अमेरिका में हिंसा का इतिहास / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 06 अगस्त 2019
अमेरिका में 24 घंटों में दो सार्वजनिक स्थलों पर सिरफिरे लोगों ने गोलियां चलाईं और मासूम लोग मारे गए। यह घिनौना कार्य किन्हीं व्यक्तिगत कारणों से नहीं किया गया है। एक हत्यारे ने कहा कि वह अमेरिका की शिक्षा संस्थाओं में विदेशी छात्रों और शिक्षकों के होने से खफा हैं। अगस्त वर्ष का आठवां महीना है, जिसमें सब घटनाएं इस तरह की घटी हैं। कुछ पत्रकारों को विश्वास है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने हिंसा की इस लहर को प्रोत्साहित किया है। कुछ विचारक मानते हैं कि बराक ओबामा के प्रेसिडेंट चुने जाने के बाद कुछ गोरों के मन में यह भय समा गया कि भविष्य में अश्वेत अमेरिकन सत्ता हथिया लेंगे। इसलिए उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प को मत दिए। सामूहिक अवचेतन में समाए भय के कारण एक अस्थिर व असंतुलित व्यक्ति को सर्वोच्च सत्ता सौंप दी गई। कुछ अन्य देशों में भी भय के कारण सत्ता प्रतिक्रियावादी ताकतों के हाथ सौंप दी गई है और हिंसा की हवाएं पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण दशों दिशाओं में तीव्र गति से कहर बरपा रही है। फिल्म 'उजाला' में शंकर जयकिशन की रचना है।-'यह कैसा जहर फैला है दुनिया की हवाओं में रास्ते गुम हो गए हैं मंजिलें खो गईं, वहशत की आंधियों में'। अमेरिका के बाजार से हथियार वैसे ही खरीदे जा सकते हैं जैसे बच्चों के खिलौने खरीदे जाते है। कभी-कभी यह प्रयास हुआ है कि इस तरह के हथियार खरीदी पर कानूनी पाबंदी लगा दी जाए परंतु इसका विरोध हुआ। आम अमेरिकन हथियार न होने पर स्वयं को वस्त्रहीन महसूस करने लगते हैं।
हॉलीवुड में 'हिस्ट्री ऑफ वायलेंस' नामक फिल्म बनी है, जिसके क्लाइमेक्स में एक किशोर ने अपनी कक्षा के एक छात्र को मामूली-सी बहस के बाद दिनदहाड़े गोली मार दी। उसके पिता ने पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया तो पुत्र ने कहा कि पिता ने भी एक पड़ोसी को बिना आज्ञा लिए घर आने पर गोली मार दी थी। अमेरिका का सबसे बड़ा व्यवसाय हथियार निर्यात करना रहा है। कल्ट फिल्म 'बोनी एन्ड क्लाइड'में दो युवा जीवन में सनसनी लाने के लिए बैंक लूटते हैं। उनके पास अपना धन बहुत मात्रा में है। इसी फिल्म का चरबा आदित्य चोपड़ा ने 'बंटी और बबली' के नाम से बनाया था, जिसमें गुलजार का गीत 'कजरारे..कजरारे तेरे काले काले नैना' अत्यंत लोकप्रिय हुआ था। अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन ने इस गीत पर दिलकश ठुमके लगाए थे। उस समय उन्हें कहां ज्ञात था कि जिस स्टार ऐश्वर्या राय के लिए वे आपसी प्रतिद्वंद्विता में ठुमके लगा रहे हैं कालांतर में वे अभिषेक बच्चन से विवाह करके उनकी बहू बन जाएंगी। कोलंबस भारत के लिए निकला और इत्तेफाक से उसने अमेरिका खोज लिया और शायद इसीलिए उस देश के मूल निवासियों को रेड इंडियन कहा जाने लगा, जिन्हें खदेड़े जाने पर 'हाऊ द वेस्ट वॉज वन' फिल्म बनी थी।
ज्ञातव्य है कि रेड इंडियंस के खिलाफ की गई हिंसा के कारण मार्लन ब्रैंडो ने श्रेष्ठ अभिनय के लिए दिया गया पुरस्कार अस्वीकृत कर दिया था। अन्य देशों की तरह हिंदुस्तान के मूल निवासी भी जनजातियों के लोग थे। द्रविड़ संस्कृति के उदय के सदियों बाद आर्य संस्कृति का उदय हुआ। आज भी दक्षिण में कुछ लोगों को इस बात का मलाल है। अमेरिका में अब्राहम लिंकन की हत्या की गई थी। जॉन एफ कैनेडी की भी हत्या की गई। कुछ लोगों का मत है कि ऊंची इमारत से गोली महज भ्रम पैदा करने के लिए चलाई गई थी, जबकि उन्हें नजदीक से ही गोली मारी गई थी। जॉन एफ कैनेडी की हत्या के षड्यंत्र पर ओलिवर स्टोन ने अपनी फिल्म 'जेएफके' में स्पष्ट संकेत उस नेता की ओर किया है, जिसने परदे के पीछे रहकर साजिश रची थी। फिल्म प्रदर्शन के बाद भी उस नेता ने मानहानि का मुकदमा कायम नहीं किया। एक अमेरिकन फिल्म का नाम है 'क्लास ऑफ 84'। छात्र किताबों से अधिक हथियार लेकर कक्षा में आते हैं। शिक्षा संस्थाओं में रैगिंग पर कड़ी बंदिश लगाई गई है परंतु कुछ वारदातें आज भी हो रही हैं। गौ मांस ले जाने के निराधार संदेह मात्र पर अधिक हिंसा हो रही है। यह हिंसा आयात नहीं की गई है। यह विशुद्ध 'मेड इन इंडिया' है।
मानव विकास के पहले चरण में शिकार करके ही पेट भरा जाता था परंतु कृषि की खोज के बाद बड़े परिवर्तन आए। यह आशा की गई कि शिकार युग के बाद कृषि और व्यापार के विकास के साथ हिंसा कम होती जाएगी, परंतु ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि भय कायम रहा। इतना ही नहीं वरन जीवन में नए भय आते गए। ज्ञातव्य है कि दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद गोपाल कृष्ण गोखले के परामर्श पर महात्मा गांधी ने पूरे भारत की यात्रा की। उनका पहला व्याख्यान काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हुआ। उसी सभा में अंग्रेज अफसर भी आया था। गांधीजी ने कहा कि अंग्रेज अफसर को किससे भय लगता है कि उनकी काशी यात्रा के समय जगह-जगह अंग्रेज सिपाही मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि हम पराधीन हैं, क्योंकि भयभीत हैं परंतु गोरा शासक किससे भयभीत है? गांधीजी ने संदेश दिया कि स्वतंत्रता के लिए किए जाने वाले संग्राम के पहले चरण में सबसे पहले हमें भय मुक्त होना होगा। स्वतंत्रता के इतने दशक बाद भी आवाम भय मुक्त नहीं हुआ है। आज भय अपने सारे स्वरूपों में धरती से अंतरिक्ष तक फैला हुआ है। परिवार में 'भय' को आदर का नाम दिया जाता है।