अजीत कौर
Gadya Kosh से
अजीत कौर

| जन्म | 16 नवम्बर 1934 |
|---|---|
| जन्म स्थान | लाहौर, (तब हिन्दुस्तान), पाकिस्तान |
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| अब तक उन्नींस कहानी संग्रह, तीन उपन्यास, एक रेखा चित्र, एक यात्रा संस्मरण और आत्मकथा की दो पुस्तकें 'खानाबदाश' और 'कूड़ा-कबाड़ा'। ’नीला कुम्हार’ के नाम से एक साहित्यिक संस्मरणों का संग्रह। अनेक कहानियों का भारतीय एवं विदशी भाषाओं में अनुवाद। पाँच कहानियों पर टेली फिल्मों का निर्माण। 'गुलबानो'(1963), 'महिक दी मौत'(1966), 'बुत शिकन'(1966), 'फालतू औरत'(1974), 'सावियाँ चिड़ियाँ'(1981), 'मौत अलीबाबा दी'(1985), 'ना मारो'(1990) और 'नवम्बर चौरासी'(1996) काले कुएँ और दास्तान एक जंगली राज
की इनके प्रमुख कहानी संग्रह हैं। उड़िया कवियों सीताकांत महापात्र और रमाकांत रथ की कविताओं का पंजाबी में अनुवाद किया है। | |
| विविध | |
| 1979 में पंजाब सरकार का शिरोमणी साहित्य पुरस्कार । 1983 में पंजाबी अकादमी, दिल्ली का साहित्य पुरस्कार। 1986 में खानाबदोश (आत्मकथा) पर साहित्य अकादमी पुरस्कार । फिर 1986 में ही बाबा बलवंत अवार्ड।
1989 में भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता का पुरस्कार । पद्मश्री से सम्मानित। आजादी के बाद की पंजाबी की सबसे उल्लेखनीए साहित्यकार मानी जाती हैं। इनकी सात किताबें पाकिस्तान में प्रकाशित हुई हैं। | |
| जीवन परिचय | |
| अजीत कौर / परिचय | |
