'इंस्पेक्टर' काजोल छोटे परदे पर / जयप्रकाश चौकसे

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'इंस्पेक्टर' काजोल छोटे परदे पर
प्रकाशन तिथि : 01 मई 2014


डेनमार्क का लोकप्रिय सीरियल अमेरिका में 'किलिंग' के नाम से बनाया गया जबकि मूल भाषा में उसका अर्थ 'अपराध' होता हे। अब उसी पटकथा को टेलीविजन के लिए हिंदी में काजोल को केंद्रीय पात्र में लेकर बनाए जाने की तैयारी चल रही है। काजोल को 'किलिंग' रोचक लगा है और भारतीय संस्करण में महिला जासूस के बदले पात्र को महिला इंस्पेक्टर बनाया जा रहा है। दक्षिण भारत की सुपरसितारा जिसने 'ईश्वर' में नायिका की भूमिका की थी, उसने महिला पुलिस इंस्पेक्टर के रूप में सफल फिल्मों की शांृखला खड़ी कर दी थी। उसका नाम विजयाशांति है और उसकी अभिनीत 'तेजस्वनी' के मूल तमिल और तेलगू संस्करणों की भव्य सफलता के बाद आंध्र और तमिलनाड़ में अनेक युवा लड़कियों ने पुलिस विभाग में दाखिला लिया था। सिनेमा द्वारा सामाजिक परिवर्तन इस तरह भी आते हैं। भारतीय पुलिस में महिलाओं की संख्या हमेशा कम रही है क्योंकि यह एक लोकप्रिय धारणा रही है कि कुछ नौकरियों को पुरुषों के लिए ही उचित माना गया है। हमारे पढ़े-लिखे वर्ग का यह हाल है कि एक बार हवाई यात्रा में पायलेट के महिला होने की घोषणा हुई तो मेरे पड़ोस की सीट पर बैठे व्यक्ति ने उस यान से उतरने की पेशकश की, परंतु एन उड़ान के समय यह संभव नहीं हुआ। हवाई यात्रा में उड़ान भरने के पहले पायलेट के नाम की घोषणा की परंपरा है। जब हम गन्तव्य पर सुरक्षित पहुंचे तो मेरे सहयात्री ने संतोष की सांस ली और स्वीकार किया कि लैंडिंग स्मूथ थी। बहरहाल सभी प्रांतों की पुलिस में महिलाओं की संख्या कम है और वर्धा के गांधी विद्यालय को चांसलर रॉय महोदय का शोध बताता है कि मुसलमानों की संख्या भी अत्यंत कम है। वैचारिक संकीर्णता कई जगह अनेक ढंग से अभिव्यक्त होती है।

बहरहाल काजोल पहली सुपरसितारा होगी जो सीरियल में काम करेगी, प्राय: वे एंकर होती हैं। काजोल अत्यंत प्रतिभाशाली हैं और उनका छोटे परदे पर आगमन हमें वर्तमान टेलीविजन महिलाओं की ओवरएक्टिंग से संभवत: निजात दिलाए। कुछ समय पूर्व अनिल कपूर के '२४' में मंदिरा बेदी ने कमाल का अभिनय किया था और उस सीरियल की गुणवत्ता की प्रशंसा के कारण ही आज काजोल जैसे सितारे के साथ सीरियल बनाया जा रहा है। आजकल टेलीविजन में लोकप्रिय सितारों को एक या दो लाख प्रति एपिसोड के मिलते हैं और सप्ताह में चार एपिसोड बनाये जाते हैं। गोयाकि आठ लाख प्रति सप्ताह की आय वाले सितारे हैं। सामान्य कलाकारों को भी चालीस हजार प्रति एपिसोड मिलता है। दरअसल एकता कपूर ने अपनी बालाजी कम्पनी के तहत एक ही समय में अनेक सीरियलों का निर्माण करके अनेक युवा कलाकारों और तकनीशियनों को यथेष्ठ धन दिया है और इसी कारण पश्चिम अंधेरी की लोखंडवाला और वर्सोवा में मांग बढऩे के कारण फ्लैट का किराया अब पच्चीस हजार से बढ़कर पचास हजार प्रतिमाह हो गया है। कुछ बस्तियों का नाम ही 'एकता नगर' किया जा सकता है।

बहरहाल काजोल की हैसियत की कलाकार का मेहनताना प्रति एपिसोड पांच से दस लाख संभव है। आज टेलीविजन उद्योग के कारण अनेक नौकरियों के अवसर बढ़े हैं और यह उद्योग अभी अपनी बाल अवस्था में हैं। यह उद्योग पचास हजार करोड़ प्रतिवर्ष का शीघ्र ही हो जाएगा। काजोल के लिए रोल मॉडल विजयशांति हो सकती है और मंदिराबेदी की गहन सघन भावना भी कमाल की रही, परन्तु काजोल अपने मौलिक ढंग से ही भूमिका करेगी। ज्ञातव्य है कि उनके पति अजय देवगन ने प्रकाश झा की 'गंगाजल' में इंस्पेक्टर की भूमिका में अत्यंत ऊंचा मानदंड स्थापित किया है। सच तो यह है कि इंस्पेक्टर के रूप में श्रेष्ठतम प्रयास था। यह भी संभव है कि 'किलिंग' की सफलता के बाद हम अजय देवगन और काजोल को इंस्पेक्टर दंपती के रूप में किसी फिल्म में देखें, संभवत: 'सिंघम तीन' में।

ज्ञातव्य है कि काजोल तनूजा की सुपुत्री हैं जो स्वयं अभिनेत्री शोभना समर्थ की पुत्री तथा महान नूतन की छोटी बहन हैं। ये प्रतिभा वंशानुगत परंपरा की तरह विकसित हुई है। स्वयं अजय देवगन के पिता वीरू देवगन श्रेष्ठ एक्शन डायरेक्टर रहे हैं। यह भी संभव है कि काजोल से सबक लेकर कई शिखर महिला सितारे इस क्षेत्र में उतरें।