं।

लड़की: मानवतावादी हुं!!

वेरडाऊ: (विनम्रतासे) एक दम सही .... और मैं बदले में कुछ भी नहीं मांगता।

लड़की: (उसेपरखतेहुए) क्या है ये? साल्वेशन आर्मी?

वेरडाऊ: अच्छी बात है, अगर तुम इसी तरह से महसूस करती हो तो तुम अपनी राह पर जाने के लिए आज़ाद हो।

लड़की: (दोटूक) मैं अभी अभी जेल से छूट कर आ रही हूं।

वेरडाऊ: तुम्हें अंदर क्यों किया गया था?

लड़की: (कंधेउचकातीहै) क्या फर्क पड़ता है? छोटी मोटी हेराफेरी। वे इसे यही कहते हैं। किराये के टाइपराइटर को गिरवी रख देना।

वेरडाऊ: ओ मेरी प्यारी लड़की। तुम्हें इससे बेहतर करने के लिए कुछ नहीं मिला क्या? कितनी सज़ा मिली तुम्हें इसके लिए?

लड़की: तीन महीने।

वेरडाऊ: तो इसका मतलब, ये तुम्हारा जेल से बाहर पहला दिन है?

लड़की : हां।

वेरडाऊ: भूख लगी है क्या?

(वहसिरहिलातीहैऔरयूंहीमुस्कुरातीहै)

वेरडाऊ: अच्छी बात है। जब तक मैं अपनी पाक कला के हुनर का प्रदर्शन करूं, तुम एक काम करो। रसोई में मुझे कुछ चीजें थमा दो। आओ।

वे रसोई में चले जाते हैं। वह अंडों की बुर्जी बनाना शुरू करता है और खाने पीने की चीजें तश्तरी में रखने में लड़की की मदद करता है। लड़की तश्तरी ले कर बैठक में जाती है। जिस वक्त वह रसोई में से निकलती है, वह सतर्क हो कर उसे पीछे से देखता है, तब जल्दी से एक अल्मारी खोलता है, वहां से ज़हर निकालता है और रेड वाइन की एक बोतल में डालता है। तब बोतल का कार्क बंद करता है, दो गिलासों के साथ तश्तरी में रखता है और दूसरे कमरे में चला जाता है।

वेरडाऊ: मुझे नहीं पता कि ये खाना तुम्हारी खुराक के हिसाब से है या नहीं, अंडों की भुर्जी, टोस्ट और थोड़ी सी रेड वाइन?

लड़की: वाह शानदार!!

वेरडाऊ: मुझे लग रहा है कि तुम थकी हुई हो। इसलिए खाना खाने के तुरंत बाद मैं तुम्हें तुम्हारे होटल में छोड़ आऊंगा।

वहबोतलकाकार्कखोलताहै।


लड़की: (उसेध्यानसेदेखतेहुए): आप बहुत दयालु हैं। मैं समझ नहीं पा रही कि आप ये सब मेरे लिए क्यों कर रहे हैं?

वेरडाऊ: क्यों नहीं, (उसकेगिलासमेंज़हरडालतेहुए) क्या थोड़ी सी दयालुता दुर्लभ हो गयी है आजकल?

लड़की: मुझे तो लगने लगा था, है ये दुर्लभ।

वेरडाऊ: ओह टोस्ट!

लड़की: आप अजीब आदमी हैं!

वेरडाऊ: मैं, क्यों?

लड़की: मुझे नहीं पता।

वेरडाऊ: फिर भी, तुम्हें बहुत भूख लगी है इसलिए शुरू करो।

(जैसेहीवहखानाशुरूकरतीहै, वहमेजपरपड़ीकिताबदेखताहै।)

वेरडाऊ: क्या पढ़ रही हो तुम?

लड़की: शॉपेनआवर!

वेरडाऊ: अच्छा लगता है तुम्हें?

लड़की: ठीक ठीक है!

वेरडाऊ: क्या तुमने आत्महत्या पर उनकी किताब ट्रिटाइस पढ़ी है?

लड़की: मुझे जमीं नहीं।

वेरडाऊ: (सम्मोहितसा) अगर अंत सरल होता तब भी नहीं? मान लो, उदाहरण के लिए, तुम सोने के लिए जाती हो, और मौत के ख्याल के बिना ही, अचानक सब कुछ थम जाता है। क्या तुम इसे इस घिसटती ज़िंदगी की तुलना में ज्यादा पसंद नहीं करोगी?

