ऑनलाइन शिक्षा: सुपर थर्टी / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 26 अप्रैल 2020
कोरोना संकट काल में छात्र ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि ऑनलाइन शिक्षा को नियमित कर दें। जिससे छात्रों को आने-जाने में समय नष्ट नहीं करना पड़ेगा। ऑनलाइन बैंकिंग भी की जा रही है। सारांश यह है कि मनुष्य को वैकल्पिक संचार का प्राणी बनाया जा रहा है। लैपटॉप की सहायता से बहुत कुछ किया जा रहा है। छात्र लैपटॉप की गोद में अपने आपको महफूज समझते हैं। गोद मुलायम भी होती है और चुभन भी दे सकती है। युवा छात्र लैपटॉप की सहायता से बहुत कुछ कर रहे हैं। यह भी गौरतलब है कि यंत्र की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है तो हैकर्स का दावा है कि इस क्षेत्र में ऐसा कोई उपकरण ही नहीं बना जिसे हैक नहीं किया जा सकता। ऐसी कोई तिजोरी नहीं जिसे तोड़ा न जा सके। नसीरुद्दीन शाह और अनुपम खेर अभिनीत ‘अ वेडनसडे’ में एक छात्र ने परीक्षा देने से इंकार किया है। वह बहुत चतुर हैकर है। अनुपम खेर अभिनीत पुलिस अफसर इस छात्र की सहायता से नसीर का पता जानना चाहता है। वह युवा पुलिस के उपकरण देखकर कहता है कि यह सब बहुत पुराने हैं और कबाड़ खाने में फेंक दिए जाने चाहिए।
नसीर का पता पाकर भी वह छात्र छुपाना चाहता है क्योंकि वह नसीर अभिनीत पात्र की योग्यता को समझ चुका है। वह उसका आदर करने लगा है। बहरहाल ऑनलाइन शिक्षा से लाभान्वित वे छात्र ही हो रहे हैं जिनकी लगन सच्ची है। टालमटोल करने वाले लोग काम नहीं करने का बहाना खोज लेते हैं। सोए हुए व्यक्ति को फिर से जगाया जा सकता है परंतु जागकर भी नींद का अभिनय करने वाले को कैसे जगाया जा सकता है। क्या ऑनलाइन शिक्षा कक्षा व्यवस्था को भंग कर देगी। एक पक्ष यह है कि शिक्षक और एक छात्र के बीच निगाह से देखे जाना आवश्यक है। पढ़ाने के लिए शिक्षक अपने शरीर की भाषा का प्रयोग भी करता है। ‘नजरों के दिल से दिल की नजर से’ भी बहुत कुछ अभिव्यक्त किया जाता है। खाकसार के शिक्षक डॉ केके केमकर शेक्सपियर का पढ़ाते हुए पात्रों का अभिनय भी करते थे। कभी-कभी वे छात्रों से पात्र के संवाद अभिनय सहित प्रस्तुत करने के लिए कहते थे। उनकी कक्षाओं में एक तरंग प्रवाहित रहती थी। कभी किसी छात्र को 440 वोल्ट का झटका भी लगता था। शिक्षक नामक प्रजाति नष्ट होती जा रही है। वैकल्पिक संसार में विचरण करने वाले पात्र को वुडी एलन की एक फिल्म में प्रस्तुत किया गया। अधिकांश समय अपने मकान में गैजेट्स से खेलने वाला प्राणी रहता है। घर के दरवाजे, खिड़कियां, परदे इत्यादी वह रिमोट कंट्रोल से संचालित करना चाहता है। एक दिन उसके पास भोजन सामग्री समाप्त हो जाती है। कई महीनों बाद वह घर से बाहर निकला है। एक गुंडा उसे रिवाॅल्वर दिखाकर अपने सारे पैसे उसे देने का आदेश देता है। वैकल्पिक संचार में रहने वाला पात्र अपने रिमोट से चैनल बदलना चाहता है। उसे लगता है कि टेलीविजन पर गलती से अपराध चैनल लग गया है। ज्ञातव्य है कि हाल ही में वुडी एलन ने अपनी आत्मकथा लिखी है। जिसे कोई प्रकाशक स्वीकार नहीं करता। कुछ वर्ष पूर्व वुडी एलन ने अनाथालय से 5 वर्ष की बालिका को गोद लिया था। कन्या के युवा होने पर वुडी एलन ने उससे विवाह कर लिया। यह बात लोगों को नागवार लगी। कन्या ने स्वेच्छा से विवाह किया है। उपकार प्रेम की सीढ़ी बन गया।
युवा अवस्था में वुडी एलन को विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं मिला। वे कई संस्थाओं द्वारा नकारे गए क्योंकि उनकी विचार शैली सामान्य लोगों से अलग थी। उन्होंने स्वाध्याय किया। टेलीविजन के लिए लिखा, नाटक लिखे, जिनमें अभिनय भी किया। उन्होंने फिल्मों का निर्माण व निर्देशन किया। बॉक्स ऑफिस पर सफलता अर्जित की। वुडी एलन कुछ हद तक हमारे हरफनमौला किशोर कुमार की तरह हैं। ताजा खबर यह है कि उन्हें एक प्रकाशक मिल गया है। आजकल इंटरनेट का इतना प्रयोग हो रहा है कि वाई-फाई से संपर्क स्थापित करना कठिन हो रहा है। छात्र परेशान और शिक्षक हताश हो गए हैं। ज्ञातव्य है कि राजकुमार हीरानी के लेखक अभिजात जोशी अमेरिका में रहते हैं। उपकरणों द्वारा एक-दूसरे से जुड़कर इन दोनों में महान फिल्मों की रचना की है। फिल्म फोटोग्राफी में कंप्यूटर ग्राफिक्स ऐसी दृश्यावली रचता है। जैसी यथार्थ में है ही नहीं। यह टेक्नोलॉजी जादू का खिलौना है। ‘सुपर थर्टी’ एक महान शिक्षक की बायोपिक है।