अमरीक सिंह दीप / परिचय

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 अमरीक सिंह दीप की रचनाएँ     
गद्य कोश में अमरीक सिंह दीप का परिचय
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अमरीक सिंह दीप किस्सागोई के उस्ताद माने जाने वरिष्‍ठ कथाकार अमरीक सिंह दीप का जन्‍म 5 अगस्‍त, 1942 (कानपुर) में हुआ. अमरीक सिंह दीप लेखक ही नहीं एक जिज्ञासु घुमंतू और शौकिया शोधार्थी भी है । उनकी शोध यात्रा में न तो कोई शान आगामी है न कोई व्यक्ति पराया । जनजीवन में सहजता से घुलमिल जाने की प्रवृति ने ही इन्हें ऐसे विषय चरित्र और परिवेश चित्रित करने की क्षमता प्रदान की है जिन्हें वातानुकूलित कमरों में रहकर नहीं जाना जा सकता ।

कानपुर दीप साहब की कर्मभूमि और जन्मभूमि दोनों है । यहाँ की गली कूचो हातो में वह पले बढे है । टाट पट्टी वाले पाठशालाओं में पढ़े है और स्कूल,कालेज से गोला मारकर सिनेमा देखते रहे । यहाँ के घाट बाज़ार पार्क मिलों की चिमनिया यह सब उनके एक बड़े से घर के अलग अलग हिस्से प्रतीत होते है । दीप साहब कभी गुलाब बाई कभी विद्यार्थी जी,चन्द्रेश जी या जवाबी कीर्तन से रूबरू होते है । कानपुर की संस्कृति, जनजीवन बोली बानी और ऐतिहासिकता को बड़ी सहजता के साथ पिरोते है.

अमरीक सिंह दीप सौ से अधिक कहानियां सारिका, हंस, नया ज्ञानोदय, पुनर्नवा, पहल, वसुधा, वागर्थ, कथाक्रम, आउटलुक, जनसत्ता, साक्षात्‍कार, पाखी, पश्‍यन्‍ती, कला, मुहिम व अन्‍य श्रेष्‍ठ साहित्‍यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित.

प्रमुख कृतियों में 'कहा जायेगा सिद्धार्थ', कालाहांडी ,चादनी हूँ मै, ‘सिर फोड़ती चिड़िया' (कहानी-संग्रह), ‘आज़ादी का फ़सल' (लघुकथा संग्रह), ‘बर्फ़ का दानव', शाने पंजाब व ऋतु नागर', (पंजाबी से अनूदित कहानी-संग्रह) रितुनगर, इत्यादि है । कथाभाषा द्वारा आयोजित अखिल भारतीय सर्वभाषा प्रतियोगिता में ‘बेस्‍ट वर्कर ' कहानी प्रथम पुरस्‍कार से पुरस्‍कृत.


कहानी के अखिल भारतीय कार्यक्रम संगमन के पिछले १५ वर्षो से सदस्य के रूप में कार्य रत है ।

संप्रति, स्‍वतंत्र लेखन. संपर्क फ्‍लैट नं. 101, गोल्‍डी अपार्टमेंट, 119/372 बी. दर्शन पुरवा, कानपुर-208012

संकलन -अशोक कुमार शुक्ला