लड़की: मैं कह नहीं सकती।

वरडाउ: दरअसल, ये मौत का नज़रिया होता है जो डराता है।

लड़की: (ध्यानमग्नहोकर) मेरा तो ये ख्याल है कि अगर बिन जन्मे को भी ज़िदंगी के नज़रिये के बारे में पता हो तो वह भी उतना ही डरा हुआ होगा।

लड़की: (सोचतेहुए) इसके बावजूद ज़िंदगी खूबसूरत है।

वेरडाऊ: क्या है खूबसूरत ज़िंदगी में?

लड़की: सब कुछ। वसंत की कोई सुबह, गर्मी की रात, संगीत, कला, प्यार।

वेरडाऊ :(हैरानीसे) प्यार?

लड़की: (थोड़ीचुनौतीदेतीसी) ये भी तो होता ही है।

वेरडाऊ: तुम्हें कैसे मालूम?

लड़की: मुझे प्यार हो गया था।

वेरडाऊ: मेरा मतलब है कि तुम किसी के शारीरिक आकर्षण में पड़ गयी थी?

लड़की (पहेलियांबुझातेहुए) आपको औरतें अच्छी लगती हैं! नहीं क्या?

वेरडाऊ: इसके विपरीत, मुझे औरतें अच्छी लगती हैं लेकिन मैं उनकी तारीफ नहीं करता।

लड़की: क्यों?

वेरडाऊ: वे ज़मीनी होती हैं, यथार्थवादी, शारीरिक तथ्यों का बोझ रहता है उन पर।

लड़की : (हिकारतसे) क्या बेवकूफी है?

वेरडाऊ: जब कोई औरत किसी आदमी को धोखा देती है तो वह उसे छोड़ देती है। आदमी की अच्छाइयों और हैसियत के बावजूद वह उसके स्थान पर किसी दीन हीन आदमी को स्वीकार कर लेगी। अगर कोई दूसरा आदमी शारीरिक रूप से ज्यादा आकर्षक है।

लड़की: आप महिलाओं के बारे में कितना कम जानते हैं?

वेरडाऊ: तुम्हें हैरानी होगी?

लड़की: ये प्यार नहीं है!

वेरडाऊ: तो क्या है प्यार?

लड़की: देना, त्याग, वही भावना जो एक मां अपने बच्चे के लिए महसूस करती है।

वेरडाऊ: क्या तुमने इस तरीके से प्यार किया था?

लड़की: हां।

वेरडाऊ: किसे?

लड़की: अपने पति को।

वेरडाऊ: (हैरानीसे) तुम शादीशुदा हो?

लड़की: मैं थी, जब मैं जेल में थी तब वह मर गया।

वेरडाऊ: ओह, तो ये बात है, मुझे उसके बारे में बताओ।

लड़की: लम्बी कहानी है ये (रुकतीहै) वह स्पानी गृह युद्ध में घायल हो गया था। उम्मीद से परे अपंग।

वेरडाऊ: (आगेझुकताहै) अपंग?

लड़की: (सिरहिलातीहै) इसीलिए मैं उससे प्यार करती थी। उसे मेरी ज़रूरत थी। वह मुझ पर निर्भर था। वह बच्चे की तरह था। लेकिन वह मेरे लिए बच्चे से ज्यादा था। वह धर्म की तरह था। वह मेरे लिए सांस की तरह था। मैंने उसके लिए किसी की जान ले ली होती।

वेरडाऊ: एक मिनट रुको, मेरा ख्याल है तुम्हारी शराब में कार्क का टुकड़ा आ गया है। मैं तुम्हारे लिए दूसरा गिलास लाता हूं।

वेरडाऊ: अब बहुत देर हो चुकी है। और तुम थकी भी हुई हो। ये ले लो। इससे तुम्हारा एक आध दिन का गुज़ारा हो जायेगा। . . गुडलक।

लड़की: ओह, ये तो बहुत ज्यादा हैं। मैं इतनी उम्मीद नहीं करती थी। पागल . . इस तरह से ज़िंदगी जीते हुए . मेरा तो हर चीज़ से विश्वास ही उठने लगा था। और तभी ये होता है कि आप फिर से सब कुछ पर विश्वास करना चाहते हैं।

