"अमेरिकन हसल" अपराध्, मनोरंजन और षड़यंत्र का कॉकटेल / राकेश मित्तल
प्रकाशन तिथि : 01 मार्च 2014
कल रात पूरी दुनिया के सिने प्रेमियों की निगाहें ऑस्कर पुरस्कार समारोह पर टिकी होंगीं। इस बार जिन फिल्मों को ऑस्कर के लिए नामांकित किया गया है, उनमें सबसे ज्यादा दस श्रेणियों में नामांकन डेविड ओ रसल की क्राइम कॉमेडी फिल्म 'अमेरिकन हसल" तथा अलफांसो कुआरोन की साइंस फिक्शन फिल्म 'ग्रेविटी" को मिले हैं। इसके बाद 'ट्वेल्व ईयर्स अ स्लेव" नौ श्रेणियों में नामांकन के साथ दूसरे स्थान पर है। सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए मुख्य मुकाबला इन्हीं तीन फिल्मों में है।
पिछले साल भी डेविड रसल की फिल्म 'सिल्वर लाइनिंग्स प्लेबुक" को आठ श्रेणियों में नामांकन मिला था। ऑस्कर के इतिहास में यह एक रेकॉर्ड है कि किसी एक निर्देशक की फिल्मों को लगातार दो सालों तक अभिनय की चारों श्रेणियों (सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, अभिनेत्री तथा सहायक अभिनेता, अभिनेत्री) के लिए नामांकित किया गया हो। डेविड रसल को अपने कलाकारों से अभिनय करवाने में महारथ हासिल है। उनके कुछ अपने पसंदीदा कलाकार हैं, जिनके साथ वे सहज महसूस करते हैं और जिन्हें वे अपनी फिल्मों में रिपीट करते रहते हैं। 'सिल्वर लाइनिंग्स प्लेबुक" की प्रमुख जोड़ी ब्रेडली कूपर और जेनिफर लॉरेंस ने 'अमेरिकन हसल" में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। पिछले वर्ष जेनिफर लॉरेंस को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का ऑस्कर मिला था।
यह फिल्म सत्तर के दशक के उत्तरार्द्ध में एफबीआई द्वारा किए गए एबस्केम स्टिंग ऑपरेशन पर आधारित है, जिसमें केमडन शहर के मेयर तथा कुछ प्रमुख राजनेताओं के भ्रष्टाचार एवं माफिया के साथ संलिप्तता की पोल खोली गई थी। हालांकि फिल्म पूरी तरह से सिर्फ एबस्केम स्टिंग ऑपरेशन पर फोकस नहीं करती, बल्कि उस घटना को आधार बनाकर निर्देशक और पटकथा लेखक ने अपनी स्वतंत्र कहानी और पात्र बुने हैं। यह बात फिल्म के शुरूआती संदेश में भी स्पष्ट हो जाती है, जहां पर्दे पर लिखा आता है कि 'सम ऑफ दिस एक्चुअली हैपण्ड"।
इरविंग रोजेनफेल्ड (क्रिश्चियन बेल) फर्जी कलाकृतियों का व्यापारी है, जो ऊपरी तौर पर लॉण्ड्री स्टोर्स की श्र्ाृंखला भी चलाता है। एक पार्टी में उसकी मुलाकात सिडनी प्रोसेर (एमी एडम्स) से होती है, जो एक महत्वाकांक्षी एवं चालाक युवती है। दोनों को एक-दूसरे में काफी संभावनाएं दिखती हैं, जिसके चलते वे एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं और व्यवसायिक भागीदार भी बन जाते हैं। सिडनी अमेरिकन होने के बावजूद अपने आप को एक अभिजात्य ब्रिटिश महिला 'लेडी एडिथ" के रूप में प्रस्तुत करती है और जताती है कि उसके कई प्रमुख बैंकरों से घनिष्ठ संबंध हैं। दोनों मिलकर फर्जी लोन देने और पैसा कई गुना करने की स्कीम चलाते हैं। धीरे-धीरे उनका धंधा खूब फलने लगता है। एक एफबीआई एजेंट रिची (ब्रेडली कूपर) एक बार उन्हें रंगे हाथों पकड़ लेता है। वह उन्हें एक प्रस्ताव देता है कि यदि वे दोनों उसका साथ एक स्टिंग ऑपरेशन में दें, जिसके माध्यम से वह कुछ प्रभावशाली नेताओं के भ्रष्टाचार की पोल खोलना चाहता है, तो वह उन्हें छोड़ देगा। न चाहते हुए भी इरविंग और सिडनी को उसका साथ देना पड़ता है। धीरे-धीरे सिडनी अपने आकर्षण के जाल में रिची को फंसा लेती है। उधर इरविंग सिडनी से प्रेम करता है पर वह शादीशुदा है और उसका एक बेटा भी है, जिसे वह छोड़ना नहीं चाहता। इरविंग की पत्नी रोजलिन (जेनिफर लॉरेंस) उसे तलाक नहीं देना चाहती किंतु उसके साथ भी नहीं रहती। सिडनी और रोजलिन इस पूरे खेल को उलझाए रखती हैं। प्यार, धोखा, ईर्ष्या और षड़यंत्र के बीच अनेक नाटकीय घटनाक्रमों से गुजरते हुए फिल्म अपने अंजाम तक पहुंचती है।
इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत कलाकारों का बेहतरीन अभिनय है। इरविंग के रूप में क्रिश्चियन बेल सब पर भारी पड़े हैं। एक भलेमानुष-नुमा शातिर अपराधी के चरित्र को उन्होंने बखूबी जिया है। संवाद अदायगी में उन्होंने एक विशिष्ट धीमे लहजे को अपनाया है, जो पूरी फिल्म में कायम रहा है। दिग्गज अभिनेता रॉबर्ट डी नीरो ने भी माफिया डॉन की अपनी छोटी किंतु मनोरंजक उपस्थिति दर्ज कराई है। नकली शेख के साथ उनका अरबी में वार्तालाप वाला दृश्य देखने लायक है।
फिल्म की गति कुछ धीमी है, जबकि इस तरह की फिल्मों में तेज गति की अपेक्षा की जाती है। कहानी जब भी गति पकड़ने लगती है, वह भावनात्मक रिश्तों में उलझ जाती है। पटकथा इस तरह से लिखी गई है कि हर कलाकार के पास अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए पूरी स्पेस है।
'अमेरिकन हसल" को इस वर्ष पहले ही तीन गोल्डन ग्लोब तथा तीन बाफ्टा पुरस्कार मिल चुके हैं। उम्मीद है कि कल रात भी इसकी झोली में कुछ पुरस्कार अवश्य गिरेंगे।