अन्तर / ख़लील जिब्रान / बलराम अग्रवाल

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

समय को हम अनगिनत सूर्यों की गति की गणना करके नापते हैं और वे उसे जेब में रखी एक छोटी-सी मशीन से।

अब तुम्ही बताओ कि हम उसी स्थान पर उसी समय दोबारा कैसे मिल सकते हैं?