वेरडाऊ: बहुत ज्यादा भरोसा मत करो। ये दुनिया बहुत खराब है।

लड़की: (अपनाहाथहिलातीहै) ये सच नहीं है। ये दुनिया गलतियों का पुतला है और बहुत उदास है ये दुनिया। इसके बावजूद थोड़ी सी दयालुता इसे खूबसूरत बना देती है।

वेरडाऊ: इससे पहले कि तुम्हारे दर्शन से मेरी नीयत डोले, बेहतर हो कि तुम चली जाओ।

ऊपर वाले सीन पर सेंसर बोर्ड को जो आपत्तियां थीं, मैं उनमें से कुछ गिनाता हूं:

मेरी पटकथा के समापन से पहले, वेरडाऊ कई रोमांचकारी घटनाओं के बाद लड़की से दोबारा मिलता है। वेरडाऊ फटेहाल है और लड़की अमीर हो चुकी है। सेंसर बोर्ड को उसकी अमीरी पर आपत्ति थी। दृश्य इस तरह से है:

कैफे के बाहरी हिस्से में फेड होता है। वेरडाऊ मेज पर बैठा अखबार पढ़ रहा है और यूरोप में संभावित युद्ध के बारे में पढ़ रहा है। वह बिल अदा करता है और बाहर आता है। जिस वक्त वह सड़क पार करने ही वाला है कि अचानक एक स्मार्ट लिमोजिन से टकराते टकराते बचता है। कार के ब्रेक लगते हैं। शोफर गाड़ी रोकता है और हॉर्न बजाता है। लिमोजिन की खिड़की से दस्ताना पहने हुए एक हाथ उसकी तरफ हिलता है। और हैरान हो कर वह देखता है कि ये उसी लड़की का हाथ है जिससे कभी उसकी दोस्ती हुई थी। वह वेरडाऊकोदेखकर मुस्कुराती है। लड़की ने बहुत ही अच्छे कपड़े पहने हुए हैं।

लड़की: कैसे हो, मानवतावादी?

वेरडाऊचकराजाताहै।

लड़की: (अपनीबातजारीरखतेहुए) मेरी याद नहीं है क्या? आप मुझे अपने अपार्टमेंट में ले गये थे। बरसात की एक रात थी!

वेरडाऊ: (हैरानीसे) क्या सचमुच?

लड़की: मुझे खाना खिलाने और पैसे देने के बाद आपने मुझे एक अच्छी लड़की की तरह घर वापिस भेज दिया था।

वेरडाऊ: (हँसतेहुए) ज़रूर ही मैं मूरख रहा होउँगा!

लड़की:(ईमानदारीसे) नहीं, आप बहुत अच्छे थे। कहां जा रहे हैं आप?

वेरडाऊ: कहीं नहीं!

लड़की: आ जाओ!

(वरडाउकारमेंघुसताहै।)

(कारकीभीतरीहिस्सा)

लड़की: (शोफरसे) कैफे लाफार्जे चलो . . . मुझे अभी भी लग रहा है कि आप मुझे नहीं पहचानते। . . आप पहचानेंगे भी क्यों?

वेरडाऊ: (उसकीतरफतारीफभरीनिगाहोंसेदेखतेहुए) इस बात के स्पष्ट कारण हैं कि मैं तुम्हें याद रखूं।

लड़की: (मुस्कुरातीहै) आपको याद नहीं उस रात हम मिले थे। मैं उसी वक्त जेल से बाहर आयी थी।

वेरडाऊ: शी . . . ये ठीक है . . . खिड़की ऊपर है। लेकिन ये सब तुम . . हुआ क्या?

लड़की: वही पुरानी कहानी . . . झोपड़ी से महल तक . . . जब मैं आपसे मिली तो मेरी तो किस्मत ही बदल गयी। मैं एक बहुत ही अमीर आदमी से मिली। युद्ध सामग्री बनाने वाले से।

वेरडाऊ: यही तो वह कारोबार है जो मैं करना चाहता था। किस किस्म का आदमी है वह?

