अनुकृति उपाध्याय / परिचय

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अनुकृति उपाध्याय अँग्रेज़ी और हिन्दी में कथाएँ और कविताएँ लिखती हैं ।| आपकी किताबों में शामिल हैं, दो उपन्यासिकाएं, दौरा और भौंरी, एक उपन्यास किन्तसुगी, कहानी संग्रह, ’जापानी सराय’ और उपन्यास ’नीना आण्टी’। आपके लेख स्क्रोल.इन, किताब.एसजी, द बॉम्बे रिव्यु, द बंगलौर रिव्यु, द बायलिंगुअल विंडो इत्यादि में प्रकाशित हुए हैं।

इनकी लम्बी कहानी ’प्रेम के रंग अनेक’ हिन्दी के पाठकों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है। इनकी कहानियों में युवाओं के जीवन की चुनौतियाँ हैं, जो जीवन में अपने को स्थापित करने की जद्दोजहद में लगे हैं, जो कुछ पाना चाहते हैं और आज़ाद भी होना चाहते हैं। इनकी कहानियों में रिश्तों का बन्धन नहीं, साहचर्य का सुख है; कहीं भी ठहराव नहीं दिखाई देता है, बल्कि यात्राएँ हैं। उन्हीं यात्राओं में बहुत कुछ मिलता जाता है, खोता जाता है। समय न हर्ष के लिए बचा है, न विषाद के लिए।

अनेक वर्षों तक हाँगकाँग में बैंकिंग और निवेश के सैक्टर में कार्यरत रहने के बाद अनुकृति उपाध्याय ने साहित्य-जगत में प्रवेश किया। वे लिखती हैं इस आशा में कि इस रचनात्मक जोड़ने-- तोड़ने में वह कुछ अनाम ढूँढा जा सके, जो शायद है भी या नहीं भी।