एलिजाबेथ टेलर एक बहुविवाहित सिंगल महिला / जयप्रकाश चौकसे

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एलिजाबेथ टेलर एक बहुविवाहित सिंगल महिला


ऋतिक रोशन और सुजैन के परिवारवाले उम्मीद करते हैं कि दोनों का विवाह बच जाएगा। यह बात इस क्रिसमस सप्ताह में मुङो एलिजाबेथ टेलर और रिचर्ड से बर्टन की याद दिलाते हैं। जिन्होंने एक दूसरे से दो बार विवाह किया। पहले तलाक के बाद समय रिचर्ड बर्टन ने कहा था कि वे दोनों एक ही मांस के दो लोथड़ों के समान हैं, जिन्हें लंबे समय तक अलग नहीं रखा जा सकता। थोड़े से अंतराल के बाद मांस के ये दो लोथड़े पुन: एक हो गए। उनकी पहली मुलाकात 1960 में ‘क्लिओपेट्रा’ नामक फिल्म की शूटिंग में हुई थी और कैमरे के सामने उनके दृश्यों में भावना की तीव्रता कुछ ऐसी थी कि निर्देशक इसे बिजली का करन्ट मानता था। एलिजाबेथे इतनी बड़ी सितारा थी कि उसके यह कहने पर की वह आउटडोर के लिए इजिप्ट नहीं जाएगी, निर्माता लंदन में ही सेट लगाया और टनों रेत आयात की गई। इस फिल्म की शूटिंग के समय ही एलिजाबेथ गंभीर रूप से बीमार पड़ीं और कई महीनों के लिए शूटिंग स्थगित करनी पड़ी। 6 मिलियन के बजट वाली फिल्म अन्ततोगत्वा 37 मिलियन में बनी, परंतु एलिजाबेथ और बर्टन की प्रेम कहानी ने फिल्म के लिए उत्सुकता की ऐसी लहर बनाई कि इतनी भव्य लागत के बावजूद फिल्म भारी मुनाफा कमाने वाली सिद्ध हुई।

1964 में दोनों का विवाह हुआ।

रिचर्ड बर्टन और एलिजाबेथ को उनके सम्मिलित मुआवजे के रूप में तीन मिलियन डॉलर देकर उन्हें ‘हूं इज अफ्रेड ऑफ वजिर्निया वूल्फ’ के लिए अनुबंधित किया गया।

कॉलेज कैम्पस के प्रोफेसर दंपती की यह फिल्म भी सफल रही। इसकी कथा में उनके विवाहित जीवन की झलक देखी जा सकती है।

लिज और बर्टन दोनों के पास प्रेम और नफरत की असीम क्षमता थी, साथ ही शराबनोशी भी वे जमकर करते थे। गोयाकि उनके लीवर और दोनों की मजबूत थे। इन दोनों के मिजाज में लाल मिर्च कूट-कूट कर भरी थी और वे एकदूसरे को आहत करने का कोई अवसर नहीं छोड़ते थे। उनमें पीते-पीते किसी बात पर तीव्र बहस होती ओर वे एक दूसरे लड़ने लगते थे तथा हर लड़ाई का अंत एकदूसरे को प्यार करने में समाप्त होता। उनका बेडरूम हमेशा युद्ध क्षेत्र में बदल जाता था और बिस्तर पर प्रेम करने में समाप्त होता था। दरअसल दोनों के पास हर मामले में अपने स्वतंत्र विचार थे और अपने विचारों को अभिव्यक्त करते थे। उन दोनों ने अनेक फिल्मों में साथ-साथ अभिनय किया, परंतु अपने विवाहित जीवन में वे कोई अभिनय नहीं करते थे और अपने भीतर के लावे को बहाने में उन्हें कोई संकोच नहीं होता था। वे दोनों विवाह के पर्वत पर एकदूसरे से सटे हुए ज्वालामुखियों की तरह थे। परंतु धरती के भीतर अपने उद्गम स्थान पर कहीं बहुत गहरा प्रेम सरल रूप में प्रवाहित था। प्राय: वैवाहिक जीवन में लोग बहुत कुछ सहन करके अपने असली रौद्र रूप को छुपा लेते हैं और ऐसे सौम्य एवं शालीन विवाह सफल माने जाते हैं। परंतु 1964 से 1974 तक एलिजाबेथ टेलर और रिचर्ड बर्टन ने कभी अपने मनोभावों को छुपाया नहीं। उन्होंने कभी अस्थाई शांति के लिए अनचाहे समझोते ने किए और प्रेम में कभी युद्ध का अवसर नहीं छोड़ा। वे दोनों पूरी तरह से ईमानदार लोग थे। हम उनके रिश्ते को समझने के लिए ये कहें कि एक कांग्रेस विचारधारा के व्यक्ति का विवाह कट्टर भाजपाई से हो जाए तो बेडरूम तो कुरुक्षेत्र बनेगा ही। एलिजाबेथ का जन्म 27 फरवरी 1932 को लंदन में हुआ।

मां सारा सोथर्न रंगमंच पर अभिनय करती थी और पिता फ्रांसिस टेलर पेन्टिग्स बेचने के व्यवसाय में थे। वे लोग 1939 में युद्ध छिड़ने के पहले ही अमेरिका आ गए, जहां पहले एलिजाबेथ ने छोटी बच्ची का अभिनय किया और जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही वे 1944 में नेशनल वेल्वेट की नायिका बनीं। वे मन में किसी भाव के उठते ही एक्शन लेती थीं। उनके चार विवाह हुए और पांचवें तथा छठे पति रिचर्ड बर्टन ही रहे। मृत्यु के पहले एक विवाह और भी हआ। उनकी मृत्यु 23 अक्टूबर 2011 को हुई। इतनी बार विवाह के बावजूद वे हमेशा सिंगल ही रहीं। इस मायने में कि उन्होंने कभी अपने निजी व्यक्तित्व को पति को सर्माहत नहीं किया। अपने भीतर के आक्रोश को कभी छुपाया नहीं। सारी उम्र वह या तो आहत होती रहीं या आहत करती रहीं।

प्राय: वैवाहिक जीवन में लोग बहुत कुछ सहन करके अपने असली रौद्र रूप को छुपा लेते हैं और ऐसे सौम्य एवं शालीन विवाह सफल माने जाते हैं। परंतु 1964 से 1974 तक एलिजाबेथ टेलर और रिचर्ड बर्टन ने कभी अपने मनोभावों को छुपाया नहीं।