अक्षय खन्ना: सादगी और स्वाभाविकता का जीवन / जयप्रकाश चौकसे

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अक्षय खन्ना: सादगी और स्वाभाविकता का जीवन
प्रकाशन तिथि : 16 अप्रैल 2019


अक्षय खन्ना विविध भूमिकाएं अभिनीत कर रहे हैं। उनके साथ काम करने वाले सभी कलाकार यह स्वीकार करते हैं कि अक्षय खन्ना किसी भी प्रकार के सितारा नखरे नहीं दिखाते और अत्यंत अनुशासित कलाकार हैं। उन्हें भोजन में भी राजमा चावल पसंद है। अपने आत्मसम्मान को अक्षुण्ण बनाए रखते हैं। यह सच है कि वे प्रारंभिक दौर में बतौर नायक प्रस्तुत किए गए और वे फिल्में असफल रहीं परंतु फिल्मकारों के दोष का दंड उन्हें मिला। विगत कुछ वर्षों में चरित्र भूमिकाओं में उन्हें दर्शक पसंद कर रहे हैं और अब कुछ फिल्मकार उनके लिए बेहतर भूमिकाएं भी लिख रहे हैं। ताजा समाचार यह है कि एक राजनीतिक दल ने सब जतन करके देख लिए परंतु अक्षय खन्ना ने चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया। नौबत यहां तक आई कि कुछ फिल्मकारों को भी निवेदन किया गया कि वे किसी तरह उन्हें राजी कर लें, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए। मुंबई के ही शांत क्षेत्र मड आईलैंड में अक्षय खन्ना का एक बंगला है। जब वे शूटिंग नहीं कर रहे होते, तब उसी बंगले में तन्हा रहते हैं। उनका कोई प्रेम प्रकरण भी सामने नहीं आया है। अक्षय खन्ना ने अन्य कलाकारों की तरह अपने चारों ओर चाटुकार नहीं रखे हैं।

वे अपना हिसाब-किताब भी स्वयं ही देखते हैं। विनोद खन्ना अपने दौर में अमिताभ बच्चन के समकक्ष सितारे रहे हैं परंतु आचार्य रजनीश के प्रभाव में वे अमेरिका चले गए। कुछ समय बाद सारे भ्रम से मुक्त होकर वापस लौटे परंतु उस समय तक फिल्म उद्योग बदल चुका था। विनोद खन्ना ने सलमान खान अभिनीत 'दबंग' में उनके पिता की भूमिका अभिनीत की थी। विनोद खन्ना लंबे समय तक सांसद भी रहे हैं। अक्षय खन्ना ने एकाकीपन को साध लिया है। यह आसान काम नहीं होता। हम मुंह से कुछ भी कहें परंतु हमेशा चंद लोगों का साथ चाहते हैं। एकाकीपन को साधना अध्यात्म की ओर ले जाता है। अक्षय खन्ना आध्यात्मिक होने का दावा भी नहीं करते। उनकी तटस्थता के भाव को आसानी से समझा भी नहीं जा सकता। सामान्य जीवन जीते हुए भी हम स्वयं को बेहतर करने का प्रयास कर सकते हैं। आसपास के शोर में तन्मयता को साधा जा सकता है। मानसिक शांति एक तीसरी अवस्था है। अक्षय खन्ना कभी किसी भूमिका को अभिनीत करने के लिए किसी प्रकार का स्वांग नहीं करते। वे पात्र की भावना को समझ लेते हैं और सहज ढंग से अभिनीत कर देते हैं। भावना को कम से कम प्रयास से इंटरनलाइज करना उन्हें बखूबी आता है। हाल ही में एक निर्माता ने उन्हें कोर्ट रूम केंद्रित अपनी फिल्म के लिए अनुबंधित किया है। इसी फिल्म में उनके साथ तापसी पन्नू हैं जो फिल्म में अक्षय खन्ना अभिनीत पात्र के खिलाफ एक मुकदमा लड़ रही हैं। अक्षय खन्ना और तापसी पन्नू दोनों सहजता से भावों को व्यक्त करने में सक्षम कलाकार हैं। दोनों में यह समानता भी है कि वे सितारा तामझाम से पूरी तरह मुक्त हैं। आजकल कुछ कलाकार अपने काम से काम रखते हुए निर्माता पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं डालते। इन दिनों लंदन में एक फिल्म की शूटिंग चल रही है। इसमें सौरभ शुक्ला और अनिल कपूर के कुछ दृश्य हैं। अनिल कपूर, सौरभ शुक्ला का अभिनय देखकर दंग रह गए। अनिल कपूर अपनी भूमिकाओं के लिए बहुत पूर्व तैयारी करते हैं और कमोबेश मेथड स्कूल के कलाकार माने जाते हैं। सौरभ शुक्ला रंगमंच पर भी सक्रिय रहे हैं और उनके अभिनय में गजब की स्वाभाविकता है।

अक्षय खन्ना को राजमा पसंद है और सुबह-शाम वे राजमा खाते हैं। ज्ञातव्य है कि राजमा में अच्छी खासी मात्रा में प्रोटीन होता है। ज्ञातव्य है कि पहाड़ की चोटी पर देवी के मंदिर तक यात्रियों को कहार उठाकर ले जाते हैं। 14 किलोमीटर की चढ़ाई दिन में तीन बार करने वाले ये मेहनतकश लोग राजमा की खीर खाते हैं। किसी भी व्यक्ति का भोजन भी उसके व्यक्तित्व की पहचान बता सकता है। अक्षय खन्ना का राजमा प्रेम ही उनके व्यक्तित्व को समझने की एकमात्र कुंजी है।