आईपीएल तमाशा: पानी और बिजली अपव्यय / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि :10 जनवरी 2019
आईपीएल क्रिकेट तमाशा मार्च में होने जा रहा है। मार्च परीक्षा का मौसम है और लोकसभा चुनावों की भी गहमा-गहमी रहेगी। ग्रीष्म ऋतु में जल का संकट होता है, बिजली भी घंटों गुल रहती है। इस तमाशे को ग्रीष्म ऋतु में आयोजित किया जाता है, जब शीतल पेय की मांग शिखर पर होती है। शीतल पेय बनाने वाली कंपनियां इस तमाशे के प्रायोजन में धन खर्च करती हैं, क्योंकि इस लागत पर उन्हें खूब लाभ प्राप्त होता है। बाजार शासित इस कालखंड में प्रचार शक्तियों का उत्सव बन जाता है यह तमाशा। यह तमाशा अनेक शहरों में आयोजित होता है और खेल के मैदानों को हरा भरा रखने के लिए अत्यधिक जल का अपव्यय होता है। अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में मीलों दूर जाकर पानी लाया जाता है। आईपीएल तमाशे को रोका नहीं जा सकता, क्योंकि औद्योगिक घरानों ने इस तमाशे में पूंजी निवेश किया है।
वर्तमान भारत के कुबेर भी एक टीम के मालिक हैं। प्रीति जिंटा और शाहरुख खान की भी टीमें हैं। एक उद्योगपति की पत्नी मैच देखती हैं और एक टीम की मालकिन हैं। पत्नी के तमाशे में व्यस्त रहने से उद्योगपति पति को बड़ी खुशी प्राप्त होती है, क्योंकि अब वे अपना अधिकतम समय अपने व्यवसाय को दे सकते हैं। स्वतंत्रता और प्रसन्नता इस तरह प्रायोजित की जा सकती है। आम आदमी को पॉकेट मार की तरह खुशी की जेबकतरी करनी होती है। सुखी दांपत्य रहस्य नामक किताब लिखी जा सकती है। इसके नुस्खे बताने का व्यवसाय किया जा सकता है। इस नुस्खे की एक पुड़िया आईपीएल भी है।
ज्ञातव्य है कि आईपीएल तमाशे के कुछ समय बाद ही वर्ल्ड कप का आयोजन है। आईपीएल तमाशे में आड़े टेढ़े शॉट खेल रन बटोरने की आदत पड़ जाने के बाद विश्वकप प्रतिस्पर्धा में खिलाड़ी को बहुत नुकसान हो सकता है। इस तरह गरिमामय विश्वकप प्रतिस्पर्धा को यह मदारी का तमाशा हानि पहुंचा सकता है।
भारत का क्रिकेट संगठन अजीबोगरीब हरकतें करता है। महान खिलाड़ी महेन्द्र सिंह धोनी ने पांच दिवसीय क्रिकेट से संन्यास लिया है परंतु सीमित ओवर खेल से संन्यास नहीं लिया। यह दिन रात खेल की तरह का संन्यास है कि प्रातः से दोपहर तक संन्यास लिया है और शेष समय में कोई सद्ग्रहस्थ बना रहे। अब वे ऑस्ट्रेलिया पहुंचे हैं। विकेटकीपर पंत ने शानदार शतक बनाया और ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाने वाले वे पहले विकेटकीपर खिलाड़ी बने परंतु अब महेंद्र सिंह धोनी के आ जाने से पंत महज दर्शक रह जाएंगे। विश्वकप स्पर्धा से पंत बाहर रखे जा सकते हैं। पार्ट टाइम संन्यास को इस तरह भी देखा जा सकता है कि गुड़ खाकर गुलगुले से परहेज किया जा रहा है। विश्वनाथ, मोहिंदर अमरनाथ, गावसकर, तेंडुलकर ने जमकर खेला और संपूर्ण संन्यास भी लिया, परंतु धोनी का ढंग पार्ट टाइम संन्यास का है। क्रिकेट संगठन में कुछ बाहुबली हैं और उनका सनकीपन ही नियम बन जाता है।
तथाकथित कृषि प्रधान भारत में पीड़ित किसानों ने चुनावी खेल में निर्णायक भूमिका निभाई है। क्या अब कृषक वर्ग आईपीएल तमाशे का विरोध करेगा? उनको पानी नहीं मिलता, सिंचाई सीमित क्षेत्र में होती है परंतु आईपीएल मैदानों को हरा-भरा रखने में कृषि वर्ग पर ही चोट हो रही है। उनके हल से ही अधिकांश समस्याओं के हल निकल सकते हैं। आईपीएल तमाशे में जमकर सट्टेबाजी होती है। महानगर में पुलिस दबिश मारती है। अत: क्रिकेट का सट्टा खाने वाले खंडाला, लोनावला जैसी जगह पर बंगला किराए पर लेते हैं और सट्टे का तामझाम इन सुरक्षित स्थानों से चलाया जाता है।
परीक्षा के मौसम में बिजली जाने से छात्र पीड़ित होते हैं परंतु आईपीएल तमाशे के लिए बिजली उपलब्ध कराई जाती है। साधनहीन व्यक्ति कुछ नहीं कर पाता। भांति-भांति के उत्सव रचे जा रहे हैं। नए पूजा अवसरों का अविर्भाव हो गया है। देश को गुमराह किया जा रहा है। गीता में कर्म करते रहने को ही सबसे बड़ा धर्म माना गया है, जबकि छात्र, किसान व मेहनतकश वर्ग को वंचित किया जा रहा है। खोखली घोषणाओं का दौर जारी है। क्रियान्वित नहीं किए जाने वाले फैसले लेने में महारत दिखाई गई है परंतु अब सारे मुखौटे गिरते जा रहे हैं।
क्रिकेट की तरह ही गोल्फ कोर्स को हरा-भरा रखने के लिए पानी का अपव्यय किया जा रहा है। चंद धनाढ्य लोग इस खेल को खेलते हैं। भारत के कुछ नगरों में गोल्फ खेलने की व्यवस्था है। जापान ने गोल्फ पर पानी के खर्च को रोकने के लिए सिंथेटिक गोल्फ कोर्स का निर्माण किया है। संसार के तमाम देशों में पानी अपव्यय करने में भारत अग्रणी देश है। पानी बचाने के आंदोलन की आवश्यकता है।