"इन द मूड फॉर लव" देह के परे प्रेम की अनुभूति / राकेश मित्तल

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"इन द मूड फॉर लव" देह के परे प्रेम की अनुभूति
प्रकाशन तिथि : 22 जून 2013


हांगकांग के मशहूर फिल्मकार वांग कार वाई अपनी काव्यात्मक शैली और कोमल, संवेदनशील बुनावट वाली रोमांटिक फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। शंघाई में जन्मे वांग कार वाई ने हांगकांग को अपनी कर्मस्थली बनाया और वहां के नव-उदारवादी सिनेमा की पहचान बन गए। ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘साइट एंड साउंड’ ने उन्हें वर्तमान समय के विश्व के टॉप टेन निर्देशकों में शुमार किया है। वे पहले चीनी नागरिक हैं, जिन्हें वर्ष 2006 में कान फिल्म समारोह की ज्यूरी का अध्यक्ष बनाया गया और अभी 2013 में फ्रांस के संस्कृति मंत्रालय ने उन्हें देश का सर्वोच्च कला सम्मान ‘कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स’ प्रदान किया है। वर्ष 2000 में प्रदर्शित उनकी फिल्म ‘इज द मूड फॉर लव’ को समीक्षकों की जबर्दस्त सराहना मिली थी। इस फिल्म ने उन्हें विश्व के प्रथम श्रेणी के निर्देशकों में स्थापित कर दिया।

यह फिल्म दो युवा व्यक्तियों के परस्पर आकर्षण की कहानी है, जो एक-दूसरे के करीब आना चाहते हैं लेकिन किसी भी तरह की मर्यादा को नहीं तोड़ना चाहते । उनके प्रेम में तीव्र भावनाएं हैं लेकिन देह शामिल नहीं है। फिल्म का नायक चो (टोनी च्यूंग) एक पत्रकार है, जो कुछ समय के लिए हांगकांग की बहुमंजिला इमारत के एक फ्लैट में किराए से रहने आता है। उसी इमारत में उसके बगल वाला फ्लैट एक खूबसूरत युवती सू (मैगी चंग) ने किराए पर लिया हुआ है। वह एक शिपिंग कंपनी में निजी सचिव पद पर कार्य करती है। दोनों शादीशुदा हैं किंतु उनके जीवन साथी काम के सिलसिले में लंबी यात्राओं पर रहते हैं, जिस कारण चो व सू अक्सर फ्लैट में अकेले होते हैं। प्रतिदिन काम पर जाते हुए वे एक-दूसरे को देखते हैं, अभिवादन करते हैं और सामान्य पड़ोसियों की तरह धीरे-धीरे एक-दूसरे की गतिविधियों से परिचित होने लगते हैं।

कुछ समय बाद उन्हें पता लगता है कि चो की पत्नी और सू के पति का आपस में प्रेम संबंध है, जिसके बारे में वे अभी तक अनभिज्ञ थे। यह बात उन्हें और करीब ले आती है। वे अक्सर एक-दूसरे से मिलने लगते हैं और अपने दर्द साझा करते हैं। अक्सर शाम को काम से लौटने के बाद उनका इमारत के नीचे सड़क की नूडल शॉप्स पर खाने की तलाश में एक-दूसरे से सामना होता है। जैसे-जैसे उनकी मुलाकातें बढ़ती हैं, आस-पड़ोस के लोग उन्हें शक की निगाहों से देखने लगते हैं और उन पर नजरें गड़ाए रखते है। एक रूढ़िवादी समाज मे ंरहते हुए उन्हें हमेशा इस बात का डर बना रहता है कि उनके मेलमिलाप से कोई झंझट न खड़ा हो जाए। इसलिए वे मिलने के समय और स्थान के चुनाव में अत्यंत सावधानी बरतते हैं।

धीरे-धीरे उनमें एक-दूसरे के प्रति आकर्षण बढ़ने लगता है लेकिन वे दैहिक स्तर पर आने में झिझकते हैं क्योंकि अपने जीवन साथियों से धोखा खाने के बावजूद वे उन्हें धोखा नहीं देना चाहते। इस कश्मकश को निर्देशक ने बेहद खूबसूरती से फिल्माया है। वांग की स्थापित शैली के अनुसार पूरी फिल्म एक कविता की तरह गुजरती है। कलाकारों के उम्दा अभिनय के साथ ही इसका बेहतर सशक्त पक्ष है अत्यंत कर्णप्रिय संगीत। फिल्म के मूड को उभारने में इसके संगीत का बहुत बड़ा योगदान है।

पूरी फिल्म में चो की पत्नी और सू के पति को नहीं दिखाया गया है किंतु उनकी उपस्थिति का अहसास बना रहता है। फिल्म के दृश्यों में बहुत गहरे रंगों का उपयोग किया गया है, जो भावना की तीव्रता को और उदात्त बनाते हैं। बारिश की बूंदों, घुमावदार सीढ़ियों, रंगों, परिधानों, बोलती आंखों और चेहरे की भंगिमाओं के माध्यम से कवि हृदय निर्देशक ने प्रेम के अहसास को बहुत खूबसूरती से प्रदर्शित किया है। फिल्म के दोनों प्रमुख कलाकारों ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ अभिनय किया है। टोनी ल्यूंग को इस फिल्म के लिए कान में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी मिला था।

इस फिल्म को अनेक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए। कान फिल्म समारोह में इसे सर्वोच्च पुरस्कार पाम डि-ओर के लिए नामांकित किया गया था। विश्व की श्रेष्ठतम रोमांटिक फिल्मों में इसकी गिनती की जाती है।