'खइके पान' अब रणवीर सिंह के नाम / जयप्रकाश चौकसे

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'खइके पान' अब रणवीर सिंह के नाम
प्रकाशन तिथि : 10 अप्रैल 2019


सलीम जावेद ने प्रसिद्ध सिनेमैटोग्राफर नरीमन ईरानी के लिए अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म 'डॉन' लिखी थी। फिल्म की शूटिंग तीन-चौथाई हो चुकी थी और नरीमन ईरानी मनोज कुमार की 'क्रांति' के लिए शूटिंग कर रहे थे कि सेट पर बनाई एक दीवार उन पर गिर गई और उनकी मृत्यु हो गई। कुछ लोगों का विचार था कि निर्माता ने पैसे बचाने के लिए अधकचरी कमजोर-सी दीवार बनाई थी और यह जानकारी नरीमन ईरानी को नहीं दी गई थी। बहरहाल, सलीम खान ने फिल्म के पूंजी निवेशक को यकीन दिलाया कि वे स्वयं फिल्म को पूरा करेंगे और उन्होंने बहुत परिश्रम करके अपना वादा निभाया तथा अखिल भारतीय प्रदर्शन का जुगाड़ भी जमाया। फिल्म सफल रही और सलीम खान ने सारा मुनाफा दिवंगत नरीमन ईरानी की पत्नी को सौंप दिया।

वर्षों बाद जब जावेद अख्तर के साहबजादे फरहान अख्तर ने 'डॉन' का नया संस्करण तत्कालीन सुपर सितारे शाहरुख खान के साथ बनाने के लिए मूल पटकथा के लेखक सलीम (जावेद) से लिखित इजाजत मांगी। तब सलीम ने सहर्ष बिना एक भी रुपया लिए इजाजत दी और यह भी कहा कि उनकी तथा जावेद अख्तर की लिखी तमाम पटकथाओं के लिए भी वे उसी समय कानूनी दस्तावेज पर नि:शुल्क इजाजत दे सकते हैं। ज्ञातव्य है कि सलमान खान ने इस तरह की फिल्में नहीं बनाई हैं। उनका अपना ही फिल्म मदरसा है।

ताज़ा खबर यह है कि फरहान अख्तर अब 'डॉन' का एक और संस्करण बनाने जा रहे हैं और इस बार डॉन की भूमिका इस दौर के सितारे रणवीर सिंह करने जा रहे हैं गोयाकि डॉन बदलते रहते हैं परंतु अपराध जगत भी कायम है और उस पर फिल्में बनाना भी जारी है। रणवीर सिंह फरहान की बहन 'जोया अख्तर' के साथ दो फिल्में कर चुके हैं। 'गली बॉयज' दूसरी फिल्म थी। अत: यह उनके लिए अजनबी घराना नहीं है। फिल्म उद्योग में सब अपने-अपनों के साथ ही काम करते हैं और प्रति शुक्रवार रिश्ते बनते-बिगड़ते रहते हैं। मारियो पुजो के उपन्यास से प्रेरित फिल्म 'गॉडफादर' बनी है। ज्ञातव्य है कि इटली के स्वायत्त क्षेत्र सिसली से अमेरिका गए अधिकतम लोगों ने सुनियोजित अपराध जगत में प्रवेश किया है। एक फिल्म का नाम ही था 'सिसिलियन क्लॉन'। सिसली को हम सुसंस्कृत यूरोप का चंबल कह सकते हैं। 'गॉडफादर' में अभिनय के लिए मैथड स्कूल के कलाकार मार्लन ब्रैंडो ने अपने दांत निकलवा लिए थे ताकि वे नकली दांत का डेन्चर पहन सकें। सिसली में जन्मे अमेरिका में आए लोग अमेरिकी भाषा अपने ही ढंग से बोलते हैं। उनसे बात करते हुए यह जाना जा सकता है कि यह व्यक्ति सिसली में जन्मा है। मार्लन ब्रैंडो ने शल्य चिकित्सा कराकर एक छोटी गांठ अपने माथे पर लगवा ली थी। ठीक सी तरह की गांठ हमारे दिलीप कुमार के माथे पर जन्म से ही है। दिलीप कुमार हमेशा मार्लन ब्रैंडो को अपना आदर्श मानते रहे हैं। यह विचारणीय है कि 'डॉन' बार-बार क्यों बनाई जाती है। सरल-सा जवाब तो इस शाश्वत उक्ति में है कि 'क्राइम नेव्हर पेज़, बट क्राइम फिल्म डू'। अपराधी पकड़े ही जाते हैं परंतु अपराध फिल्में मोटा लाभ कमाती है। यह बात भी सच ही लगती है कि राजनीति में अपराध करके भी सजा नहीं होती।

'डॉन' विषय में भरपूर एक्शन दृश्य और प्रेम संबंध प्रस्तुत किए जाते हैं और अपराध जगत को मनोरंजन प्रदान करने वाली 'गुड़िया' भी नायक से मन ही मन प्रेम करती है और खलनायक के पंजे से उसे छुड़ाने का जतन भी करती है। सिनेमा की विकसित टेक्नोलॉजी के प्रयोग की भी इसमें भरपूर गुंजाइश होती है। सारांश यह है कि लोकप्रियता के सारे मसाले इसमें ठूंसे जा सकते हैं। ज्ञातव्य है कि जब सलीम-जावेद की लिखी डॉन बन चुकी थी तब उन्होंने महसूस किया कि फिल्म में पीछा करने के दृश्य बहुत अधिक हैं तो दर्शक की राहत के लिए एक गीत ठूंसा जाए। सलीम निर्देशक कमल बारोट के साथ संगीतकार कल्याणजी भाई और आनंदजी भाई के संगीत कक्ष पहुंचे। सारी बातें सुनकर कल्याणजी ने कहा कि देव आनंद अभिनीत 'बनारसी बाबू' के लिए उन्होंने गीत बनाया था 'खइके पान बनारस वाला, खुल जाए बंद अकल का ताला' परंतु मिजाज से अंग्रेज देव आनंद को भांग के नशे में गाया जाने वाला गीत पसंद नहीं आया। कल्याणजी ने सलीम को जैसे ही गीत सुनाया, उन्होंने इसे पसंद कर लिया परंतु कल्याणजी का समर्पण भाव ऐसा था कि वे चार-पांच विकल्प अवश्य देते थे। जब कल्याण जी निवृत्त होने गए तब आनंदजी ने सलीम साहब से कहा कि आप सारे विकल्प सुनकर कल्याणजी को थोड़ा थका दें तो वे स्वयं ही पहले वाली रचना को रिकॉर्ड करने के लिए तैयार हो जाएंगे। ऐसा ही किया गया और उस एक गीत और उसकी अमिताभ बच्चन द्वारा की गई बकमाल अदाकारी के कारण ही फिल्म ने काफी अतिरिक्त कमाई की। कहते हैं कि दाने-दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम वैसी ही गाने-गाने पर लिखा है सितारे का नाम।