"बार्न फ्री" मूक प्यार की अनोखी दास्तान / राकेश मित्तल

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प्रकाशन तिथि : 19 अक्टूबर 2013


जॉर्ज एडम्सन एक मशहूर ब्रिटिश लेखक एवं वन्य प्राणी संरक्षक रहे हैं। ब्रिटिश राज के दौरान भारत के इटावा (उत्तर प्रदेश) में जन्मे जॉर्ज के जीवन का अधिकांश भाग अफ्रीका के जंगलों में बीता। जॉर्ज और उनकी पत्नी जॉय जंगली जानवरों के साथ बहुत आसानी से घुल-मिल जाया करते थे। उनका मानना था कि यदि आप प्यार देते हैं, तो बदले में भी प्यार मिलता है। फिर चाहे वह खूंख्वार जंगली जानवर ही क्यों न हो। उन्होंने एल्सा नामक नवजात शेरनी को युवा होने तक अपने घर में पाला और अपने इस अनुभव पर ‘बार्न फ्री’ नामक किताब लिखी, जो बेहद चर्चित रही। इस किताब पर इसी नाम से निर्देशक जेम्स हिल ने 1966 में एक फीचर फिल्म का निर्माण किया, जिसने जॉर्ज और जॉय एडम्सन को रातों-रात विश्व प्रसिद्ध कर दिया। इस फिल्म को दो ऑस्कर सहित कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।

‘बार्न फ्री’ फिल्म को देखना एकदम अलग तरह का अनुभव है। जंगली जानवरों में भी भावनाएं होती हैं, वे भी खुश और उदास होते हैं, किसी की याद में बेचैन होते हैं, प्यार करते हैं, यह इस फिल्म को देखकर समझ में आता है। फिल्म में जॉर्ज और जॉय की भूमिकाएं बिल ट्रेवर्स और वर्जीनिया मेक्केन्ना नामक दंपत्ति ने निभाई है। इस फिल्म में काम करने के बाद बिल और वर्जीनिया की जिंदगी ही बदल गई। शूटिंग की समाप्ति के बाद उन्होंने ‘बार्न फ्री फाउंडेशन’ की स्थापना की और हमेशा के लिए वन्य प्राणी संरक्षक बन गए।

फिल्म में जो दिखाया गया है, वह वास्तव में घटित हुआ था किंतु उसका हूबहू फिर से फिल्मांकन करना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था। वास्तविक जॉर्ज एडम्सन की मदद के बिना यह संभव नहीं था। शेरों से उनकी दोस्ती के कारण ही इस फिल्म का बनना संभव हुआ। बाद में उनके अनुभवों और सहयोग से अन्य फिल्मों तथा टीवी सीरियलों का निर्माण भी हुआ। जॉर्ज एडम्सन तकनीकी सलाहकार के रूप में पूरी फिल्म की शूटिंग के दौरान जुड़े रहे।

फिल्म की कहानी इस प्रकार है। जॉर्ज (बिल ट्रेवर) अफ्रीका के एक गेम रिजर्व का वॉर्डन है। वह अपनी पत्नी जॉय (वर्जीनिया मेक्केन्ना) के साथ गेम रिजर्व के अहाते में बने वॉर्डन हाउस में रहता है। एक दिन उसे सूचना मिलती है कि एक शेर नरभक्षी हो गया है। इससे पहले कि वह ग्रामीणों का शिकार करे, उसे खत्म करना है। जॉर्ज अन्य कर्मचारियों के साथ उस शेर को ढूंढकर उसे मार डालता है। यह देखकर शेरनी भी उस पर हमला कर देती है। मजबूरन उसे शेरनी को भी मारना पड़ता है। वहां उसे उनके तीन नवजात बच्चे मिलते हैं, जिन्हें वह अपने घर ले आता है। जॉर्ज और जॉय उन अनाथ बच्चों को पालने का निश्चय करते हैं लेकिन यह आसान काम नहीं है। शुरू में बच्चे कुछ नहीं खाते-पीते। बड़ी मुश्किल से कॉड लिवर ऑइल में दूध पाउडर डालकर उन्हें पिलाया जाता है। तीन माह के होने तक उनके दांत इतने बड़े हो जाते हैं कि वे मांस खाना शुरू कर देते हैं। बच्चों की चुहलवाजियां, उनका आपस में खेलना, मस्ती करना, घर का सामान उथल-पुथल कर देना आदि बहुत प्यारा लगता है। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, उन्हें संभालना कठिन होता जाता है। गेम रिजर्व का प्रमुख जॉन कैंडल (जैफरी कीन) उन बच्चों का चिड़ियाघर भेजने की सलाह देता है। तीनों बच्चों में से एक एल्सा नामक मादा शावक को जॉय बहुत पसंद करती है। जॉन के अत्यधिक दबाव के चलते उन्हें दो बच्चों को चिड़ियाघर भेजना पड़ता है पर एल्सा को जॉय अपने पास रख लेती है और घर पर ही पालती है। जब एल्सा वयस्क हो जाती है, तो उसके खतरनाक होने का अंदेशा बढ़ जाता है। जॉन उसे चिड़ियाघर भेजने का आदेश देता है पर जॉय किसी भी कीमत पर उसे चिड़ियाघर के पिंजरे में कैद जिंदगी गुजारते नहीं देख सकती। वह जॉन से कहती है कि एल्सा स्वतंत्र पैदा हुई थी और उसे स्वतंत्रता से जीने का पूरा अधिकार है। जॉय उसे जंगल में छोड़ना चाहती है पर मुश्किल यह है कि शेरनी होने के बावजूद वह शिकार करना नहीं जानती क्योंकि वह घर के संरक्षण में पली-बढ़ी है।

जॉय, जॉन से तीन महीने का समय लेती है, ताकि इस दौरान एल्सा को जंगली बनने का प्रशिक्षण देकर जंगल में रहने लायक बना सके। जॉर्ज और जॉय रोज उसे भूखा रखकर जंगल में अलग-अलग जगह छोड़ते हैं पर एल्सा दिन भर हिरणों के साथ खेलकर शाम को घर आ जाती है और उसे खाना देना पड़ता है। जंगली सूअर का छोटा बच्चा भी उसे मारकर भगा देता है। मगर कड़े परिश्रम के बाद वे उसे शिकार करना सिखा ही देते हैं और एक शेर के साथ छोड़ देते हैं। एल्सा को जंगल में छोड़कर जॉर्ज और जॉय एक साल की छुट्टियां मनाने इंग्लैंड चले जाते हैं। वापस आकर वे एल्सा को जंगल में खोजने की कोशिश करते हैं और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता जब एल्सा अपने साथी शेर और तीन बच्चों के साथ उनसे मिलने आती है।

इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी धूम मचा दी थी। 1966 में यह ब्रिटेन की सर्वाधिक देखी जाने वाली फिल्म थी। फिल्म का गीत-संगीत लाजवाब है, जिसके लिए इसे ऑस्कर, गोल्डन ग्लोब एवं ग्रैमी अवॉर्ड प्राप्त हुए। वर्जीनिया मेक्केन्ना को बेहतरीन अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का गोल्डन ग्लोब पुरस्कार मिला। इसके अलावा इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म व निर्देशन के लिए भी गोल्डन ग्लोब दिया गया।