अजय-शाहरुख या कर्ण-अर्जुन! / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 05 अक्तूबर 2012
शाहरुख खान अभिनीत और रोहित शेट्टी निर्देशित 'चेन्नई एक्सपे्रस' की शूटिंग यशराज स्टूडियो में चल रही है। अजय देवगन अपने परम मित्र रोहित शेट्टी (जिन्होंने उनके साथ कई सफल फिल्में बनाई हैं) को बधाई देने सैट पर पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात शाहरुख खान से हुई और दोनों के बीच का सुखद रसायन देखकर यह कहना कठिन था कि १३ नवंबर दीपावली के अवसर पर दोनों की फिल्मों 'सन ऑफ सरदार' और 'जब तक है जान' में सीधी भिड़ंत है। बॉक्स ऑफिस पर इस युद्ध को कर्ण और अर्जुन के बीच हुए कुरुक्षेत्र के युद्ध की तरह प्रचारित किया जा रहा है, परंतु उस दिन सैट पर तो दोनों ऐसे मिले मानो महाभारत में श्रीकृष्ण एवं कुंती के आग्रह पर कर्ण ने पांडव की ओर से लडऩा स्वीकार कर लिया हो, क्योंकि कर्ण ही सबसे बड़े पांडव इस अर्थ में थे कि वे कुंती के पहले पुत्र थे।
बहरहाल, फिल्म उद्योग महाभारत नहीं है, परंतु अजय देवगन दानवीर कर्ण हैं और यह भी साम्य है कि एक्शन फिल्म 'फूल और कांटे' से अपना कॅरियर शुरू करने के कारण लंबे समय तक उनकी महान अभिनय प्रतिभा के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर वे अधिरथ पुत्र कर्ण की तरह रहे, जबकि बड़े निर्माताओं के लाड़ले शाहरुख को अर्जुन ही समझा गया। विगत कुछ वर्षों में जब शाहरुख टेक्नोलॉजी को श्रीकृष्ण समझने की भूल के कारण 'रा.वन' और 'बिल्लू' जैसी फिल्में करते रहे, तब अजय देवगन 'सिंघम' इत्यादि करके बॉक्स ऑफिस पर सौ करोड़ कमाई वाले दल में आ मिले।
दरअसल अजय देवगन प्रकाश झा की फिल्मों में अभिनय प्रतिभा दिखा चुके थे, परंतु रोहित शेट्टी निर्देशित मसाला मनोरंजन ने उन्हें सीधे शीर्ष पर पहुंचा दिया। उन्होंने संजय लीला भंसाली की 'हम दिल दे चुके सनम' में भी कमाल का अभिनय किया था। सलमान खान ने अजय देवगन की मित्रता के कारण 'सन ऑफ सरदार' में अतिथि भूमिका की है। सच तो यह है कि फिल्मी सितारे अपनी प्रतिद्वंद्विता के कारण आपस में अच्छे मित्र नहीं हो पाते, परंतु सलमान खान और अजय देवगन के बीच अनाम-सा रिश्ता है।
अजय देवगन ने अपने कॅरियर में विविधता का निर्वाह किया है और मसाला फिल्मों के साथ सार्थक फिल्में भी की हैं। वह इस मायने में शाहरुख खान से बेहतर हैं कि वह नाटकीय भूमिकाओं के साथ हास्य एवं एक्शन भी स्वाभाविकता से निबाह ले जाते हैं। दूसरी ओर शाहरुख खान अपनी विराट व्यावसायिक सफलता के भार के कारण जीवन में भी हंस नहीं पाते, क्योंकि जब वे सोने का प्रयास कर रहे होते हैं, तब भी उनकी कंपनियां और पूंजी निवेश मुद्रा छापता रहता है। धन की विपुलता आदमी को कई मामलों में बड़ा गरीब कर देती है। एक तो आपसे हर मिलने वाला मुलाकात को कैश करना चाहता है, अत: हाथ मिलाते हुए भी भय लगता है कि अंगूठी न निकाल ले। सफलता आपसे बहुत कुछ छीन लेती है। मुफलिस मौज में ठहाके लगाता है और गरीबी को भी अपने लिए मनोरंजन बना लेता है। कड़की के दिनों में एक ही दाल को चार कटोरियों में डालकर पांच कोर्स डिनर का आनंद भी लिया जा सकता है। शाहरुख और काजोल की जोड़ी सफल रही है और काजोल ने अजय देवगन से प्रेम विवाह किया है और यह अत्यंत सुखद सरल रिश्ता है। काजोल अत्यंत मनमौजी परंतु निष्ठावान पत्नी हैं। आज तो उसका पति भी सुपर सितारा हो गया है, अत: इस दिवाली पूजा में उसकी प्रार्थना 'सन ऑफ सरदार' के लिए ही होगी। इस दीवाली पर शाइनिंग इंडिया के मल्टीप्लैक्स 'जब तक है जान' पर ज्यादा निर्भर करेंगे, परंतु भारत के एकल सिनेमा में 'सन ऑफ सरदार' पर सिक्के उछाले जाएंगे।