कपूर-रोशन की जुगलबंदी ! / / जयप्रकाश चौकसे

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कपूर-रोशन की जुगलबंदी !

प्रकाशन तिथि : 03 सितम्बर 2012


ऋषि कपूर और राकेश रोशन ने अपनी अभिनय यात्रा लगभग एक ही समय में प्रारंभ की और उनके जन्मदिन भी ४ सितंबर और 6 सितंबर हैं। इस वर्ष ऋषि कपूर अपना जन्मदिन मनाने अपने पूरे परिवार के साथ दुबई जा रहे हैं और राकेश रोशन 'कृष ३' की शूटिंग के समय सैट पर ही जन्मदिन मनाएंगे। इन दोनों में गहरी मित्रता रही है और राकेश रोशन ने अपनी निर्माण संस्था में पहली फिल्म ऋषि के साथ ही बनाई। फिल्म थी 'आपके दीवाने' और नायिका टीना मुनीम थीं तथा निर्देशक थे सुरेंद्र मोहन। राकेश रोशन के पिता सुरीले संगीतकार थे और ऋषि कपूर के पिता भी संगीत की गहरी समझ रखते थे और उन दोनों के पुत्र ऋतिक रोशन और रणबीर कपूर आज सुपर सितारे हैं। इन दोनों घरानों के दोनों नायक विलक्षण अभिनेता हैं और आज ऋतिक रोशन और रणबीर कपूर एक साथ दो-सितारा फिल्म में काम करें तो प्रारंभिक दिनों की भीड़ ही सौ करोड़ का आंकड़ा पार कर सकती है। दोनों ही निष्णात अभिनेता हैं, परंतु उनकी शैलियां अलग हैं। ऋतिक रोशन मैथड स्कूल के अभिनेता हंै और रणबीर स्वाभाविक तथा त्वरित प्रतिक्रिया देने वाले कलाकार हैं। दोनों में एक बात समान है कि वे बेहतर सिनेमा के प्रति आग्रह रखते हैं। आज ऋतिक रोशन के पास कोई फिल्म नहीं है, क्योंकि वह आसानी से फिल्म करने को तैयार नहीं होते। पटकथा पसंद आने के बाद भी कई दिनों तक उस पर विचार करके वह स्वीकृति देते हैं। रणबीर कपूर की भी निर्माणाधीन फिल्म 'जवानी दीवानी' के बाद केवल अनुराग कश्यप की 'बॉम्बे वेल्वेट' नामक फिल्म है। वह भी आसानी से अनुबंध नहीं करते और ये दोनों कलाकार सितारों की दौड़ का हिस्सा नहीं हैं। वे एकल घोड़ा दौड़ में यकीन करते हैं।

उनकी जीवन शैलियां अलग-अलग हैं। ऋतिक रोशन ने सुजैन खान से प्यार किया और लंबे समय तक प्रेमकथा चलती रही, फिर विवाह किया। उनके पिता राकेश ने भी यही किया था। रणबीर इस क्षेत्र में खिलंदड़ है और हमेशा किसी न किसी के प्रेम में डूबे रहते हैं। उनके लिए प्रेम प्रक्रिया से बाहर रहना जल बिन मछली की तरह होगा। इस मामले में वह अपने दादा राज कपूर की तरह हैं। ऋतिक रोशन के बालसखा उदय चोपड़ा हैं और नए मित्र हैं शाहरुख खान। दरअसल उनकी पत्नी सुजैन और शाहरुख की पत्नी गौरी गहरी सखियां हैं। रणबीर के बालसखा अयान मुखर्जी हैं और नए मित्र इम्तियाज अली, जिनके प्रभाव में उन्होंने अनुराग कश्यप की 'बॉम्बे वेल्वेट' अनुबंधित की है। इम्तियाज अली की 'रॉकस्टार' और उसमें अपनी भूमिका रणबीर के दिल के बहुत करीब है। कभी-कभी भूमिकाएं कलाकार के अवचेतन में गहरे पैठ जाती हैं और उनके निर्णय को प्रभावित करती हैं, जैसे 'साहिब बीबी और गुलाम' की छोटी बहू मीना कुमारी की आत्मा में पैठ गई और उनके सारे निर्णय छोटी बहू ने किए। शराबनोशी भी उनमें शामिल थी। रणबीर कपूर बहते हुए पानी का मिजाज रखते हैं, अत: रॉकस्टार किसी किनारे पर छूट सकता है। एक अभिनेता के रूप में वह फिल्म-दर-फिल्म मंझते जा रहे हैं।

दरअसल ऋतिक और रणबीर दोनों ही प्रतिभाशाली हैं, परंतु उन्हें अपनी संभावनाओं को टटोलने वाली भूमिकाओं की आवश्यकता है। पारंपरिक सोच वाले निर्देशकों के लिए यह कठिन है, परंतु सिनेमा उद्योग में प्रतिभा अनपेक्षित क्षेत्र से आती रही हैं। ऋतिक रोशन और रणबीर कपूर ने अपने कॅरियर का प्रारंभ सहायक निर्देशक के रूप में किया था। ऋतिक अपने पिता राकेश रोशन के सहायक थे 'करण अर्जुन' के निर्माण के समय और रणबीर संजय लीला भंसाली के सहायक थे 'ब्लैक' में। अत: ये दोनों भविष्य में निर्देशक बन सकते हैं। राकेश रोशन ने अपनी ताजा फिल्म में ऋतिक को सहयोगी निर्देशक का पद दिया है। सारे सुपर सितारे निर्देशन में अपना सहयोग देते हैं। वे पटकथा में भी सुझाव देते हैं और शम्मी कपूर तो अपनी फिल्म के संगीत निर्देशक के साथ भी बैठते थे।

पारंपरिक क्षेत्र में आदित्य चोपड़ा दोनों को साथ लेकर फिल्म बनाने में सक्षम हैं। राकेश रोशन भी ऐसा कर सकते हैं तथा रणबीर कपूर स्वयं भी 'आरके फिल्म्स' के लिए ऐसा कुछ कर सकते हैं। आज भारतीय सिने उद्योग का अर्थशास्त्र कुछ ऐसा है कि सिताराजडि़त फिल्म का गैर-सिनेमाई क्षेत्र से प्राप्त धन सिनेमा में प्रदर्शन की आय का लगभग चालीस प्रतिशत होता है। हर बड़ी फिल्म सौ करोड़ की शुद्ध आय अर्जित कर सकती है और असफल होने पर भी अपनी लागत के साथ कुछ मुनाफा कमा लेती है। इन परिस्थितियों के कारण शिखर सितारे अपने नाम का अधिकांश लाभ स्वयं रखना चाहते हैं और दो बड़े सितारे एक साथ काम नहीं करना चाहते। अत: सिताराजनित आय ह दो-सितारा फिल्म नहीं बनने देती। पूरे देश की तरह फिल्म उद्योग भी अपने विरोधाभास और विसंगतियों का शिकार हो रहा है। अधिक धन लोभ का शमन नहीं करता, वरन उसको बढ़ाता है। इस दशा के लिए भी दर्शक ही जवाबदार हैं। सितारों के लिए उनका अतार्किक जुनून सब कुछ करा रहा है।