लड़की: बहुत दयालु और उदार। लेकिन अपने कारोबार में वह बहुत बेरहम है।

वेरडाऊ: कारोबार बेरहम काम ही होता है। माय डीयर, क्या तुम उसे प्यार करती हो?

लड़की: नहीं, लेकिन यही बात उसकी दिलचस्पी बनाये रखती है।

ऊपरवाले दृश्य पर सेंसर बोर्ड को इस तरह की आपत्तियां थीं:

दूसरी आपत्तियां दूसरे दृश्यों को ले कर और थोड़े बहुत हंसी मज़ाक को ले कर थीं।

मैं उन्हें यहां दे रहा हूं:

पिछवाड़ेकोखुजानेवालालतीफाहटादियाजाये।

बाथरूममेंटायलेटनहींदिखायेजानेचाहिये।

वेरडाऊकेभाषणमेंसेकृपयाकामुकशब्दहटादें

पत्र इस बात का उल्लेख करते हुए समाप्त किया गया था कि उन्हें मामले पर चर्चा करने के लिए मुझसे मिलने पर अपार खुशी होगी और कि फिल्म के मनोरंजन मूल्य को गंभीर रूप से चोट पहुंचाये बिना निर्माण संहिता की अपेक्षाओं के भीतर कहानी को ला पाना संभव होगा। इसलिए मैं खुद ब्रीन ऑफिस में हाजिर हो गया और मुझे मिस्टर ब्रीन के सामने ले जाया गया। एक ही पल बाद मिस्टर ब्रीन का कोई सहायक एक लम्बा,कठोर चेहरे वाला युवा कमरे में आया। उसकी टोन में ज़रा सा भी मैत्री भाव नहीं था।

'आप के मन में कैथोलिक चर्च के खिलाफ क्या है?' उसने पूछा।

'आप ये क्यों पूछ रहे हैं?' मैंने पूछा।

'यहां' उसने मेरी पटकथा की प्रति मेज पर पटकते हुए और उसके पन्ने पलटते हुए कहा: 'काल कोठरी में जहां अपराधी पादरी से कहता है,का दृश्य: 'मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं भले आदमी?'

'आप ही बताइये, क्या वह भला आदमी नहीं है?'

'यह बेहूदगी है,' उसने नाराज़गी से हाथ हिलाते हुए कहा।

'मैं किसी व्यक्ति को अच्छा कहे जाने में कुछ भी बेहूदा नहीं पाता।' मैंने जवाब दिया।

और इस तरह से हमारी बहस चलती रही। मुझे लगा कि मैं उसके साथ बर्नार्ड शॉ के संवादों का अभिनय कर रहा हूं।

'आप पादरी को एक अच्छा आदमी मत कहिये। आप उसे फादर कहिए।'

'बहुत अच्छी बात है, हम उन्हें फादर कहेंगे।' मैंने जवाब दिया।

'और ये लाइन' उसने एक और पेज की तरफ इशारा करते हुए कहा। 'आपने पादरी से कहलवाया है: `मैं तुमसे यह कहने आया हूं कि ईश्वर के साथ शांति स्थापित कर लो।' और वेरडाऊ जवाब देता है: `ईश्वर के साथ मैं शांतिपूर्वक हूं। मेरा संघर्ष व्यक्ति के साथ है।' आप जानते हैं ये धर्मविरुद्ध है।"

'आपको अपनी राय रखने का अधिकार है,' मैंने अपनी बात जारी रखी, 'और मुझे भी यह अधिकार है।'

'और ये' उसने पटकथा को पढ़ते हुए टोका, 'पादरी कहता है: `क्या तुम्हें अपने पापों के लिए कोई प्रायश्चित नहीं है?' और वेरडाऊ जवाब देता है: `कौन जानता है कि पाप क्या है। जैसे कोई स्वर्ग से पैदा हुआ हो। ईश्वर के गिरे हुए देवदूत से, कौन जानता है किससे कौन सी रहस्यमय नियती का काम बनता है?'

'मेरा विश्वास है कि पाप भी अच्छाई की तरह महान रहस्य है।' मैंने जवाब दिया।

'ये बहुत छद्म दर्शन बघारना है।' उसने हिकारत से कहा।

'और तब आपका वेरडाऊ पादरी की तरफ देखता और कहता है: 'आप बिना पाप के क्या करेंगे?'

