अधेड़ उम्र की किशोर प्रेम-कथाएं / जयप्रकाश चौकसे

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अधेड़ उम्र की किशोर प्रेम-कथाएं
प्रकाशन तिथि :05 जुलाई 2017


पचास पार शाहरुख, सलमान,आमिर सक्रिय हैं, साथ ही अजय देवगन और अक्षय कुमार भी बॉक्स ऑफिस पर धन कमाने वाली फिल्में कर रहे हैं। इसी तरह काजोल, श्रीदेवी, मनीषा कोईराला भी सक्रिय हैं। काजोल धनुष के साथ दक्षिण भारतीय भाषा में बन रही फिल्म कर रही हैं। 7 जुलाई को श्रीदेवी की 'मॉम' का प्रदर्शन होने जा रहा है। उनकी 'इंग्लिश विंग्लिश' अत्यंत मनोरंजक और यादगार फिल्म सिद्ध हुई है। श्रीदेवी केंद्रित 'मॉम' में अक्षय खन्ना व नवाजुद्‌दीन सिद्‌दिकी महत्वपूर्ण भूमिकाएं कर रहे हैं। 'मॉम' में श्रीदेवी अपनी सौतेली बेटी के लिए चार खलनायकों को दंडित करने में सफल होती हैं।

विगत इतवार को छोटे परदे पर दिखाई गई अजय देवगन अभिनीत 'दृश्यम' में भी वह अपनी गोद ली हुई संतान के लिए व्यवस्था से टकरा जाता है। उसका चरित्र चौथी कक्षा पास व्यक्ति का है, जो एक वीडियो लाइब्रेरी संचालित करता है और प्राय: फिल्में देखता रहता है। फिल्मों से मिली जानकारियों के आधार पर वह आईपीएस अफसर के खिलाफ अपनी पाली हुई संतान को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करता है। आला पुलिस अफसर स्वीकार करती है कि वह अपने अनपढ़ प्रतिद्वंद्वी की ताकत का आकलन नहीं कर पाई और पूरा पुलिस महकमा उसे परास्त नहीं कर पाता। यह सुखद है कि माने गए रिश्ते के पारम्परिक अर्थ को ये प्रगतिशील फिल्में चुनौती देती हैं। सामान्य ज्ञान भी मनुष्य को अपनी विषम परिस्थितियों से जूझने की ताकत देता है। भारत के अनपढ़ किसान मौसम विभाग द्वारा वर्षा होने के समय पर यकीन नहीं करके अपने अनुभव के आधार पर उन बादलों की चाल पढ़ लेते हैं, जो अभी छाए भी नहीं हैं। सावनी नामक पौधे में वर्षा के पूर्व ही फूल खिल जाते हैं। सावनी पौधे की जड़ें जमीन में होती है परंतु आकाश में बरसने वाले बादल कब आएंगे इसका अनुमान उसे होता है। जमीन के भीतर की जड़ें और आकाश में बरसने वाले बादलों के बीच प्यास का रिश्ता है। भूख और प्यास के रिश्ते खून के रिश्तों से अधिक मजबूत होते हैं।

वर्तमान में कृषि प्रधान भारत में किसान आत्महत्या कर रहे हैं और लज्जाहीन हुक्मरान को चिंता ही नहीं है। जमीन बंजर नहीं है परंतु हुक्मरानों की विचार प्रक्रिया बंजर है। वे इतने उद्‌दंड एवं बड़बोले इसलिए हैं कि उन्होंने बहुसंख्यक वर्ग को अल्पसंख्यकों की तरह धर्म के नाम पर संकुचित सोच के दायरे में धकेल दिया है। इस तरह एक नया बड़ा हाशिया बन रहा है और कोरे कागज का चरित्र ही बदल गया है। अब 'आराधना' का गीत हम कैसे गुनगुनाए 'कोरा कागज है मन मेरा, लिख लिया नाम उस पे तेरा।' बहरहाल माधुरी, काजोल एवं श्रीदेवी को उम्र के इस पड़ाव पर ऐसी फिल्में मिल रही हैं, जिनमें उनका मां स्वरूप अपनी पूरी ताकत से उभरता है परंतु क्या उनकी प्रेम कहानियां नहीं बनाई जा सकतीं? हम कैसे यह मानते हैं कि 'ये उम्र नहीं है प्यार की।' प्रेम का इंद्रधनुष तो भौगोलिक सरहदों के परे चला जाता है तो उम्र का बंधन उसके लिए क्या अर्थ रखता है। यह प्रेम ही है जिसकी धुरी पर समाज का संसार घूमता है, जबकि हुक्मरान नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।

अरसे पहले हॉलीवुड में एक फिल्म बनी थी, 'समर ऑफ फोर्टी टू।' वह दूसरे विश्वयुद्ध के जारी रहने का तीसरा वर्ष था और एक कस्बे में अधेड़ उम्र की स्त्री और सोलह वर्षीय किशोर को प्रेम हो जाता है। सरहदों से दूर के कस्बों में भी युद्ध का भयावह प्रभाव पड़ता है। डर का चंदोबा तना रहता है। मनुष्य एक-दूसरे के साथ किसी कविता जैसे कोमल रिश्ते में बंधकर स्वयं को डर से मुक्त करने का प्रयास करता है। इस फिल्म में 42 वर्षीय स्त्री एक किशोर से प्रेम करते हुए युद्धजनित डर से मुक्त होने का प्रयास करती है। दरअसल, प्रेम के साथ 'बंधन' का प्रयोग उचित नहीं है, क्योंकि प्रेम तो स्वतंत्रता है, अमावस्या जैसी काली रात में एक उजास है। बारूद के धुएं के बीच प्रेम ऑक्सीजन का काम करता है।

'समर ऑफ फोर्टी टू' इतनी यादगार फिल्म है कि सभी की आकांक्षा होती है कि ऐसा समर उनके जीवन में भी कभी आए। इसी तरह एक फिल्म है, 'फोर्टी कैरेट डायमंड' इस फिल्म में चालीस वर्षीय स्त्री छुट्‌टी मनाने आई है, जहां एक किशोर से उसे प्रेम हो जाता है और सरेआम इस प्रेम को स्वीकार करने के कारण उस स्त्री को अपी एक विरासत व जायदाद खोनी पड़ती है। एक इटेलियन फिल्मकार की तलाकशुदा स्त्री को हर माह एलीमनी के रूप में मोटी रकम मिलती है। एक युवा से उसे प्रेम हो जाता है और वह अपने प्रेमी को समझाती है कि वह प्रेम करता रहे परंतु विवाह की ज़िद नहीं करें, क्योंकि विवाह करते ही उसे एलमनी मिलना बंद हो जाएगी। उस दीवाने युवा ने आत्महत्या कर ली। एक नवोदित प्रतिभाशाली फिल्म डायरेक्टर जीवन से विदा हो गया। वह अमर कुमार का प्रमुख सहायक था। इंदौर के समृद्ध पंजाबी परिवार के युवा की यह सत्यकथा है।