आम आदमी और सितारों के विवाह में प्रेम? / जयप्रकाश चौकसे

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आम आदमी और सितारों के विवाह में प्रेम?
प्रकाशन तिथि :03 अप्रैल 2015


रति अग्निहोत्री ने कमल हासन के साथ सफल 'एक दूजे के लिए' से करियर शुरू किया था और अनेक सफल फिल्मों में अभिनय किया। बलदेवराज चोपड़ा निर्देशित 'तवायफ' में उनके अभिनय को बहुत सराहा गया था। अपने करियर की दोपहर में ही उन्होंने एक आर्किटेक्ट से अपने माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध प्रेम विवाह किया था और फिल्म दुनिया को अलविदा कह दिया था। विगत सप्ताह उन्होंने पुलिस स्टेशन पर अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस द्वारा उनकी डॉक्टरी जांच के बाद उनकी शिकायत का प्रमाण पुलिस को मिल चुका है। उनका कहना है कि अनेक वर्षों तक उन्होंने अत्याचार इसलिए सहा कि सारे परिवार का विरोध किए विवाह के असफल हो जाने को स्वीकार करने में उन्हें संकोच हो रहा था।

जिस सप्ताह यह रपट दर्ज हुई, उस सप्ताह दीपिका पादुकोेण का वीडियो 'माय चॉइस' भी जारी हुआ था जिसमें उन्होंने अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को परम स्थान दिया और उनके अपने जीवन के चुनाव की आलोचना का हक किसी को नहीं है - यह बयान शामिल है। यह वीडियो होमी अदजानिया ने निर्देशित किया और फैशन पत्रिका 'वोग' ने इस शृंखला का निर्माण किया है। स्त्री समानता व शक्ति के लिए यह मुहिम 'वोग' ने चलाई है। फैशन पत्रिकाओं में महिलाओं के साहसी चित्र होते हैं और यह उनकी बिक्री का एक बड़ा कारण है। इन दोनों घटनाओं के बाद एक पत्नी को बलपूर्वक 'सती' किया गया ऐसी खबरें भी आ रही हैं। कुछ समय पूर्व ही अनुष्का शर्मा की 'एनएच 10' भी प्रदर्शित हुई है। सारांश यह है कि महिला समानता फिर फोकस में आई है और सदियों से चली आ रही इस मुहिम को कभी सफलता मिलेगी - यह संदिग्ध है।

दीपिका पादुकोण के बयान में केवल इतना ही विवादास्पद है कि उनका विश्वास है कि यौन संबंध विवाह के पूर्व या बाद में भी उनकी निजी स्वतंत्रता का मामला है। हमने यौन संबंध के मामले में जो स्वतंत्रता पुरुष को दी है, वह स्त्री को नहीं दी है। एक उसे अपनी 'विजय' बताता है और दूसरे को इस पर लज्जित होने को कहा जाता है। एक दौर में अनेक विवाह पहली रात के बाद ही तोड़ दिए जाते थे, क्योंकि चादर पर रक्त की बूंदें नहीं हैं। शरीर में एक झीनी सी झल्ली के कारण 'पवित्रता' को भी तोला गया है। इस अध्यात्मिक देश में जाने कैसे शरीर की पवित्रता और कुंआरेपन के मिथ गढ़े गए हैं, जबकि यह मामला हृदय के कुंआरेपन का है। जाने कब और कैसे प्रेम प्रसंग में हृदय गौण हो गया और शरीर प्रमुख हो गया।

रति अग्निहोत्री ने पति के हाथ यंत्रणा सही और उनके दशकों पूर्व उनसे कहीं बेहतर अभिनेत्री और सितारा नूतन ने भी सही थी। इन प्रसिद्ध लोगों पर हुए अत्याचार तो खबर बन जाते हैं परंतु आम जीवन की इसी तरह की अनेक सत्य घटनाएं कभी प्रकाश में ही नहीं आती। जाने कितनी पीठों पर अदृश्य कोड़ों की मार के निशान और इसी बात से याद आता है कि मजनू को मारे गए कोड़ों के चिन्ह और यातना लैला को होती थी। सफल शादियों के ये 'शिलालेख' पीठों पर उभरे हैं, इसका कोई आकलन ही संभव नहीं है।

यह संभव है कि सितारे के साथ जुड़ी लोकप्रियता और उसके कमाए धन के कारण विवाह तो हो जाता है परंतु पति बाद में पत्नी द्वारा किए गए प्रेम दृश्यों के डी.वी.डी देखते समय विचलित हो जाता हो और उसके मन में संशय जागता हो कि क्या यह मात्र अभिनय था? 'मुगले आजम' में जब दिलीप मधुबाला के प्रेम दृश्य शूट किए जा रहे थे तब उनमें अबोला था परंतु दोनों निष्लात कलाकारों ने क्या विश्वसनीयता पैदा की है और आम जीवन में भी तो कभी-कभी प्रेम का अभिनय हर कोई करता है।