उम्र की खाई और ढाई आखर प्रेम का / जयप्रकाश चौकसे

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उम्र की खाई और ढाई आखर प्रेम का
प्रकाशन तिथि : 20 फरवरी 2021


प्रियंका चोपड़ा और उनके पति जोनास के बीच उम्र में 10 वर्ष का अंतर है। दिलीप कुमार ने अपने से 22 वर्ष छोटी सायरा बानो से निकाह किया था। अर्जुन कपूर और मलाइका अरोड़ा के बीच भी 12 वर्ष का अंतर है। अभी तक दोनों ने रिश्ता सार्वजनिक नहीं किया है। जैकलीन कैनेडी और उनके दूसरे पति एरिस्टोटल ओनासिस के बीच भी 22 वर्ष का अंतर था। गुजश्ता दौर में बाल विवाह कर दिए जाते थे और गौना दुल्हन की विदाई वर्षों बाद होता था। प्राय: पति-पत्नी के बीच चार या पांच वर्ष का अंतर रहता है।

इस उम्र के अंतर को लेकर बहुत सा सिनेमा व साहित्य रचा गया है। शांताराम की फिल्म ‘दुनिया न माने’ में 60 वर्ष का व्यक्ति 14 वर्ष की अनाथ कन्या से उसके रिश्तेदार को धन देकर विवाह करता है। शादी के बाद कन्या, बूढ़े पति को अपने नज़दीक नहीं आने देती। उस बूढ़े की पहली पत्नी से जन्मी पुत्री गांधी जी के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी है। वह अपने पिता के दूसरे विवाह की निंदा कर कहती है कि इस अनाथ अबोध बालिका को वे गोद ली गई पुत्री बनाते तो उसे उन पर गर्व होता। शांताराम ने सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बनाई हैं। उनकी दूसरी पत्नी संध्या उनसे उम्र में बहुत छोटी थीं। लेखिका अमृता प्रीतम के पति उनसे उम्र में बहुत छोटे थे। वे तो हमेशा साहिर लुधियानवी से प्रेम करती रहीं। उन्होंने एक बार कहा कि उनसे वय में छोटा पति उनके लिए धरती तो साहिर उनके लिए आकाश है।

एक विदेशी फिल्म ‘फोर्टी कैरेट’ में 40 वर्ष की तलाक़शुदा स्त्री को एक 16 साल के किशोर से प्रेम हो जाता है। युवक के धनाड्य माता-पिता को अपने इकलौते पुत्र के इस रिश्ते से नाराज़गी थी। नायिका अपने प्रेमी को समझाती है कि उसे अपने माता-पिता के साथ लौट जाना चाहिए। उम्र के इस भारी अंतर से वह उससे विवाह नहीं कर सकती। किशोर उससे सच्चे प्रेम का अनुरोध करता है। महिला स्वयं को एक कमरे में बंद कर लेती है और वह उस द्वार पर माथा फोड़ता रहता है। किशोर के माता-पिता अपने इकलौते पुत्र को मोहजाल से बचाने के लिए महिला को मुंह मांगी रकम देना चाहते हैं। महिला कहती है कि उसे प्रेम हुआ है और धन उसके लिए कोई मायने नहीं रखता।

बहरहाल किशोर अपने माता-पिता के साथ जाने को तैयार हो जाता है। क्योंकि प्रेमिका ने द्वार नहीं खोला और उसने संवाद के सारे रास्ते बंद कर दिए थे। उस महिला से तलाक लेने वाला फक्कड़ व्यक्ति बाद में अपनी भूतपूर्व पत्नी को समझाता है कि ‘जीवन में सच्चा प्रेम होना सार्थकता देता है। वह 40 कैरेट के हीरे जैसा मूल्यवान है। युवा लड़का तुम्हें जान से चाहता है। तुम्हें एयरपोर्ट जाकर अपने सच्चे प्यार से मिलना चाहिए।’ फिल्म सुखांत है। विदेशी फिल्म ‘समर ऑफ 1942’ में इसी तरह एक कम उम्र का लड़का अपने से बड़ी स्त्री से प्रेम करता है। उसका पति युद्ध में मारा गया था। वह अत्यंत दुखी थी और आत्महत्या करना चाहती थी। ठीक उसी समय किशोर वय लड़का उसे मिला और नजरें मिलाते ही उसे प्रेम हो गया। इस प्रेम ने ही उसे आत्महत्या के पलायन से बचाया और जीने की तमन्ना उत्पन्न की। नैराश्य के अंधकार में प्रेम के जुगनू की रोशनी भी जीने का उद्देश्य बन जाती है। सच्चा प्रेम कभी-कभी प्राप्त होता है। प्राय: प्रेम का भरम होता है या फैशनेबल होने के कारण किया जाता है। सहूलियत के लिए किया जाने वाले प्रेम का दिखावा एक अपराध है।

संत कबीर ने कहा है कि प्रेम के ढाई आखर बांच लेना महाकाव्य के पढ़ने से अधिक सार्थक होता है। अमीर खुसरो कहते हैं- खुसरो दरिया प्रेम का सो उल्टी वाकी धार, जो उबरा सो डूब गया, जो डूबा वो पार। उम्र की खाई इस मामले में मायने नहीं रखती।