ऐसा भी सोचा जाता है / हरिशंकर परसाई
Gadya Kosh से
ऐसा भी सोचा जाता है

रचनाकार | हरिशंकर परसाई |
---|---|
प्रकाशक | वाणी प्रकाशन |
वर्ष | १९९८ |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कहानी |
विधा | |
पृष्ठ | 160 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर गद्य कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।