असली समस्या / चित्तरंजन गोप 'लुकाठी'
वे सब पान की दुकान में गपशप कर रहे थे।
अनवर बोला-समझ में नहीं आता है कि सलमान खान ने ऐसी बेतुकी बात क्यों कही?
"अरे,वे सब अलग दुनिया के लोग हैं। उनके पास जमीनी ज्ञान का अभाव है। बेतुकी बात तो बोलेंगे ही।" रामस्वरूप ने कहा।
"क्या कहा है सलमान ने?" पांडे ने पूछा।
"आप नहीं जानते हैं क्या?" रंजन बोल उठा, "सलमान ने कहा है कि शूटिंग के बाद उन्हें उतनी ही तकलीफ होती है जितनी कि एक लड़की को रेप के बाद होती है।"
"छीः छीःःछीः ! इतनी वाहियात बात बोलने में उन्हें ज़रा-सी शर्म नहीं आई?" पांडे ने कहा।
"उनके पिताजी ने माफ़ी मांगी है।" रंजन बोला।
"सलमान ने भी माफ़ी मांगी है।" रामस्वरूप ने कहा।
"नहीं, उन्होंने माफ़ी नहीं मांगी है।" अनवर बोला।
"मांगी है।" रामस्वरूप ने पुनः कहा।
"नहीं, नहीं मांगी है।" अनवर फिर बोला।
सामने एक व्यक्ति खड़ा था। उसके चेहरे पर अधपकी दाढ़ी थी। बिना इस्तरी के जैसे-तैसे कपड़े पहने थे। कंधे पर एक झोला लटका था। सहसा बोल उठा, "अरे, किसने माफ़ी मांगी और किसने नहीं, इस पचड़े पर क्यों पड़ते हो? यह असली समस्या नहीं है।" अब वह सामने आकर बोला, "आप लोगों ने पूरा ऑडियो सुना है?"
"हाँ, हाँ, सुना है।"
"तो फिर आपने ग़ौर किया होगा कि जब सलमान वह बात बोल रहे थे तो कुछ लोगों की हंसी की आवाज़ आ रही थी। वे समाज को आइना दिखाने वाले पत्रकार लोग थे। असली समस्या तो 'वह हंसी' है भाइयों! कब रुकेगी वह हंसी? वाक् थू... !" कहते हुए उसने एक मुंह थूक नाली पर फेंका और वहाँ से सरक गया।