करण जौहर, करवा चौथ और ट्विंकल खन्ना / जयप्रकाश चौकसे

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करण जौहर, करवा चौथ और ट्विंकल खन्ना
प्रकाशन तिथि :06 अक्तूबर 2017


अक्षय कुमार की पत्नी ट्विंकल खन्ना की तर्कप्रधान विचारशैली और सपाट बयानी पारम्परिक वैचारिक खेमों पर बम की तरह बरसती है। हाल ही में ट्विंकल खन्ना ने कहा है कि फिल्मकार करण जौहर ने अपनी फिल्मों में करवा चौथ के व्रत को इतना सरस बना दिया है कि उसके प्रभाव से यह सारे भारत में मनाया जाने लगा है, जबकि कुछ समय पूर्व यह एक सीमित क्षेत्र में मनाया जाता था। भारत का अवाम उत्सवप्रिय स्वभाव का है और त्योहार को शीघ्र ही ग्रहण कर लेता है। विज्ञान प्रेरित विचारों का पहले प्रतिरोध करना उसके सोच का हिस्सा है। आज रेलगाड़ी में बैठना कितना सहज लगता है परंतु रेल के प्रारंभिक काल में इसे धुआं उगलता दैत्य मानकर लोग इससे बचते थे। आज ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की मिलीजुली आबादी के बराबर लोग हर पल रेल यात्रा कर रहे हैं गोयाकि एक चलायमान देश निरंतर हमारे देश में प्रवाहमान रहता है।

समानता के हिमायती कुछ पति भी करवा चौथ के दिन अपनी पत्नी के साथ उपवास करते हैं। कुछ समुदायों में महिलाएं करवा चौथ के उपवास वाले दिन ताश खेलती हैं। ताश खेलना भी व्रत का हिस्सा बना दिया गया है। ताश खेलते हुए, ठहाका लगाते हुए समय जल्दी व्यतीत हो जाता है। महिलाओं में आपसी होड़ होती है कि रात को व्रत खोलते समय कितने पकवान घर में बनाए गए हैं। छलनियों की बिक्री होती है, क्योंकि उनके माध्यम से चांद को देखने की परंपरा है।

अगर करवा चौथ के दिन रात में घने बादल छाए हुए हों तो सारा मजा किरकिरा हो जाता है। मायथोलॉजी में इन्द्र देवता प्राय: महिलाओं से छेड़खानी करने वाले स्वरूप में वर्णित हैं। बादल छाने पर ईद का चांद भी नहीं दिखता तब रोजा रखने वाले का कष्ट बढ़ जाता है परंतु सहूलियत यह है कि दुनिया के किसी भी देश में चांद दिख जाने की खबर से ही रोजा खोला जा सकता है। खाड़ी के देशों में बादल कम ही छाते हैं। अनेक वर्ष पूर्व राज कपूर और उनकी पत्नी कृष्णा कपूर करवा चौथ के दिन न्यूयॉर्क में थे और उस शाम उन्हें प्रसिद्ध अमेरिकन सितारे डैनी के ने डिनर पर आमंत्रित किया था। अमेरिकी लोग रात का भोजन आठ बजे तक ग्रहण कर लेते हैं। शराबनोशी बाद में शुरू होती है। उस रात बहुमंजिला इमारतों के शहर में चांद को रात आठ बजे तक देखना संभव नहीं था। राज कपूर डैनी के की समय की पाबंदी से परिचित थे। वे यह भी जानते थे कि डैनी के को स्वयं भोजन बनाने में गहरी रुचि है। यहां तक कि उनके कुछ मित्र उन्हें अभिनेता से बेहतर रसोइया मानते थे। उस दिन डैनी के ने अपने मित्र के लिए विशेष परिश्रम करके स्वादिष्ट भोजन बनाया था।

घड़ी की टिक-टिक राज कपूर को उस टाइम बम की तरह लग रही थी, जो उनके पेट पर बंधा हुआ-सा अहसास करा रहा था। जुबिन मेहता की सलाह पर राज कपूर अपनी पत्नी को कार में शहर से दूर ले गए ताकि वे करवा चौथ का चांद देख सकें। इस प्रक्रिया के कारण वे डैनी के के घर रात दस बजे ही पहुंच पाए। जो बम राजकपूर अपने पेट पर बंधा हुआ महसूस करते थे, वह बम डैनी के के दिमाग में फटा। जब डैनी के को भारतीय करवा चौथ और पत्नी के उपवास के बारे में सविस्तार बताया गया तब उनका क्रोध शांत हुआ और भारतीय पत्नी के प्रति उनके मन में असीम आदर का भाव उत्पन्न हुआ। उन्होंने ठहाका लगाते हुए कहा कि पति अगर देर से लौटता तो अमेरिकन पत्नी तो अपने पति को ही खा जाती। बहरहाल, अक्षय कुमार अत्यंत पारम्परिक व्यक्ति हैं परंतु ट्विंकल खन्ना तर्कसम्मत विचार को गहरा महत्व देती हैं। दरअसल, पति और पत्नी के विचारों में समानता पर विवाह नहीं टिकता। विविध मनुष्यों की विचार शैलियां विविध होती हैं। विवाह या किसी भी रिश्ते की आधारशिला प्रेम होता है और वह प्रेम सशर्त नहीं होता। इस रिश्ते को बांधने के लिए किसी गोंद या सीमेंट की आवश्यकता नहीं होती। प्रेम मात्र ही बांधने वाली शक्ति होता है।

बहरहाल, करण जौहर के व्यक्तित्व में नारी इतनी प्रबलता से समाई है कि वे स्वयं भी करवा चौथ का व्रत नारी सहानुभूति में रख सकते हैं। कहावत है कि हर पुरुष में आधा पुरुष, आधी नारी और आधा शैतान समाया होता है।