अदालत में भीड़ू, जैकी श्रॉफ की विजय / जयप्रकाश चौकसे

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अदालत में भीड़ू, जैकी श्रॉफ की विजय
प्रकाशन तिथि : 23 मई 2020


जैकी श्रॉफ और उनकी पत्नी आयशा श्रॉफ को उच्च न्यायालय ने राहत प्रदान की है। ज्ञातव्य है कि जैकी श्रॉफ ने एक अंतरराष्ट्रीय चैनल के भारत में प्रवेश के समय कुछ शेयर खरीदे थे। रत्नम अय्यर और जैकी श्रॉफ ने भागीदारी में शेयर खरीदे थे। शेयर बेचने के लिए भागीदारों में अनुबंध हुआ था। जैकी श्रॉफ का कहना है कि उस अनुबंध पर उनके हस्ताक्षर जाली हैं। सन् 2010 में जैकी श्रॉफ ने इस बाबत थाने में शिकायत दर्ज की थी। बहरहाल, इस पेचीदा केस में निर्णय यह है कि रत्नम अय्यर और जैकी श्रॉफ के ज्वाइंट अकाउंट में शेयर बिक्री से आया धन जैकी श्रॉफ को मिलेगा। पहले इस पर लगाई रोक को अवैध घोषित किया गया है। यह राशि लगभग चार मिलियन डॉलर है।

ज्ञातव्य है कि मुंबई के श्रेष्ठि वर्ग के रिहाइशी क्षेत्र बाल्केश्वर रोड, नेपियन सी रोड और हार्कनेस रोड जिस जगह मिलते हैं, उसे तीन बत्ती कहते हैं। रईसों की बस्ती के इर्द-गिर्द झोपड़पट्‌टी क्षेत्र बस जाता है, जिसमें उनके सेवकों का अमला रहता है। जैकी श्रॉफ इसी क्षेत्र में जन्मे और युवा हुए। वे अलमस्त व्यक्ति रहे। उन्हें मोटर बाइक चलाने का शौक पैदा हुआ और वे इस काले घोड़े के डॉक्टर बन गए। उनका हाथ लगते ही बिगड़ी मशीन ठीक हो जाती थी। गोयाकि जैकी के हाथ में शिफा थी। जीवन की पटकथा में अजब-गजब मोड़ आते हैं। फिल्मकार सुभाष घई एक सितारा पुत्र के साथ फिल्म बना रहे थे। सितारा पुत्र सनकी मिजाज का गैर जिम्मेदार व्यक्ति था। इस ‘फादर इंडिया’ सपूत ने सुभाष घई को इतना परेशान किया कि उन्होंने निर्णय किया कि वे किसी आम युवा को नायक बनाकर साबित करेंगे कि स्टारडम पैदाइशी नहीं होती और अभिनय वंशानुगत गुण नहीं होता। सुभाष घई के घनिष्ट मित्र तोलू बजाज भी दक्षिण मुंबई में रहते हैं। सुभाष घई ने जैकी श्रॉफ को लेकर फिल्म ‘हीरो’ का निर्माण शुरू किया। लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और आनंद बक्शी ने माधुर्य रचा। फिल्म की सफलता ने जैकी श्रॉफ को रातोंरात सितारा बना दिया। जैकी बातचीत में प्राय: साथियों को भीड़ू कहकर संबोधित करते हैं। कुछ शब्द डिक्शनरी में नहीं होते। भाईचारे के लिए प्रयोग किया गया शब्द भीड़ू ऐसा ही है। अंग्रेजी भाषा के शब्दकोश में नए शब्द जुड़ते रहते हैं। क्या कोरोना से जुड़े शब्द भी इसमें शामिल होंगे? भाषाएं ऐसे ही समृद्ध होती हैं। महात्मा गांधी द्वारा आयोजित हड़ताल को भारतीय मीडिया ने ‘बंध’ कहा और अंग्रेजी शब्दकोश में इसका समावेश हो गया। क्या जैकी नामक सितारा अवाम की भीड़ से आया था, इसलिए जैकी ‘भीड़ू’ कहते हैं? बहरहाल, जैकी के सिर पर सफलता कभी हावी नहीं हुई। उन्होंने अपनी सादगी को कायम रखा। फिल्म उद्योग में महंगी विदेशी सिगरेट पांच सौ पचपन पी जाती थी और इस जमात में भी जैकी श्रॉफ धड़ल्ले से बीड़ी फूंकते रहे। अपनी गरीबी के दिनों में जैकी को आयशा से इश्क हुआ। प्राय: अमीरजादियां गरीबों को हिकारत की दृष्टि से देखती हैं। अमीर की देह में ईश्वरीय सुगंध होती है और गरीब के पसीने से कभी परफ्यूम नहीं बना। सफल होते ही जैकी श्रॉफ ने आयशा से विवाह कर लिया। आयशा का खरीदारी का नशा अजीब है। वह चायदानी खरीदने जाती हैं और शैंडेलियर खरीदकर लौटती हैं। ऐसा माना जाता है कि बोनी कपूर की सलाह पर जैकी श्रॉफ ने शेयर खरीदे थे। जैकी ने अपने शेयर बेचे नहीं और शेयर की कीमतें बढ़ती गईं। जैकी ने मर्सीडीज खरीदने के बाद भी अपनी पहली बाइक नहीं बेची। संभवत: इसी सोच के तहत उन्होंने शेयर नहीं बेचे हों।

जैकी के पुत्र टाइगर श्रॉफ को साजिद नडियाडवाला ने अवसर दिया। टाइगर श्रॉफ अपने एक्शन दृश्य के लिए बॉडी डबल नहीं लेता। सफलता पाने के बाद टाइगर ने सुभाष घई से मुलाकात की। अपने पिता को पहला अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया और बिना मेहनताना लिए घई की फिल्म में अभिनय की पेशकश की। सुभाष घई के पास कोई पटकथा नहीं थी। यह अजीबोगरीब बात है कि गीतकार आनंद बक्शी की मृत्यु के बाद सुभाष घई सफल फिल्म नहीं बना पाए। सफलता की मशीन का एक नट गिरते ही मशीन काम करना बंद कर देती है।

बहरहाल, चार मिलियन डॉलर मिलने से जैकी श्रॉफ की सादगी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह भी आशा की जा सकती है कि आयशा अनावश्यक वस्तुओं की खरीदारी नहीं करेंगी। बाजार ही बंद हैं तो ऑनलाइन खरीदारी की जा सकती है। ऐसा व्यक्ति अब खोजे नहीं मिलता जो कहे कि बाजार से गुजरा हूं, परंतु खरीदार नहीं हूं। संभवत: कोरोना कालखंड हमें समझा देगा कि बाजार में खरीदार स्वयं सिक्के की तरह खर्च हो जाता है। सादगी के तकिए पर सिर रखकर सोने वालों को नींद में डरावने सपने नहीं आते। तकिए का चयन मनुष्य की विचार शैली पर निर्भर करता है। गालिब का एक मशहूर शेर है- ‘मौत का एक दिन मुअय्यन है, नींद क्यूं रात भर नहीं आती।’