अच्छी / रूपम झा
Gadya Kosh से
खिड़की के शीशे में चिड़िया को चोंच मारते देखकर बेटी ने माँ से पूछा-माँ यह चिड़िया खिड़की के शीशे में अपना चोंच क्यों मार रही है। भागती भी तो नहीं है। भगाने पर फिर वापस आ जाती है। माँ मुस्कुराते हुए बोली खिड़की के शीशे में उसे अपना चेहरा दिखाई दे रहा होगा। उसे लगता होगा कि उसी के जैसी कोई चिड़िया इस कमरे में बंद है। वह चाहती होगी कि वह चिड़िया कमरे में बंद न रहे। उसके साथ मुत्तफ़ आकाश में उड़े। बेटी सुनकर कुछ देर चुप रही फिर माँ से बोली "तब तो इंसान से अधिक अच्छी चिड़िया ही है ना।"