आधी दुनिया / सुकेश साहनी

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

...साड़ी पहनकर दिखाओ, लूज फिटिंग के सूट में फिगर्स का पता ही नहीं चलता...चलकर दिखाओ...लम्बाई? ऐसे नहीं-बिना सैडिंल के चाहिए...मेकअप तो नहीं किया है न? ...पार्क में चलो, चेहरे का रंग खुले में ही पता चलता है...बड़ी बहन की शादी में क्या दिया था? ... क्या-क्या पका लेती हो? ...घर सम्हालना आता है? आज के समय में नौकर-मेहरी रखना 'सेफ' नहीं है।

... 'जयमाल' के समय सूट पहनना, लहंगा-चोली नहीं चलेेगा...डार्लिंग, ये देहाती औरतों वाला अंदाज़ छोड़ दो...आज की रात हम जो कहेंगे, करना होगा...हमसे कुछ मत छिपाना...शादी से पहले किसी से प्यार किया था? ...कितना नमक झोंक दिया है सब्जी में! ...स्वीट हार्ट! इधर आओ, हमारे करीब...दिनभर की थकान हम अभी दूर किए देते हैं! ...चूमने का ये अंग्रेज़ी अंदाज कहाँ से सीखा? तुम तो छिपी रुस्तम निकली! ...कैसा खाना बनाया है? देखते ही भूख मर गई.

...खिड़की पर मत खड़ी हुआ करो...बेमतलब खी-खी मत किया करो! ...तुम्हारे घर वालों में ज़रा भी अक्ल नहीं है, इस कूड़े, -कबाड़ की जगह कार ही दे देते। ...अक्ल से बिल्कुल पैदल हो! प्यार करने के तरीके इन विदेषी मेमो से सीखो। ...कितनी बार कहा है बेवक्त घर का रोना मत रोया करो, सारा मजा किरकिरा हो जाता है। ...मुझसे पहले तुम कैसे सो सकती हो? ...दोस्त आएँ तो उन्हें चाय-पानी के लिए पूछा करो। ...दोस्तों के सामने मुँह उठाए क्यों चली आती हो? उनसे ज़्यादा हँस-हँसकर बात मत किया करो।

। ...बहुत फालतू-खर्च करने लगी हो! ...तुम्हारे खानदान में किसी ने बेटा जना है जो तुम जनोगी! मैं तो फँस गया! ...दिन-रात मायकेवालों का जाप मत किया करो। ...किसे चाय-पानी के लिए पूछना है किसे नहीं, ये सब भी सिखाना पड़ेगा तुम्हें? ...तुम्हारी बहन की शादी में बहुत माल खर्च कर रहे हैं, हमें तो बहुत सस्ते में ही निबटा दिया था बुढ़ऊ ने।

...आए दिन पर्स उठाकर कहाँ चल देती हो? घर का नाम मत डुबो देना! ...बेटियों को चौपट करोगी तुम! भगवान के लिए उन्हें अपने जैसा मत बनाना। ...रोजाना माँ को देखने मत चल दिया करो। बुढ़िया के प्राण इतनी आसानी से नहीं निकलने वाले, अब 'खबर' आने पर ही जाना। ...दिन-रात घुटनों को लेकर 'हाय-हाय' करना छोड़ दो। घर में घुसते ही मूड खराब हो जाता है।

...कितनी ठंडी होती जा रही हो दिन-ब-दिन! ...मोहल्ले की इन दो टके की औरतों से बात मत किया करो...अब ये रोना धोना बंद करो! माँ के मरने पर नहीं पहुँच सकी तो कौन-सा पहाड़ टूट पड़ा। ...ये चोंचले मुझे मत दिखाओ! ...ज्यादा अगर-मगर मत करो... शक्की बुढ़िया की तरह 'बिहेव' मत करो... दिमाग का इलाज कराओ...सिर मत खाओ...ज्यादा चीं-चपड़ मत करो! मुझसे ऊँची आवाज में बात मत करना...तुम्हारी ये मजाल! ...मुझे आँखें दिखाती हो! निकलो...अभी निकलो 'मेरे' घर से।