अनुष्का शर्मा क्यों विराट कोहली पर फिदा हैं? / जयप्रकाश चौकसे

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अनुष्का शर्मा क्यों विराट कोहली पर फिदा हैं?
प्रकाशन तिथि : 18 जून 2019


इंग्लैंड में चल रहे विश्व कप क्रिकेट का आनंद लेने वहां लाखों विदेशी पहुंचे हैं। इस समय इंग्लैंड की आर्थिक हालत खस्ता है और क्रिकेट मैच देखने आए लोगों के कारण चरमराती अर्थव्यवस्था को बचाने का अवसर मिल रहा है। क्रिकेट कप ना होता तो भी पर्यटन ही इस समय उनकी आय का सबसे बड़ा स्रोत है। उनकी प्रशंसा करनी होगी कि उन्होंने अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखा है। आज भी शेक्सपियर के घर को देखने के लिए पर्यटक जाते हैं। वह घर आज भी ऐसा साफ सुथरा रखा है जैसा शेक्सपियर के जीवन काल में था। इसी समय वहां फिल्म '83' की शूटिंग भी चल रही है। रणवीर सिंह कपिल देव की भूमिका अभिनीत कर रहे हैं। हमारी टीम की पहली विश्व कप जीत इस फिल्म का आधार है। क्या कपिल देव निखंज और मोहिंदर अमरनाथ गीत गाते हुए भी दिखाई जाएंगे। ज्ञातव्य है कि अभिनेता प्राण सिकंद ने कपिल देव निखंज को एम. आर. एफ एकेडमी में अध्ययन के लिए कुछ आर्थिक सहायता दी थी। यह समझ में नहीं आता कि कपिल शौर्य गाथा में कभी प्राण सिकंद के योगदान का जिक्र क्यों नहीं किया जाता? इस तरह की याददाश्त वाले लोग कैसे अपनी विरासत को सहेजने का संकल्प करेंगे। बहरहाल इंग्लैंड का जिक्र किसी भी विषय या प्रसंग के कारण किया जाए, हमें पीजी वुडहाउस की याद आती है। दूसरे विश्व युद्ध के समय फ्रांस में कार्यरत पीजी वुडहाउस जर्मन द्वारा पकड़ लिए गए और उन्हें कुछ समय जेल में रखा गया तथा बाद में रेडियो पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। युद्ध के पश्चात इंग्लैंड में कई लोग पीजी वुडहाउस से नफरत करने लगे कि इसने जर्मन के घिनौने प्रचार में हिस्सा लिया। सच तो यह है कि रेडियो पर दिए गए कार्यक्रम के टेप आज भी उपलब्ध हैं और उन्हें सुनने पर कोई काबिले एतराज बात सुनाई नहीं पड़ती।

युद्ध के वर्षों पश्चात उनसे पत्रकार ने पूछा कि क्या वे जर्मन लोगों से नफरत करते हैं? उनका जवाब था कि वे कभी बहुवचन में नफरत नहीं करते। गोयाकि एक व्यक्ति की गलती के लिए पूरे समुदाय से नफरत नहीं की जा सकती। आज समुदाय से नफरत का फैशन चल रहा है। जर्मन जेल में उनका वजन साठ पाउंड घट गया था और इस तथ्य का वर्णन वे करते हैं कि ऐसा लगता है कि किसी उड़ते हुए परिंदे की चोंच से वह नीचे गिर पड़े हैं। अंग्रेजी भाषा सिखाने के लिए छात्रों को पीजी वुडहाउस पढ़ना चाहिए। इससे एक बड़ा लाभ यह होगा कि पढ़ने वाले में हंसने का माद्दा विकसित होगा। संकट के समय हंसने और हंसाने की ताकत ही मनुष्य को बचा सकती है। तर्कहीनता के सागर में हास्य का तिनका भी व्यक्ति को भवसागर पार करा सकता है। लेखक अनाड़ीपन को अपराध नहीं मानता वरन् वह अनाड़ीपन को हास्य के पर्व में बदल देता है। अनाड़ी व धूर्त में बहुत अंतर है। पीजी वुडहाउस मनुष्य के चटोरेपन को अपने पात्र अनातोले के द्वारा महिमामंडित करते हैं। अनातोले इतना स्वादिष्ट भोजन बनाते हैं कि धनाढ्य वर्ग उसका अपहरण कर उसे अपनी सेवा में रखना चाहते हैं और मुंहमांगा मेहनताना देना चाहते हैं। पीजी वुडहाउस का पात्र बर्टीवूस्टर अपनी उस चाची के घर अनिमंत्रित होते हुए भी बार-बार जाता है क्योंकि अनातोले चाची के घर भोजन पकाता है। बर्टीवूस्टर अपने धनाढ्य रिश्तेदार द्वारा दिए गए खर्च पर गुजारा करता है। वह कोई काम नहीं करता। उसे कुछ आता ही नहीं है। अपने अनाड़ीपन के कारण वह संकट में पड़ता है तो उसका सेवक जीव्स उसे बचाता है। जीव्स बुद्धिमान है और उसे बेहतर मेहनताने पर काम के प्रस्ताव मिलते हैं परंतु उसे अपने अनाड़ी मालिक से मोह है। असाधारण प्रतिभाशाली लोग भी अपने इर्द-गिर्द कुछ अनाड़ी से लोग अवश्य रखते हैं।

गंभीर गुरुदत्त के निकटतम मित्र अशोक जानी वॉकर रहे और त्रासद भूमिकाओं को जीवंत कर देने वाले दिलीप कुमार के नजदीकी मित्र मुकरी रहे। बादशाह अकबर और बीरबल की किवदंती की तरह ही दक्षिण भारत में तेनालीराम सर्वकालिक प्रिय पात्र है।

दार्शनिक स्टीफन फ्रॉय उन पर रहे पीजी वुड हाउस के प्रभाव का चित्र वर्णन करते हैं। अच्छा स्वभाव होने का अर्थ है कि आपके हृदय में मानवीय करुणा मौजूद है। आप हंसते-हंसाते हुए भी गंभीर बात अभिव्यक्त कर सकते हैं। अभी चल रहे क्रिकेट विश्व कप में एक खिलाड़ी पहले कभी किसी खेल कानून को तोड़ने के लिए 1 वर्ष तक खेलने से निष्कासित किया गया था। वह जब बल्लेबाजी करने आया तब दर्शकों ने उसे हूट करना शुरू कर दिया। भारतीय कप्तान कोहली ने दर्शकों को हूट करने से रोका और उनके प्रयास के कारण स्टेडियम में शांति स्थापित हुई। गौरतलब है कि यह मैच भारत खेल रहा था और विराट बैटिंग कर रहे थे, जिस दौरान उन्होंने दर्शकों से यह अपील की। यह है वह अच्छा स्वभाव और मानवीय करुणा जिसका जिक्र स्टीफन फ्रॉय कर रहे हैं। जब वे पीजी वुडहाउस को आदरांजलि दे रहे हैं। विराट कोहली मात्र इसलिए महान नहीं है कि उन्होंने सबसे कम मैच में 11000 रन एक दिवसीय मैच में बनाए। वरन् वे इसलिए महान है कि वे अपराधी नहीं अपराध से घृणा करते हैं।