'मैं मानता हूं कि ये लाइन थोड़ी विवादास्पद है लेकिन आखिर ये विडंबनापूर्ण हास्य ही तो है और ये पादरी को अनादर के तरीके से संबोधित नहीं किया जायेगा।'

'लेकिन आपका वेरडाऊ पादरी का लगातार मज़ाक उड़ाता रहता है।'

'तो आप क्या चाहते हैं कि पादरी कॉमेडी भूमिका अदा करे?'

'बिल्कुल नहीं, लेकिन आप उसे कोई अच्छा सा जवाब क्यों नहीं देते।'

'देखिए' मैंने कहा, 'अपराधी मरने जा रहा है और बाहादुरी दिखाने के चक्कर में है। पादरी लगातार सभ्य बने रहते हैं और ये लाइनें बिल्कुल ठीक हैं। फिर भी मैं सोचूंगा कि पादरी के उत्तर के लिए कुछ अच्छी लाइनें लिखूं।'

'और ये लाइन' वह बोलता रहा, `ईश्वर आपकी आत्मा पर रहम खाये' और वेरडाऊ जवाब देता है: 'क्यों नहीं? आखिर ये तो उसी से नाता रखती है' '

'इसमें गलत क्या है?' मैंने पूछा

उसने संक्षेप में कहा: '`क्यों नहीं!' आप पादरी से इस तरह बात नहीं करते।'

'यह लाइन अपने आपसे कही गयी है। आपको फिल्म देखने तक का इंतज़ार करना चाहिए।' मैंने कहा।

'आप समाज और पूरे देश की तौहीन कर रहे हैं।' उसने कहा।

'अच्छी बात है। आखिर समाज और राष्ट्र दूध के धुले हुए नहीं हैं और उनकी आलोचना की मनाही भी नहीं हैं। नहीं क्या?'

एक या दो अन्य मामूली परिर्वतनों के बाद आखिरकार पटकथा को पास कर दिया गया। मिस्टर ब्रीन के प्रति पूरी तरह न्याय करते हुए कहूं तो उनकी अधिकतर आलोचना सकारात्मक थी। उन्होंने सोचते हुए कहा, 'लड़की को एक और वेश्या मत बनाइए। हॉलीवुड की हर पटकथा में एक वेश्या होती है'

मुझे ये मानना ही होगा कि मुझे खराब लगा। अलबत्ता, मैंने वादा किया कि इस तथ्य पर ज्यादा ज़ोर नहीं दूंगा।

जब फिल्म पूरी हो गयी तो इसे लीज़न ऑफ डिसेंसी के बीस या तीस सदस्यों, सेंसर तथा विभिन्न हैसियत के धार्मिक समूहों के प्रतिनिधियों को दिखाया गया। मैंने अपने आप को कभी भी इतना अकेला महसूस नहीं किया जितना उस मौके पर कर रहा था। अलबत्ता, जब फिल्म पूरी हो गयी और बत्तियां जल गयी तो मिस्टर ब्रीन बाकी लोगों की तरफ मुड़े: 'मेरा ख्याल है ये ठीक है। आइये चले' उन्होंने अचानक कहा।

वहां मौन छा गया: तभी किसी ने कहा, 'मेरे साथ तो यह ठीक है। कुछ भी छुपाया गया नहीं है।' बाकी चुप रह गए।

ब्रीन शुष्क चेहरे के साथ दूसरों की तरफ उचटती सी निगाह डालते हुए बोले, 'ठीक है, ठीक है, हम इसे पास कर सकते हैं हं?'

बहुत कम प्रतिक्रिया हुई। कुछ लोगों ने हिचकते हुए सिर हिलाया। ब्रीन ने ऐसी सभी आपत्तियों को दर किनार कर दिया जो वे पूछ सकते थे और मेरी पीठ पर धौल जमाते हुए बोले, 'ठीक है चार्ली, आगे काम करो और इसके प्रिंट निकलवाओ।'

मैं फिल्म को उनके द्वारा स्वीकार किये जाने को लेकर थोड़ा हैरान था और यह सोच रहा था कि शुरू में तो वे फिल्म को पूरी तरह से बैन करने पर तुले हुए थे। मैं उनके इस शानदार अनुमोदन को लेकर शक में पड़ गया। क्या वो और कोई रास्ता अपनाएंगे?

