एल.एम.10 / सेकंड हाफ़ : कॉर्नर / मिडफ़ील्ड / सुशोभित

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एल.एम.10
सुशोभित


अगर आप जानना चाहते हैं कि फ़ुटबॉल पिच पर किसी टीम का सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी कौन-सा है, तो आपको 10 नम्बर की जर्सी की तलाश करनी चाहिए। बहुत मुमकिन है आपको वह खिलाड़ी इसी नम्बर की जर्सी पहने मिले। फ़ुटबॉल में अटैकिंग मिडफ़ील्डर अमूमन 10 नम्बर की जर्सी पहनता है और रचनात्मकता का केंद्र यही सेंट्रल मिडफ़ील्ड होती है, जहाँ से खेल की गति तय होती है और गोल्स की जेनेसिस भी। फ़ुटबॉल के इतिहास के अनेक महान खिलाड़ियों ने 10 नम्बर की जर्सी पहनी है– पेले, माराडोना, प्लातीनी, रोनाल्डीनियो, ज़िदान, और हाल के बरसों में मेस्सी, तोत्ती, नेमार।

क्रोएशिया के कप्तान और रीयल मैड्रिड के मिडफ़ील्डर लुका मोद्रिच भी 10 नम्बर की जर्सी पहनते हैं। हाल के बरसों में मैड्रिड को जितनी सफलताएँ मिली हैं, उनमें उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वह सर्वश्रेष्ठ फ़ुटबॉलर का बैलोन डी' ओर पुरस्कार जीत चुके हैं और 2018 के विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी आँके गए थे। उन्होंने, ‘‘गोल्डन बॉल’’ भी पाई।

स्कॉटलैंड के ख़िलाफ़ खेले गए यूरो कप के एक मैच में मोद्रिच ने आउटसाइड-ऑफ़-द-बूट तकनीक से गोल किया था। वैसा गोल करने के लिए बड़ी दक्षता और अभ्यास की आवश्यकता होती है (मैड्रिड के खेल को फ़ॉलो करने वाले जानते हैं कि मोद्रिच इस तरह के अनेक पास देते रहते हैं, आउटसाइड-ऑफ़-द-बूट तकनीक उनकी विशिष्टता बन चुकी है)। वह मोद्रिच के बहुतेरे गोल्स की तरह लॉन्ग-रेंज शॉट था। मोद्रिच इतने निष्ठावान मिडफ़ील्डर हैं कि वह हमेशा फ़ॉरवर्ड्स को एक उम्दा पास या क्रॉस देने के लिए प्रयासरत रहते हैं, स्वयं सेंटर-फ़ॉरवर्ड पोज़िशन से गोल करते कभी नहीं पाए जाते। लेकिन सेंट्रल मिडफ़ील्ड में उन्हें जब भी शूट करने का अवसर मिलता है, वह चूकते नहीं। छोटे क़द के खिलाड़ी होने के बावजूद वह अकसर बहुत सधे हुए निशाने लगाते हैं। परिंदों जैसी उनकी हलकी देह उस शॉट में इनवॉल्व होती मालूम होती है और उनके बाल लहरा जाते हैं। उनके पास एक टिपिकल पूर्वी-यूरोपियन स्लाविक चेहरा है और वह अपने सिर पर हैडबैंड लगाना नहीं भूलते।

प्रतिद्वंद्वी क्लब के होने के बावजूद बार्सीलोना फ़ैन्स सर्किल में मोद्रिच का नाम हमेशा आदर से लिया जाता है, क्योंकि वह बहुत विनम्र स्वभाव के गुणी खिलाड़ी हैं और बहुत सामान्य परिस्थितियों से उठकर यहाँ तक पहुँचे हैं। उनके नाम के इनिशियल्स और उनके नम्बर का हवाला देकर अलबत्ता रीयल मैड्रिड फ़ैन्स के द्वारा यह कटाक्ष अवश्य किया जाता है कि वही असल एल.एम.10 हैं, कोई और नहीं– यहाँ इशारा लियो मेस्सी की तरफ़ है– लेकिन इतना फ़ुटबॉलिंग-बेंटर तो फ़ैन्स के बीच स्वाभाविक है।

कुछ समय पूर्व लुका मोद्रिच की आत्मकथा आई थी। इसकी प्रस्तावना सर एलेक्स फ़र्ग्युसन ने लिखी है, जिन्होंने लुका को बीते बीस साल के सर्वश्रेष्ठ मिडफ़ील्डर्स में से एक बताया है। इस किताब में लुका ने क्रोएशिया के सुदूर गाँव ज़ातोन ओब्रोवस्की में अपनी पैदाइश, क्रोएशियन युद्ध के कारण झेले गए विस्थापन, ज़गरेब में पेशेवर फ़ुटबॉलर के रूप में संघर्ष और फिर वहाँ से इंग्लिश प्रीमियर लीग तक पहुँचने की अपनी कहानी सुनाई है। इस कहानी में बेलौन डी' ओर, विश्व कप और चैम्पियंस लीग की जीतें एक उपसंहार की तरह मौजूद हैं, मुख्य कथानक तो लुका का स्वयं का जीवन है।

किताब की भूमिका में पूर्व क्रोएशियाई फ़ुटबॉलर ज़्वोनीमीर बोबन ने लिखा है कि लुका के खेल में फ़ुटबॉल की ज्यामिति, हार्मनी और डायनैमिक्स एक साथ गुँजायमान होती है। लुका जन्मजात नम्बर 10 हैं। कोई भी उनसे उनका यह नम्बर छीन नहीं सकता। वह भले चावी जितने रचनात्मक नहीं, उनके पास इनीएस्ता सरीखा स्पर्श नहीं, या वह आंद्रे पीर्लो जैसे शिल्पी नहीं, लेकिन गेंद को पास करने की आदर्श लय में, अनेकानेक ज़िगज़ैग पैटर्न्स के भीतर कठिन समस्याओं के सरल समाधान खोजने की कला में लुका ने महारत हासिल की है।

वहीं रीयल मैड्रिड में लुका के कोच कार्लो एन्चेलोत्ती कहते हैं, लुका 40 के हो जाएँगे, तब भी मैं उन्हें स्टार्टिंग-इलेवन में उतारता रहूँगा। उन्हें रिटायर होने की इजाज़त नहीं दी जा सकती। जब तक उनके भीतर जीवन की धड़कन है, वे खेलते रहेंगे। मैं साबुन की टिकिया की तरह घिस जाने तक उन्हें खिलाता रहूँगा।

उम्दा फ़ुटबॉल के लिए ललक पैदा करना जितना ज़रूरी है, फ़ुटबॉल पर उम्दा लिट्रेचर पढ़ना उससे कम ज़रूरी नहीं। लुका की आत्मकथा फ़ुटबॉल-प्रशंसकों की मेज़ पर होनी ही चाहिए। क्योंकि वह हमें सान्तियागो बेर्नबऊ के सुपर सितारे के उलट एक निहायत फ़र्क़, देहाती, सरल लुका की कहानी सुनाती है।