उनींदे सितारों की ख़बरें / जयप्रकाश चौकसे

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उनींदे सितारों की ख़बरें

प्रकाशन तिथि : 06 सितम्बर 2012


सोमवार की अलसभोर में सलमान खान के घर से प्रियंका चोपड़ा बाहर आईं और एक अखबार के कैमरामैन ने चित्र ले लिया। सितारों को रात में नींद नहीं आती, न आसमान के सितारों को और न ही धरती पर जनता द्वारा लडिय़ाए सितारों को। आसमान के तारों का काम ही है जागना, परंतु धरती के सितारे अपनी समृद्धि और प्रसिद्धि के कारण अनजान तनाव के शिकार होते हैं। प्रियंका चोपड़ा को सलमान के साथ फिल्म किए पांच वर्ष हो गए हैं और इन वर्षों में उनके तथा शाहरुख खान के इश्क के चर्चे मीडिया में उछलते रहे हैं और गौरी के खिन्न रहने की बात भी की जा रही है। अत: उनके दोस्त-दुश्मन सलमान खान से लंबी मुलाकात गौरी को राहत दे सकती है और शायद शाहरुख को थोड़ा दुखी कर सकती है।

सितारों के जीवन में असली-नकली प्रेम के तथाकथित प्रकरण हर दौर में चलते रहे हैं। जब नरगिस दिलीप के करीब थीं, तब राज कपूर उन्हें ले उड़े और 9 सालों में उनके साथ सोलह फिल्में कीं तथा उनकी निर्माण संस्था के प्रतीक चिह्न मेें वह हमेशा के लिए अंकित हो गईं। आरके स्टूडियो के शिखर पर उनकी पत्थर पर बनी छवियां आज भी मौजूद हैं और क्या पता रात में वे बतियाती भी हों। आस-पड़ोस में रहने वालों का कहना है कि कभी-कभी रात में वायलिन की आवाजें गूंजती हैं। ज्ञातव्य है कि राज कपूर के एक हाथ में वायलिन है और दूसरी बांह में नरगिस। यह फिल्म 'बरसात' के दृश्य की प्रस्तर अनुकृति है। कुछ वर्ष बाद दिलीप की प्रिय वैजयंती माला को भी राज कपूर ले उड़े थे। मधुबाला को स्वयं दिलीप कुमार ने किशोर कुमार की बांहों में जाने दिया, क्योंकि प्रेमनाथ ने मधुबाला से अपनी नजदीकी की बात की थी। बहरहाल, दिलीप साहब सायरा बानो को राजेंद्र कुमार के पाले से ले आए।

हेमा मालिनी से शादी को बेकरार थे संजीव कुमार और जितेंद्र, पर धरमजी ने उनसे विवाह कर लिया। जीनत अमान को संजय खान देव आनंद से चुरा लाए। फिल्म उद्योग में यह खेल हमेशा जारी रहा है। कई बार वह इश्क नहीं होता, वरन ट्रॉफी होती है, जिसे प्रतिद्वंद्वी को हराकर हासिल करना होता है। पुरुष प्रेम को भी प्रतिस्पद्र्धा का हिस्सा बना लेते हैं। सितारे अपनी छवि के अतिरिक्त किसी और से प्यार कर ही नहीं पाते। नायिकाएं भी आत्ममुग्धा होती हैं और उनका प्रेम आईने से ही होता है। राजेश खन्ना भी अनेक खेल खेलते हुए ऋषि कपूर की बांह से उनकी बॉबी डिंपल खींच लाए थे, परंतु कुछ वर्षों बाद ही उनमें अलगाव हो गया।

गौरतलब यह है कि आज की नायिकाएं बेहद अमीर और शक्तिशाली हैं, अत: उन्हें किसी को रिझाने की आवश्यकता नहीं है, परंतु अपनी प्रतिद्वंद्वी को पराजित करने की ललक इतनी बलवती होती है कि सब कुछ कर गुजरती है। उनके व्यवसाय में सुर्खियों में बने रहना अभिनय करने से अधिक आवश्यक है। यह संभव है कि घरेलू शांति की खातिर अब शाहरुख प्रियंका के साथ फिल्म न करें और शाहिद के साथ एक डिब्बा फिल्म प्रियंका कर चुकी हैं तथा शाहिद अब रेस से बाहर हैं और वे कभी खेले थे, यही उनकी एकमात्र उपलब्धि है। बड़े सितारे के साथ फिल्म करते ही उनके दाम विज्ञापन फिल्म में बढ़ जाते हैं। आज सलमान खान के साथ अवसर के बाजार मूल्य बहुत अधिक हैं, अत: अहंकार को हया की तरह कुछ समय के लिए छोड़ देने से कई लाभ मिल सकते हैं। आजकल जीवन मूल्य तो छलनी की तरह छिद्रमय हो गए हैं। इस पूरे प्रकरण में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अलसभोर में एक पत्रकार सलमान खान के घर के बाहर क्यों खड़ा था और उसे किसने खबर दी कि सुबह जब आसमान में पंछी उडऩे की बेला होगी और धरती पर घोंघे रेंगने लगेंगे, आसमान के सितारे उनींदे होंगे, तब प्रियंका सलमान के घर से बाहर पैर निकालेंगी। इससे सबसे अधिक लाभ जिसे हो सकता है, कहीं उसी ने तो प्रियंका के पीछे प्राइवेट गुप्तचर नहीं लगाया या यह खबर पत्रकार को दी?

मनोरंजन उद्योग में इस तरह के दांव-पेंच चलते रहते हैं, परंतु यह आज का ही दौर है, जब इस तरह की खबरें प्रथम पृष्ठ पर जगह पाती हैं।