आलिया, श्रद्धा और परिणीति / जयप्रकाश चौकसे

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आलिया, श्रद्धा और परिणीति
प्रकाशन तिथि : 18 फरवरी 2014


वर्तमान की शिखर सितारा दीपिका पादुकोण है उनके निकट हैं कैटरीना कैफ तथा प्रियंका चोपड़ा। करीना कपूर पिछड़ गई हैं। पुरुष शासित समाज और सिनेमा में पुरुष सितारों के साथ की गई भव्य फिल्मों में काम करने वाली नायिकाएं ही शिखर पर पहुंचती हैं। यह बात अलग है कि दीपिका ने शाहरुख खान की मौजूदगी के बावजूद 'चेन्नई एक्सप्रेस' को अपनी फिल्म बना लिया और इसी तरह रणवीर कपूर जैसे प्रतिभाशाली सितारे की नाक के नीचे से वह 'यह जवानी है दीवानी' का श्रेय ले उड़ी और '...रामलीला' में तो उसका सह-सितारा केवल अपना जिस्म और उसमें रची गई मांसपेशियां ही दिखाता रहा, अभिनय का प्रयास ही नहीं किया। यह कितनी अजीब बात है कि इस दौर में पुरुष सितारा महिला सितारों से अधिक अपने नग्न जिस्म का प्रदर्शन कर रहे हैं। क्या दर्शकों की रुचियां बदल गई हैं? सच तो यह है कि यह कालखंड ही शरीर का है, स्थूलता का है और इसीलिए कुछ नेता भी परिवर्तन के लिए 'छप्पन इंच की छाती' का दावा कर रहे हैं और इस बात को बड़ी खूबी से छुपा रहे हैं कि भीतर बुलेटप्रूफ जैकेट है और छप्पन इंच की छाती के दावे किस तरह खोखले हैं। वह दौर गया जब दूसरे विश्व युद्ध के नायक विंस्टन चर्चिल ने बड़े दंभ से कहा था कि उस नंगे फकीर (महात्मा गांधी) से डरने की आवश्यकता नहीं है। चर्चिल चुनाव भी हारे और भारत भी खो दिया। वह साठ पौंड का 'नंगा फकीर' भारी पड़ गया।

बहरहाल मनोरंजन परिदृश्य तेजी से बदल रहा है, अभी दीपिका, कैटरीना का दौर जारी है परंतु उनके लौह द्वार पर दस्तक दे रही हैं युवा आलिया भट्ट, श्रद्धा कपूर और परिणीति चोपड़ा। यह गौरतलब है कि इन तीन युवा कन्याओं का आत्मविश्वास और दृष्टिकोण अपनी समकालीन दीपिका, कैटरीना एवं प्रियंका चोपड़ा से जुदा है। ये तीनों नामी सितारों की सहायता से शिखर पर नहीं पहुंचना चाहतीं। श्रद्धा कपूर की पहली फिल्म 'तीन पत्ती' असफल रही परंतु आदित्य चोपड़ा ने उसे तीन फिल्मों के लिए अनुबंधित किया जिनकी कागजी तैयारी चल ही रही थी कि उसने महेश भट्ट की 'आशिकी-2' की पटकथा पढ़ी और उसे इतनी अच्छी लगी कि सहसितारे के नए होने के बावजूद उसने आदित्य के अनुबंध से मुक्त होकर यह फिल्म की तथा 10 करोड़ में बनी फिल्म ने 80 करोड़ का व्यवसाय किया।

इसी तरह आलिया भट्ट ने करण जौहर की फूहड़ फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' की सफलता के बाद आए अनेक प्रस्तावों को ठुकराकर रणदीप हुड्डा जैसे संघर्षरत नायक के साथ इम्तियाज अली की 'हाइवे' अनुबंधित की। यह फिल्म 21 फरवरी को प्रदर्शित होने जा रही है। यह इम्तियाज का ही साहस है कि उसे रणवीर कपूर जैसे सफल सितारे का साथ है परंतु उसने आलिया और रणदीप की फिल्म पहले बनाई। इसी तरह प्रियंका चोपड़ा की रिश्ते की बहन परिणीति ने यशराज स्टूडियो में नौकरी की और सितारा बनने की कोई महत्वाकांक्षा उसे नहीं थी परंतु पारखी आदित्य चोपड़ा ने उसे 'इशकजादे' बना दिया।

यह पुरानी बात है कि पीढिय़ों का अंतर दशक के बाद आता है, आज तो यह अंतर चंद दिनों के अंतराल के बाद ही सामने आ जाता है। आज चौदह-पंद्रह में ही युवा अवस्था का आभास होता है। मैंने अपने चौदह वर्षीय पोते अक्षर के लिए लिखा 'जो ध्वनियां तुम अभी साफ नहीं सुन पा रहे हो, वे ध्वनियां ही तुम्हारे ओंठो के ऊपर और नाक के नीचे रूएं बनकर उभर रही हैं।' समय की रफ्तार हमेशा तीव्र थी परंतु अब यह गति बुजुर्गों को भी समझ में आ रही है मार्फत पोतों पोतियों के। प्रतिपल युवा होते लोग ध्वनि के दृश्य रूपांतरण को ही समझते हैं।