अमेरिका की दुविधा और चीन में असंतोष / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 07 फरवरी 2021
अमेरिका में राष्ट्रपति पर अपराध साबित करने के लिए सीनेट में दो तिहाई मत प्राप्त करने होते हैं। इम्पीचमेंट की प्रक्रिया में गुप्त मतदान नहीं होता। हर सदस्य को अपने विचार अभिव्यक्त करने के बाद अपना मत देना होता है। कोई सदस्य खामोश रहकर मत नहीं दे सकता। इरविंग वैलेस के एक उपन्यास ‘द मैन’ में इस तरह का प्रकरण वर्णित है। उपन्यास में प्रस्तुत किया गया है कि एक हवाई जहाज दुर्घटना में अमेरिका के प्रेसिडेंट और सीनियर साथी मर जाते हैं। संविधान के अनुरूप अब सबसे सीनियर सीनेटर अध्यक्ष पद पर आसीन होता है। इत्तेफाक है कि वह सीनेटर एक अश्वेत व्यक्ति है। ज्ञातव्य है कि यह उपन्यास ओबामा के प्रेसिडेंट बनने के वर्षों पूर्व लिखा गया है। कभी काल्पनिक उपन्यासों में घटनाओं का पूर्व अनुमान ही यथार्थ बन जाता है।
बहरहाल इम्पीचमेंट के उपन्यास में अश्वेत प्रेसिडेंट के लिए उनके प्रबल विरोधी की कन्या काम करती है। चुनाव के बाद, चुनाव के पहले और मतगणना के समय की कड़वाहट को दरकिनार रख दिया जाता है। प्रेसिडेंट के लिए काम करने वाली श्वेत कन्या सरेआम यह इल्जाम लगाती है कि अश्वेत प्रेसिडेंट ने उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया। सीनेट में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और मतदान प्रारंभ होता है। प्रेसिडेंट के खिलाफ मत दिए जाते हैं और दो तिहाई बहुमत के लिए आखिरी मतदाता की बारी है। यह वही व्यक्ति है, जिसकी पुत्री ने दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया है। अतः सभी यह मान लेते हैं कि अश्वेत प्रेसिडेंट अपराधी घोषित होगा और सजा का भागी होगा। रंगभेद से ग्रसित सीनेटर खड़ा होता है और बयान देता है कि उसकी पुत्री लंबे समय से मानसिक बीमारी की शिकार है। वह घटनाओं की कल्पना करती है और उन्हें यथार्थ भी मानने लगती है। अतः अश्वेत प्रेसिडेंट द्वारा दुष्कर्म का प्रयास मात्र उसकी कल्पना है। अतः अश्वेत प्रेसिडेंट दोषी नहीं है। वह अपनी पुत्री की मानसिक बीमारी का रिकॉर्ड भी सदन में प्रस्तुत करता है। ज्ञातव्य है कि अश्वेत प्रेसिडेंट की एक पुत्री श्वेत रंग की पैदा हुई थी और उन्होंने यह सच छुपाकर एक श्वेत से विवाह किया था परंतु पिता के प्रेसिडेंट बनते ही वह इस दुविधा में है कि सत्य बताए या नहीं। उसी समय श्वेत के खिलाफ हिंसा करने वाला दल कु क्लक्स क्लान संगठन का प्रमुख भी अश्वेत प्रेसिडेंट का पुत्र है। वह भी दुविधा ग्रस्त है। उसी समय प्रेसिडेंट के पास दक्षिण अफ्रीका में अश्वेत लोगों द्वारा हिंसा का प्रकरण भी सामने आया है। अश्वेत प्रेसिडेंट सभी प्रकरणों में सही निर्णय लेता है। वह सत्य के प्रति समर्पित व्यक्ति है।
डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह पराजित है परंतु उनके समर्थक उत्पात मचा रहे हैं। अमेरिका में ट्रंपिडम जहरीली विचारधारा है। डोनाल्ड ट्रंप की पराजय के बाद भी यह विचारधारा एक तूफान की तरह जीवन मूल्य तोड़ने में लगी है। वैचारिक संकीर्णता अजर अमर है। तर्क और विज्ञान सम्मत विचारधारा के हिमायती आज एक नई माइनॉरिटी हैं जिनके पास अल्पसंख्यक को प्राप्त सुविधाएं भी नहीं। यह कितना आश्चर्यजनक है कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी के स्वर्ण काल में संकीर्णता एक शक्ति के रूप में दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही है। विश्व के अनेक देशों में यही हो रहा है। शक्तिशाली और धनाढ्य चीन के भीतर भी आक्रोश और असंतोष है। भविष्य में चीन इसी आक्रोश का शिकार होगा। अभाव, असमानता और आक्रोश इस कालखंड की विडंबनाएं हैं। ‘ओम शांति शांति’ का अर्थ है कि सब कुछ समझ लेने के बाद की वह मानसिक अवस्था जिसमें चंचल लहरों से घिरा होते हुए स्वयं को जान लेना और स्थिर बने रहना। यही आत्मन: विद्धि मंत्र का अर्थ है।
आज अमेरिका में जो बिडेन और कमला हैरिस संकीर्णता व नकारात्मक के खिलाफ लामबंद होकर अमेरिका के एल डोराडो स्वप्न को यथार्थ में बदलने का प्रयास कर रहे हैं।