ऐश्वर्या राय की नई पारी / जयप्रकाश चौकसे

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ऐश्वर्या राय की नई पारी
प्रकाशन तिथि : 06 अक्तूबर 2012


ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपना अभिनय सफर मणिरत्नम की तमिल फिल्म 'इरुवर' से प्रारंभ किया था और अब एक कन्या को जन्म देने के बाद उन्होंने मणिरत्नम की अगली फिल्म स्वीकार की, अर्थात जहां से सफर शुरू किया था, वहीं फिर पहुंच गए हैं। इन दिनों वे शिकागो में अपने पति अभिषेक बच्चन के साथ हैं, जो आमिर खान और कैटरीना कैफ के साथ 'धूम-3' की शूटिंग कर रहे हैं। अपने पिता के जन्मदिन के लिए अभिषेक कुछ दिनों के लिए लौटेंगे। इस वर्ष अमिताभ बच्चन का इकहत्तरवां जन्मदिन बहुत धूमधाम से मनाया जाने वाला है और मेहमान सूची में भैया अमर सिंह का होना संदिग्ध है। अमर सिंह को रेखा का जन्मदिन मनाना चाहिए। उपेक्षित लोगों का भी संगठन बनता है, रिश्तों में भी और राजनीति में भी। हर प्रेम में असफलता से ज्यादा दुख उपेक्षा से होता है।

बहरहाल, 'धूम-3' की शूटिंग शिकागो में नवंबर के दूसरे सप्ताह तक चलने वाली है। शूटिंग के दरमियान ऐश्वर्या राय बच्चन और कैटरीना कैफ की भी मुलाकात हुई होगी, गोयाकि सलमान का भूतकाल और वर्तमान टकराए होंगे। ऐश्वर्या राय बच्चन मन ही मन मुदित होंगी कि उन्होंने मधुर भंडारकर की 'हीरोइन' नहीं की। इस हादसे से बचना उसका सौभाग्य था और करीना को सातवें आसमान से नीचे आना ही था। कुछ हादसों को हम अनजाने ही आमंत्रित कर लेते हैं। कभी-कभी पार्किंग स्थल पर खड़ी गाड़ी भी ठुक जाती है। करीना अपनी शादी की खुशी में 'हीरोइन' की असफलता को सह लेंगी, जैसे नजर नहीं लगने के लिए लोग काजल लगा लेते हैं।

बहरहाल ऐश्वर्या राय और मणिरत्नम 'गुरु' और 'रावण' जैसी फिल्में भी साथ कर चुके हैं। अब चौथी फिल्म साथ करने जा रहे हैं। मणिरत्नम अत्यंत प्रतिभाशाली हैं और उनसे सार्थक फिल्म की उम्मीद की जा सकती है। मुंबई के अधिकांश फिल्मकार अब ऐश्वर्या राय को बॉक्स ऑफिस पर सिक्के बरसाने वाली शक्ति नहीं मानते। यहां हर शुक्रवार समीकरण बदल जाते हैं। दक्षिण में मणिरत्नम स्वयं एक ब्रांड हैं और उनका नजरिया मुंबइया फिल्मकारों से अलग है। ऐश्वर्या राय अब धन के लिए फिल्म नहीं कर रही हैं। जब कलाकार मनचाहा काम करने की स्थिति में होता है, तब वह बिना दबाव के बेहतर काम करता है। अपने प्रतिद्वंद्वी को हराने मात्र के उद्देश्य से किए काम में नकलीपन नजर आने लगता है।

मणिरत्नम के अतिरिक्त संजय लीला भंसाली ने भी ऐश्वर्या राय के साथ 'हम दिल दे चुके सनम', 'देवदास' और 'गुजारिश' में काम किया है। सुभाष घई ने भी 'ताल' में ऐश्वर्या राय को बखूबी प्रस्तुत किया। ऐश्वर्या राय की समकालीन सुष्मिता सेन ने अपने कॅरियर को उस योजनाबद्ध ढंग से नहीं संवारा, जैसा ऐश्वर्या ने किया। यह दोनों महिलाएं सौंदर्य प्रतियोगिता की विजेता रही हैं और फैशन शो के रैंप से फिल्म अभिनय में आई हैं। दरअसल किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए प्रतिभा के साथ एक अनुशासन की भी आवश्यकता होती है, जो सुष्मिता सेन में नहीं था। सच तो यह है कि रेखा भी अनुशासित नहीं रही हैं, परंतु उन्होंने अपनी सनक को भी 'सितारा रहस्य' का एक हिस्सा बना लिया। दरअसल आम दर्शक कुछ लोगों में अनुशासन एवं संयत व्यवहार की अपेक्षा करता है और कुछ लोगों को उनकी सनक और औघड़पन के साथ स्वीकार करता है। सलमान खान भी औघड़ और अनगढ़-से लगते रहे हैं, परंतु उनके प्रशंसक अपने सितारे को इसी रूप में देखना चाहते हैं। आम आदमी की पसंद और नापसंद को समझना कठिन है। उसके अवचेतन की सुई के छेद से हाथी निकल जाता है और कभी-कभी दुम अटक जाती है। राजनीति के क्षेत्र में भी ऐसा ही होता है, परंतु अधिकांश बड़बोले नेता अपने औघड़पन की नकली छवि रचते हैं और उनका एक गुप्त एजेंडा होता है। अभिनेता नेताओं से कम नाटकीय और नौटंकीबाज होते हैं।

भारतीय दर्शकों ने काजोल को उनके विवाह और बच्चों के जन्म के बाद भी स्वीकार किया है। न जाने कैसे दर्शक सितारों से दूर रहकर भी उनके सत् को समझ लेते हैं और व्यवसायी पत्रकार अपने बौद्धिक अहंकार के चक्रव्यूह में फंसे रहते हैं तथा जब वे सितारे से रूबरू होते हैं, तब अपनी वैचारिक जमीन छोड़कर सितारे के अप्रतिम वायुमंडल में विचरने लगते हैं। बहरहाल, ऐश्वर्या राय बच्चन ने संकल्प कर लिया है कि वह मातृत्व के साथ भी अभिनय क्षेत्र में सक्रिय रहेंगी