'अेक आन्दोलन है कथेसर' / कथेसर
मुखपृष्ठ » | पत्रिकाओं की सूची » | पत्रिका: कथेसर » | अंक: जुलाई-सितम्बर 2012 |
'कथेसर’ रै दूजै अंक , 'आसोज मांय मेह’ अर 'बांतां री ओबरी’ रो विमोचन
बीकानेर. ख्यातनाम कवि-समालोचक डॉ. आईदान सिंह भाटी रो मानणों है कै आज रै बाजारवादी जुग में संवेदना नै बचावणो मोटी चुनौती है। जीयाजूण री भाजान्हासी में संवेदना रो सागर सूख रैयो है अर मिनख धन रै लारै बावळो हुयोड़ो आपरी जड़ां सूं कटतो जा रैयो है । वै 18 मई नै बीकानेर रै मरुधर हैरिटेज होटल रै विनायक सभागार में राजस्थानी तिमाही पत्रिका 'कथेसर’ रै दूजै अंक रै विमोचन समारोह में सिरै पावणा रूप में बोलै हा। इण जळसै में चावा कवि निशान्त रै नूंवै कविता संग्रै 'आसोज मांय मेह’ अर युवा लिखारा संदीप मील री राजस्थानी बाल कथावां री पोथी 'बांता री ओबरी’ रो विमोचन ई हुयो।
जळसै रो बडेरचारो करता थकां नामी कथाकार अन्नाराम सुदामा कैयो कै जमीन सूं जुड़्योड़ो रचनाकार ही आपरे बगत रै सांच नै रचनावां री मारफत प्रगट कर सकै। साहित्य री सबळाई सारू जरूरी है लिखारा जीवण जथारथ नै सावळ जांचै -परखै। 'कथेसर’ रा संपादक अर कथाकार रामस्वरूप किसान कैयो कै 'कथेसर’ फगत पत्रिका कोनी अेक आन्दोलन है। 'कथेसर’ थापित रचनाकारां सागै नूवां लिखारां नै ई मंच देवैला पण पैली प्राथमिकता रचना रो स्तर रैवैला। 'कथेसर’ संपादक अर कथाकार डा. सत्यनारायण सोनी कैयो कै 'कथेसर’ कथा -आलोचना री सुनेड़ नै मेटण सागै भारतीय भाषावां बिचाळै राजस्थानी कहाणी नै आपरै पगां ऊभी करणै सारू प्रतिबद्ध है।
इण मौकै डॉ. मदन गोपाल लढ़ा 'कथेसर’ पत्रिका, सतीश छीम्पा 'आसोज मांय मेह’ अर राजूराम बिजारणियां 'बातां री ओबरी’ माथै पत्रवाचन कर्यो। कथेसर रा प्रबन्ध सम्पादक विनोद स्वामी भरोसो जतायो कै पाठकां-लिखारां अर विज्ञापनदातावां रै सैयोग रै पाण 'कथेसर’ राजस्थानी री प्रतिनिधि पत्रिका रै रूप देश-विदेश में ठौड़ बणावैला। 'कथेसर’ में छपण वाळी अेक टणकी कहाणी माथै हर बरस 'कथेसर’ पसाव ‘ देवणै री घोषणा ई करीजी।
जळसै रा खास मिजमान खिनाणियां सरपंच छोटूराम कासणियां कैयो कै राजस्थानी रै प्रचार-प्रसार सारू पत्र-पत्रिकावां भोत जरूरी है। राजस्थानी मोट्यार परिषद रा प्रदेश सह-संयोजक सुरेन्द्रसिंह शेखावत मायड़ भाषा री मानता सारू अेकठ संघर्ष री जरूरत बताई। जळसै में वरिष्ठ अधिवक्ता उपध्यानचन्द्र कोचर, पीआर लील, मायामृग, असद अली 'असद’ आद ई विचार राख्या। मंच संयोजन कवि-कथाकार प्रमोद कुमार शर्मा अर डा. रचना शेखावत कर्यो। इण मौकै बोधि प्रकाशन-जयपुर अर कथेसर प्रकाशन-परलीका कानी सूं पोथी प्रदर्शनी भी लगाईजी।
-मुकेश रंगा