ऊँचाई / ख़लील जिब्रान / सुकेश साहनी
Gadya Kosh से
(अनुवाद :सुकेश साहनी)
अगर आप बादल पर बैठ सके तो एक देश से दूसरे देश को अलग करने वाली सीमा रेखा आपको कहीं दिखाई नहीं देगी और न ही एक खेत से दूसरे खेत को अलग करनेवाला पत्थर ही नजर आएगा।
च्च...च....च... आप बादल पर बैठना ही नहीं जानते।
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