उफक पर खड़ी अभिनेत्रियां / जयप्रकाश चौकसे

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
उफक पर खड़ी अभिनेत्रियां
प्रकाशन तिथि :22 अगस्त 2017


दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा, कैटरीना कैफ एवं अनुष्का शर्मा लंबे अरसे से अपनी पहचान और धाक जमाए बैठी हैं परंतु राधिका आप्टे, स्वरा भास्कर, कृति सेनन और तापसी पन्नू ने अपनी प्रभावोत्पादक मौजूदगी दर्ज कर दी है। कंगना रनौट को किसी भी श्रेणी में रखना संभव नहीं है क्योंकि वे पहाड़ी नदी की की तरह वेगवती एवं चंचल रही हैं। केतन मेहता कंगना के साथ 'झांसी की रानी' बनाना चाहते थे औैर कंगना उनके साथ कई कॉर्पोरेट अफसरों से मिली परंतु केतन मेहता के रिकॉर्ड को देखते हुए 75 करोड़ की लागत वाली फिल्म का जोखिम कोई उठाने को तैयार नहीं था। केतन मेहता पुणे फिल्म संस्थान से प्रशिक्षित फिल्मकार हैं और 'भवनी भवई,' 'मिर्च मसाला,' 'माया मेमसाहब' जैसी सार्थक एवं सफल फिल्में बना चुके हैं। आज उद्योग के नज़रिये में सौ दो सौ करोड़ की आय के आंकड़े इतने महत्वपूर्ण हो गए हैं कि उन्हें रुपए पर चार आने की कमाई कोई कमाई ही नहीं लगती। इसी तरह कुछ हद तक अवाम का नज़रिया बदला है। अब तो भिखारी को भी चार आने दो तो वह आपको हिकारत से देखता है। हुक्मरान भीख का कटोरा लिए विदेश यात्राओं पर जाता है और कुछ अनुबंधों को विजय पताका की तरह फहराता है परंतु यथार्थ में कहीं कुछ नहीं हो रहा है। वैकल्पिक संसार यथार्थ पर भारी पड़ रहा है।

राधिका आप्टे, कृति सेनन, स्वरा भास्कर व तापसी पन्नू को एक ही फिल्म में लाने पर दर्शक की उत्सुकता जगाई जा सकती है। इस तरह की चार नायिकाओं वाली फिल्म पुरुष केंद्रित सिनेमा में सेंध मार सकती है।

शांताराम की फिल्म 'जीवन ज्योति' में एक जज महोदय उस पत्नी का आवेदन खारिज करते हैं, जिसने अपने पति द्वारा बिना वजह पीटे जाने की शिकायत की थी। अदालत से न्याय नहीं मिल पाने पर वह स्त्री अपनी तरह प्रताड़ित महिलाओं का दल गठित करके पुरुषों की पिटाई करती है। वे काला बाजार करके धन कमाने वालों के यहां डाके भी डालती हैं।

'बाहुबली' एसएस राजामौली द्वारा लिखी कंगना रनौट अभिनीत 'मणिकर्णिका' में हम कंगना को घुड़सवारी करते देखेंगे। स्वरा भास्कर, कृति सेनन, तापसी पन्नू और राधिका आप्टे को घुड़सवार स्वरूप में देखना एक अलग अनुभव हो सकता है। मणिकर्णिका के लिए घुड़सवारी का अभ्यास करते समय कंगना गिर गई थीं और उन्हें चोट आ गई। वे उस निशान को बतौर यादगार बनाए रखना चाहती हैं। उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी कराने से इनकार कर दिया। अब उस अज्ञानी घोड़े को क्या मालूम कि 'क्वीन' कंगना उस पर सवारी कर रही थीं। केतन मेहता के हटाए जाने में राजामौली की कोई भूमिका नहीं है वह निर्णय कंगना रनौट को पूंजी निवेशक नहीं मिल पाने के कारण करना पड़ा। राजामौली तो अरसे से झांसी की रानी में इतनी रुचि रखते रहे हैं कि उन्होंने अपनी सुपुत्री का नाम मणिकर्णिका रखा है।

ज्ञातव्य है कि 'बाहुबली' के प्रदर्शन के पूर्व रजनीकांत ने राजामौली को शुभकामना प्रेषित की थी। राजामौली ने कुछ समय पूर्व ही रजनीकांत से प्रार्थना की है कि वे उनकी फिल्म में नायक की भूमिका करना स्वीकार करें, क्योंकि रजनीकांत के साथ फिल्म बनाने की उनकी महत्वाकांक्षा हमेशा रही है। रजनीकांत इस विषय पर चुप्पी साधे बैठे हैं। दरअसल, रजनीकांत को धन-संपदा का कोई मोह नहीं है। वे वर्ष में एक बार छुटि्टयां मनाने विदेश जाते है। अपने साथ एक छोटा-सा बैग लिए आम आदमी की तरह यात्रा करते हैं। उन्हें कोई सितारा तामझाम पसंद नहीं है। कुछ वर्ष पूर्व उनकी सुपुत्री सौंदर्या द्वारा बनाई एक फिल्म में पूंजी निवेशक को बीस करोड़ का घाटा हुआ और घाटे की कोई कानूनी जवाबदारी सौंदर्या की नहीं थी परंतु रजनीकांत ने पूंजी निवेशक की भरपाई की।

हाल ही में सलीम खान ने सलमान अभिनीत 'ट्यूबलाइट' के वितरकों व प्रदर्शकों को लगभग तीस करोड़ रुपए लौटाए हैं, जबकि ऐसा कोई कानूनी अनुबंध नहीं था। रजनीकांत कर चुके हैं, सलीम खान कर रहे हैं। इस तरह के उच्च नैतिक काम फिल्म वाले कर रहे हैं और करते रहे हैं परंतु कोई नेता किसी तरह का उत्तरदायितत्व नहीं लेता। एक दौर था कि तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने एक रेल दुर्घटना के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

आज मगरमच्छ के आंसू भी नहीं बहाए जाते। रेल विभाग में कार्यरत एक व्यक्ति का कहना है कि रेल की परी एक निश्चित अवधि के बाद बदली जानी चाहिए परंतु ऐसा नहीं किया जा रहा है। एक बड़ा घोटाला जो उजागर ही नहीं हुआ वह यह है कि बदली गई रेल पटरी का लोहा कहां बेचा जाता है या वह रीसाइकिल किया जाता है? घुटे हुए खुर्राट लोगों का देश है भारत महान। हुक्मरान ने चुनाव पूर्व बुलेट ट्रेन का ख्वाब बेचा था। सपनों की सौदागरी की कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होती अन्यथा हमारा गोल्ड मेडल पक्का था।