इस अंक में / अक्टूबर 2012 / युगवाणी
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- लाशों पर राजनीति का उपचुनावः आपदा से पीड़ित उत्तरकाशी और उफखीमठ की जनता को सहायता पहुँचाने के बजाय मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा गले में पूफलों की माला डाले किसी विजयी योद्धा की तरह अपने पुत्रा साकेत के लिए वोट मांगते घूम रहे हैं। जगमोहन रौतेला की विशेष रिपोर्ट
- नियति नहीं नीयत पहचानेंः उत्तरकाशी के बाद उफखीमठ में प्रकृति ने जो विनाश किया है, वह प्राकृतिक कम मानवजनित अधिक है। आपदा से जूझ रहे लोगों के प्रति सरकार की संवेदनहीनता और नीयत पर केन्द्रित है मदन मोहन चमोली की यह विशेष रिपोर्ट
- पौड़ी के च्वींचा गाँव में जन्मे थे पं. गोविन्द बल्लभ पंतः डॉ योगेश धस्माना का आलेख
- तौबा यह बुलशिटः टिहरी संसदीय उपचुनाव पर वरिष्ठ पत्राकार राजीवनयन बहुगुणा की तिरछी नजर
- साथ ही रमेश कुड़ियाल, डॉ. राजेश्वर उनियाल, उमेश चमोला की कविताएँ और राजीव बिंजोला प्रेम की कहानी ‘सींग’
- इसके अलावा खबरों की खबर, जयप्रकाश पंवार का ‘पहाड़नामा’ और सरगर्मियाँ सहित सभी स्थाई स्तम्भ।