जब मैं वेरडाऊ का दूसरी बार सम्पादन कर रहा था तो मुझे युनाइटेड स्टेट्स मार्शल से इस आशय का टेलीफोन संदेश मिला कि मेरे नाम अमेरिकी विरोधी गतिविधियों पर समिति के समक्ष वॉशिंगटन में हाज़िर होने का सम्मन है। कुल उन्नीस लोगों को सम्मन भेजे गये थे।

फ्लोरिडा के सीनेटर पैप्पर उस समय लॉस एंजेल्स में थे और ये सुझाव दिया गया कि हम सलाह के लिए सीनेटर से मिल लें। मैं नहीं गया क्योंकि मेरी स्थिति थोड़ी अलग थी। मैं अमेरिकी नागरिक नहीं था। उस बैठक में हर व्यक्ति इस बात के लिए सहमत हुआ कि वे वॉशिंगटन में बुलाए जाने पर अपने सांविधिक अधिकारों पर टिके रहेंगे (जिन्होंने उनकी जमानत दी उन्हें अदालत की अवमानना के जुर्म में एक वर्ष की सज़ा सुनायी गयी।)

सम्मन में यह ज़िक्र किया गया था कि मुझे वाशिंगटन में मेरे वास्तव में हाज़िर होने के बारे में दस दिन के भीतर बता दिया जाएगा: लेकिन तुरंत एक तार आया कि मेरी हाज़िरी को दस दिन के लिए टाल दिया गया है।

तीसरी बार तारीख बदले जाने के बाद मैंने उन्हें यह उल्लेख करते हुए एक तार भेजा कि मेरी वजह से एक बहुत बड़ा संस्थान अधर में लटका हुआ है और मुझे बहुत हानि हो रही है और चूंकि उनकी समिति हाल ही में मेरे दोस्त हेन्स एस्लर से पूछताछ करने के लिए हॉलीवुड आयी थी, वे उसी समय मुझसे भी पूछताछ कर सकते थे और जनता का पैसा बचा सकते थे। 'अलबत्ता,' मैंने आगे लिखा: 'मैं आपकी सुविधा के लिए यह बताना चाहता हूं कि आप क्या जानना चाहते हैं। मैं कम्यूनिस्ट नहीं हूं और मैं अपने जीवन में न कभी किसी राजनैतिक पार्टी या संगठन ही में शामिल हुआ हूं। आप मुझे शांतिदूत कह सकते हैं। मुझे उम्मीद हैं कि इससे आपकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचेगी। इसलिए कृपया पक्के तौर पर बताइए कि मुझे वॉशिंगटन कब बुलाया जाना है।

आपका,

'चार्ल्स चैप्लिन।'

मुझे हैरानी हुई कि जब मुझे इस आशय का बेहद विनम्रता भरा खत मिला कि मेरे मौजूद रहने की ज़रूरत नहीं हैं और मैं इस मामले को समाप्त समझूं।

· जी दू मुरियर का उपन्यास (1894)

¹अमेरिकी कांग्रेस ने इंटरस्टेट वाणिज्य को नियमित करने के मकसद से मान्न अधिनियम पारित किया था ताकि वेश्यावृत्ति और आम तौर पर अवैध संबंधों पर रोक लगायी जा सके।

तीसरे चौथे दशक के अत्यंत प्रसिद्ध अभिनेता की ख्याति परदे की वजह से उतनी नहीं थी जितनी परदे के बाहर की गतिविधियों की वजह से थी। सुरा और सुंदरी का साथ और अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने के ढंग के कारण वे हमेशा सुर्खियों में रहे। चौथे दशक के शुरू में दो अलग अलग मामलों में उन पर नाबालिग ल़डकियों के साथ बलात्कार के आरोप लगे। उन पर बेहद चर्चित मुकदमे चले और उन्हें दोषमुक्त पाया गया। इन आरोपों से उनके कैरियर पर आंच आने के बजाये उनकी ख्याति और ब़ढी।

·ग्रीक पुराणों का एक खूबसूरत नौजवान जिसे सेलेन ने प्यार किया था और जिसकी जवानी को अंदरूनी नींद ने सुरक्षित रखा था।