आधी हकीकत आधा फ़साना - भाग 12 / राकेश मित्तल
प्रकाशन तिथि : जून 2015
वर्ष 1994 में एक नए तरह के पारिवारिक सिनेमा को सूरज बड़जात्या लेकर आए और उनकी फिल्म `हम आपके हैं कौन’ ने पहली बार 70 करोड़ का आंकड़ा छुआ। हालाँकि तब तक रूपए का काफी अवमूल्यन हो चुका था और अमेरिकन डॉलर की कीमत 32 रूपए तक पहुँच गई थी। `हम आपके हैं कौन’ इस शिखर पर अगले सात साल रही। इस फिल्म को वर्ष 2001 में अनिल शर्मा निर्देशित फिल्म `ग़दर’ ने पीछे छोड़ा। पाकिस्तान के प्रति भारतवासियो की भावुक नफरत को भुनाते हुए सनी देओल के जोशीले संवादों के सहारे इस फिल्म ने कामयाबी के झंडे गाड़ दिए। `ग़दर’ के समय में ही `लगान’ भी रिलीज़ हुई थी, किन्तु वह `ग़दर’ की कमाई के आंकड़ों को पर नहीं कर सकी। अगले पांच सालों तक कोई फिल्म `ग़दर’ को चुनौती नहीं दे पाई। उसके बाद 2006 में `धूम-2’ ने 80 करोड़ का आंकड़ा पार करते हुए `ग़दर’ को पीछे छोड़ा। वर्ष 2007 तक `धूम-2’ भारत में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी रही। उसके बाद 2008 में आमिर खान की `गज़नी’ ने भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली बार 100 करोड़ की कमाई का आंकड़ा छुआ। लेकिन `गज़नी’ इस शिखर पर मात्र एक वर्ष तक टिकी रह सकी। वर्ष 2009 में आमिर खान की ही फिल्म `थ्री इडियट्स’ ने कमाई के पिछले सारे रिकार्ड्स ध्वस्त कर दिए। हिंदी सिनेमा के इतिहास में `थ्री इडियट्स’ पहली और एकमात्र फिल्म है, जिसने 200 करोड़ की कमाई के आंकड़े को पार किया। आज तक इस कीर्तिमान को कोई दूसरी हिन्दी फिल्म नहीं तोड़ पाई है। सलमान खान की `एक था टाइगर’ लगभग इसके बराबरी तक पहुँच चुकी है।
वैसे यदि सम्पूर्ण भारतीय सिनेमा की बात की जाय तो 2010 में प्रदर्शित रजनीकांत की `इंधिरण’ (जो की हिंदी में `रोबोट’ के नाम से प्रदर्शित की गई) ने लगभग 400 करोड़ के व्यवसाय कर सभी फिल्मों को पीछे छोड़ दिया है और आने वाले समय में शायद रजनीकांत ही इस कीर्तिमान को तोड़ सकें।