काजोल और करण जौहर की तनातनी / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 28 फरवरी 2019
काजोल से पूछा गया कि वे करण जौहर की लिखी किताब पढ़ेंगी तो उनका दो टूक जवाब आया कि वे नहीं पढ़ेंगी। उनकी रुचि अन्य किस्म की बेहतर किताबों में है। करण और काजोल की तकरार के पीछे कारण यह है कि काजोल के पति अजय देवगन और शाहरुख खान की फिल्में एक ही समय प्रदर्शित हुईं और अधिकतम सिनेमाघरों को लेकर उनके बीच मनमुटाव रहा है। करण जौहर शाहरुख खान के साथ रहे हैं।
दरअसल, रिश्तों के इस समीकरण का मामला पुराना है। दोनों ही फिल्म परिवार में जन्मी संतानें हैं। करण जौहर के पिता यश जौहर फिल्म निर्माता रहे और काजोल, तनुजा तथा शोमू मुखर्जी की पुत्री हैं। ज्ञातव्य है कि तनुजा नूतन की छोटी बहन हैं और उनकी मां शोभना समर्थ भी अभिनय क्षेत्र में शिखर पर रही हैं। तनुजा के पति शोमू मुखर्जी शशधर मुखर्जी के पुत्र हैं। शशधर मुखर्जी देविका रानी और हिमांशु राय की बॉम्बे टॉकीज नामक कॉर्पोरेट फिल्म संस्था से जुड़े थे।
जब आदित्य चोपड़ा अपनी पहली फिल्म 'दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे' बना रहे थे तब करण जौहर अपने पिता के साथ स्टूडियो आए और उन्हें फिल्म का चस्का लग गया। शाहरुख खान और काजोल ने युवा करण का हौसला बढ़ाया। करण के पिता यश जौहर ने उस समय विवाह किया जब वे 42 वर्ष के थे। करण जौहर की शिक्षा दक्षिण मुंबई में हुई, जो श्रेष्ठि वर्ग की रिहाइश का क्षेत्र है। मुंबई में विभिन्न श्रेणी भेद हैं। मसलन, पश्चिम बांद्रा, जुहू इत्यादि क्षेत्र में रहने वाले पूर्व बांद्रा में रहने वालों से आर्थिक रूप से बेहतर दशा में हैं। जिस तरह दक्षिण मुंबई के रहवासी अपने को बेहतर समझते हैं, उस तरह पश्चिम क्षेत्र और पूर्व क्षेत्र में भी अंतर है। यह बात आर्थिक दशा के साथ सामाजिक व्यवहार से भी जुड़ी है।
'डीडीएलजे' की शूटिंग के समय ही काजोल और शाहरुख खान ने करण जौहर से कहा कि वे फिल्म निर्देशित करें। करण जौहर का फैशनेबल कपड़े पहनना और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना इन कलाकारों को अच्छा लगा। करण जौहर ने शाहरुख खान और काजोल के साथ 'कुछ कुछ होता है' 'कभी खुशी कभी गम,' 'माय नेम इज खान' तथा ऋषिकेश मुखर्जी की 'आनंद' से प्रेरित एक चरबा 'कल हो न हो' भी रचा है।
काजोल और अजय देवगन की प्रेमकथा अनीज बज्मी द्वारा निर्देशित 'प्यार तो होना ही था' से प्रारंभ हुई। ज्ञातव्य है कि मारधाड़ के दृश्य संयोजन करने वाले वीरू देवगन के पुत्र हैं अजय तथा उनका विशाल संयुक्त परिवार जुहू के एक भव्य बंगले में साथ-साथ रहता है। संयुक्त परिवार नामक संस्था तो लगभग लुप्त ही हो गई है परंतु देवगन के संयुक्त परिवार में स्टार बहू काजोल खुशी-खुशी रहती हैं। काजोल अपनी पसंद और नापसंद के प्रति अत्यंत सजग हैं और उनकी इच्छा के विपरीत कोई काम उनसे कराया नहीं जा सकता। उनकी मां तनुजा भी बिंदास रही हैं तथा इनकी मां शोभना समर्थ तो विगत सदी के पांचवें दशक में भी सच्चे अर्थों में आधुनिका थीं। यहां आधुनिकता का अर्थ फैशन से नहीं होते हुए वैचारिक निजता और स्वतंत्रता से है।
अपनी किशोर अवस्था में अंतर्मुखी रहे करण जौहर अब आवश्यकता से अधिक मुखर और वाचाल हैं। फिल्म उद्योग के सभी समारोहों में वे शिरकत करते हैं। उन्होंने विवाह नहीं किया है परंतु सरोगेसी से संतान प्राप्त की है। महफिलों में चमकने की खातिर उन्होंने नृत्य करना भी सीखा है। नए कलाकारों को प्रस्तुत करने के क्षेत्र में उन्होंने गॉडफादर नुमा छवि भी गढ़ी है।
उनकी फिल्मों में समलैंगिकता के दृश्य भी होते हैं। कभी-कभी सीधे रूप से और कभी संकेत के माध्यम से। विक्रम सेठ के लोकप्रिय उपन्यास 'ए सूटेबल बॉय' की तर्ज पर उन्होंने अपनी जीवनकथा 'अनसूटेबल बॉय' के नाम से लिखी है। इसी किताब को पढ़ने का सवाल काजोल से पूछा गया था। काजोल गंभीर सार्थक साहित्य के साथ ही हल्की-फुल्की किशोरवय की 'मिल्स एंड बून' भी पढ़ती हैं। उन्होंने करण जौहर की किताब पढ़ने से इनकार कर दिया, क्योंकि वे करण जौहर को बतौर किताब भी पढ़ चुकी हैं और उन्हें दोहराव पसंद नहीं।