कर्तव्यहीनता / एस. मनोज
कल के सभी स्थानीय अखबारों का मुख्य समाचार था सूरदसा मोड़ पर सड़क दुर्घटना। किसी अज्ञात वाहन ने एक राही को कुचला। समाचार लिखे जाने तक पुलिस या स्थानीय लोग मदद में नहीं आए थे, किन्तु एक दैनिक समाचार पत्र में कल यह खबर नहीं था और आज उसमें एक खबर यह था इस समाचार पत्र अपने फलां संवाददाता को कर्तव्यहीनता के आरोप में अपने अखबार से हटाती है। खबर से मेरी थोड़ी उत्सुकता बढ़ी कि इतने सजग एवं संवेदनशील संवाददाता को उस अखबार ने क्यों निकाला। फोन पर पत्रकार मित्रो से पता चला कि वह संवाददाता अपने कार्यालय में समाचार पहुंचाने से पहले उस घायल व्यक्ति को लेकर अस्पताल चला गया था और उसका इलाज शुरू करवा कर जब तक अपने कार्यालय पहुंचा, उस दिन का अखबार छपने के लिए जा चुका था। अगले दिन संपादक ने संवाददाता से कहा समाचार पत्रों में ऐसी कर्तव्यहीनता नहीं चलने वाली। जाइए आज से आप की छुट्टी. कल से मरीजों को अस्पताल पहुंचाते रहिएगा।