अपना दर्द / गरिमा सक्सेना
सुबह के 7 बज रहे थे, आज शिखर के घर में सुबह-सुबह माहौल गर्म था, शिखर की धर्मपत्नी मेघा बार-बार दरवाजे व घड़ी की ओर देखती जोर-जोर से बड़बड़ा रहीं थीं, अभी तक नहीं आयी सात बज गया है, ६:३० का समय है कभी समय पर नहीं आना है हर दिन अपने मन की, मुफ्त का पैसा चाहिये कामचोरी, जब देखो तब छुट्टी, ऐसे नहीं चलेगा आने दो आज इसे बताती हूँ, आज भी मुझे ऑफिस के लिये देर हो जायेगी आयूष को भी स्कूल जाना है, न नाश्ता बना है न कुछ, पता नहीं कहाँ मर गयी ये, मेघा के द्वारा ये सब मंत्रोच्चार विमला के लिये किये जा रहे थे, विमला उसकी कामवाली थी। मेघा की मीजा़इल की दिशा अब बदलकर शेखर के ऊपर आ गयी तुम्हें तो कोई फर्क नहीं पड़ता कैसे होगा काम अब? मेरे ऑफिस में जरूरी मीटिंग है, बैठे हो अखबार पढ़ते जल्दी तैयार हो खुद भी, नाश्ता बाहर से ले आओ, मैं आयूष को उठाती हूं, सारा घर फैला पड़ा है। सब मैं ही करूँ। 7:30बज रहे थे, इतने में घर की घंटी बजी , मेघा ने दरवाजा खोला बाहर विमला खड़ी थी।
लो आ गई महारानी, जब आधा काम मैं कर चुकी नखरे बढ़ते जा रहे हैं तुम्हारे इस महीने हर छुट्टी के पैसे काटूंगी तेरे। क्यूं देर हुई आज?
विमला बोली सॉरी मेमसाब आज मेरे बेटे दीपू की तबियत बहुत खराब थी कल रात से तेज बुखार है चक्कर, उल्टियाँ आ रहे थे, उसको उठा कर कुछ खिला कर दवाई देनी थी उसी में देर हो गई पति भी गांव गया हुआ है। मेघा बोली अच्छा अच्छा जल्दी अब टिफिन बना दे ऑफिस निकलना है, मुझे सब पता हैं तेरे बहाने जरा सा बुखार आ गया तो लेट आयेगी छुट्टी मारेगी, पैसे लेने में तो कमी नहीं आती, नौकरी में मुफ्त के पैसे नहीं मिलते टाइम पर आया कर। इतने में बाथरूम से आयूष की चीखने की आवाज़ आयी आह्हह् मम्मी. मम्मी...
मेघा विमला शिखर सब झट से दौड़े बाथरूम की ओर देखा तो आयूष फिसल कर गिर गया था, मेघा ने तुरन्त बेटे को उठाया , बिस्तर पर लिटाया, इतने में विमला दूसरे कमरे से फर्स्ट ऐड बॉक्स ले आयी, कोहनी पर थोड़ा सा छिल गया था, मेघा ने दवा लगा दी। फिर तुरन्त ऑफिस फोन लगाया- सर आज मैं ऑफिस नहीं आ पाऊंगी आज छुट्टी चाहिये।
नहीं मैं नहीं आ रही कह कर फोन रख दिया।
शिखर ने कहा क्या हुआ मेघा ऑफिस क्यूं नहीं जा रही मामूली सी चोट तो है फिर तुम्हारी जरूरी मीटिंग?
मेघा चिढ़ते हुये बोली मैंने कह दिया न नहीं जाना मुझे तुम जाओ मेरे बच्चे से ज्यादा जरूरी कुछ नहीं।
विमला कोने में खड़ी सब सुन रही थी।