अब कल आएगा यमराज (समीक्षा) / अभिमन्यु अनत
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समीक्षा:नितिका गुप्ता
अभिमन्यु अनत का कहानी-संग्रह अभिमन्यु अनत का छठा कहानी-संग्रह ’अब कल आएगा यमराज’ सन् 2003 में प्रकाशित हुआ।
इस कहानी-संग्रह में आठ लघु-कथाएँ और 14 कहानियाँ संकलित की गई हैं। अब कल आएगा यमराज, रिश्ते, कड़वी रोटी कहानियाँ पति-पत्नी के रिश्ते पर आधारित हैं। वह आजादी एवं राजनीति की अदालत कहानियाँ भष्ट्र राजनेताओं, दलगत राजनीति, खींचातानी पर आधारित हैं। दूसरी ओर फिजुल एवं अपना जहान कहानियों में युवा-वर्ग का चित्रण है, जो पथभ्रष्ट हो चुके हैं। अंत में कहा जा सकता है कि अभिमन्यु अनत कल्पनाजीवी व्यक्ति नहीं हैं। वे अपनी कहानियों में अपने देश की स्थिति का सत्य उद्घाटित करते हैं। मॉरिशस के समाज में हो रहे मानवीय पतन को विभिन्न रूपों में पाठकों के सामने लाने में वे प्रयत्नशील हैं। वे मानव सम्बन्धों को हृदयस्पर्शी रूप में चित्रित करते हैं। साथ ही इन्होंने मानवीय जीवन की विसंगतियों को व्यंग्यात्मक ढंग से अभिव्यक्त करने की भी पूरी कोशिश की है। इन्होंने मॉरिशस की हिन्दी कहानी को समृद्ध ही नही किया बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी प्रदान की हैं।