अपराधी भूमिकाओं का आकर्षण / जयप्रकाश चौकसे

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अपराधी भूमिकाओं का आकर्षण
प्रकाशन तिथि :24 अप्रैल 2017


विशाल भारद्वाज एस. हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वीन ऑफ बॉम्बे' से प्रेरित फिल्म योजना पर कार्य कर रहे हैं और उनका दावा है कि दीपिका पादुकोण ने भूमिका अभिनीत करना स्वीकार कर लिया है। ज्ञातव्य है कि एस. हुसैन जैदी साहब की किताब 'ब्लैक फ्रायडे' पर अनुराग कश्यप सार्थक एवं सफल फिल्म बना चुके हैं। माफिया क्वीन रहीमा खान ऊर्फ सपना दी ने दाऊद इब्राहिम को कत्ल करने की योजना बनाई थी परंतु दाऊद को अपने गुप्तचर से अग्रिम सूचना मिल गई थी। अत: उसने रहीमा खान का ही कत्ल करवा दिया। संगठित अपराध संसार में कई हत्याएं इसलिए की जाती हैं कि दुश्मन मारे इसके पहले आप दुश्मन को मार दें। अपराध सागर में बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है। प्रकृति की लीला देखिए कि मछली खाने को अच्छी सेहत का नुस्खा माना जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि मछली खाने वालों की स्मृति बेहतर हो जाती है परंतु स्वयं मछली की याददाश्त महज सात सेकंड की होती है और अपने भुलक्कड़पन के कारण ही वह जाल में फंसती है। मछली आसानी से पकड़ी जाती है, आसानी से पकती है और तुरंत ही पच भी जाती है। जीवन संरचना विरोधाभास की जमीन पर रची गई है।

अनेक प्रकांड पंडित, लेखक, कवि और दार्शनिक समुद्र तटीय क्षेत्रों से आए हैं तो क्या मछली की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण है? बहरहाल, लेखक-पत्रकार एस. हुसैन जैदी साहब अपराध सरगनाओं से साक्षात्कार लेने में सफल हुए हैं और उन्होंने प्रामाणिक किताबों की रचना की है। उन्हें दस्यु महारानी फूलन देवी ने भी साक्षात्कार दिए थे। यह संभव है कि अपराध संसार गुप्त रहकर कार्य करता है परंतु मीडिया में उजागर होने की भी उसे बहुत ललक है। सारे संगठित अपराधी एवं कुख्यात डाकू अपनी दानवीरता के लिए भी जाने जाते हैं। दरअसल, उनकी दानवीरता उनका सुरक्षा कवच है। दान के द्वारा वे अपने लिए अघोषित गुप्तचर तंत्र खड़ा कर लेते हैं। इस तरह वे अपना स्कॉटलैंड यार्ड खड़ा कर लेते हैं। इसी तर्ज पर सजग नागरिक अपने आसपास घटते असामान्य कार्य की सूचना पुलिस को दें और पुलिस त्वरित कार्रवाई करें तो जीवन सहज हो सकता है। जिस तरह अपराध संगठित होता है, उसी तरह आम आदमी भी संगठित हो सकते हैं।

दरअसल, दान की महिमा बड़ी चतुराई से गढ़ी गई है। यह रॉबिनहुड आकल्पन का हिस्सा है। सरकारें भी रॉबिनहुड शैली में काम करती हैं। लगातार दान पर जीवन बसर करने वाले लोग और उनका समाज निकम्मा हो जाता है। कोई मनुष्य क्यों किसी अन्य के दान पर आश्रित रहे? सबको समान अवसर मिले और सब अपने पसीने की कमाई खाए तो बेहतर समाज बन सकता है। दूसरे महायुद्ध में जर्मनी व जापान की पराजय हुई, उन्हें विराट आर्थिक नुकसान हुआ परंतु उन्होंने एक ही दशक में स्वयं को नए ढंग से रच लिया। सामान्य नागरिक का चरित्र ही देश और समाज को बनाता है। हमने तो ऐसा समाज रचा है कि वे ही लोग ईमानदार रहें, जिन्हें बेईमानी का अवसर नहीं मिला। आजकल ऐसे चरित्र निर्माण के बदले स्वयं को राष्ट्रभक्त सिद्ध करने की अनावश्यक प्रतिस्पर्धा रच दी गई है। गुमराह करने की संकरी गलियों की ईजाद करने में मौजूदा व्यवस्था अत्यंत प्रवीण है।

फिल्म उद्योग की संरचना भी कमाल है कि विशाल भारद्वाज कभी सफल फिल्म नहीं बना पाए और उन्हें 'सात खून' भी माफ कर दिए गए हैं परंतु उन्हें सितारे और पूंजी निवेश मिल जाता है। उन्होंने स्वयं की मार्केटिंग बढ़िया ढंग से की है। दीपिका पादुकोण के पास आम निर्माता से कहानी सुनने का वक्त नहीं है परंतु भारद्वाज के लिए उन्होंने केवल रहीमा खान की भूमिका अभिनीत करने के अवसर के कारण रजामंदी दे दी है। क्या सितारों के मन में भी अपराधी की भूमिका निर्वाह करने का जुनून होता है? महान मर्लिन ब्रैंडो ने 'गॉडफादर' अभिनीत करने के लिए कष्ट देने वाला जबड़ा और उच्चारण का खास लहजा विकसित किया।

'गॉडफादर' के लेखक मारियो पुजो जुआरी प्रवृत्ति के व्यक्ति थे और संगठित अपराध की उधारी चुकाने के लिए उन्हीं पर किताब लिखकर रॉयल्टी की रकम से कर्ज अदा किया। 'तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।'

'गॉडफादर' पूंजीवादी व्यवस्था की 'महाभारत' है परंतु वेदव्यास ने किसी कर्ज अदायगी के लिए रचना नहीं की वरन सोच-विचार वाली अनेक पीढ़ियों को अपना कर्जदार बना लिया। महाभारत में आज के समाज की मानसिक व्यधियों की पूर्व कल्पना भी प्रस्तुत है। अर्जुन ने नारी के रूप में एक वर्ष बिताते हुए उत्तरा को नृत्य की शिक्षा दी परंतु समय आने पर सच उजागर किया और उत्तरा से विवाह की बात की परंतु उसे तो उनका नारी रूप ही मनभाया था। अत: उसने अर्जुन से विवाह नहीं किया और उनके पुत्र अभिमन्यु से विवाह किया, जो अर्जुन के नारी स्वरूप की हल्की-सी झलक देते थे। महाभारत की अनेक व्याख्याएं हुई हैं परंतु अभी भी बहुत कुछ बाकी है। महाभारत का सार वाक्य यह है कि अन्य सभी के संदर्भ में स्वयं की खोज करें। इस तरह वह 'सेल्फ एंड अदर्स' की कुंजी बन जाता है।