कार्यक्रम / कांग्रेस-तब और अब / सहजानन्द सरस्वती
यह "संयुक्त उग्रदली मोर्चा नीचे लिखे कार्यक्रम के आधार पर तैयार किया जाएगा-
1. पूर्ण स्वतंत्रता-ब्रिटिश साम्राज्य से संबंध-विच्छेद और सभी ब्रिटिश फौजों और अफसरों को यहाँ से विदाई।
2. सभी ब्रिटिश और विलायती आर्थिक हितों की जब्ती, जिनमें बैंक, बीमा कंपनियाँ, मिल-कारखाने, बागान, खान आदि सम्मिलित हैं। अमरीकी-ब्रिटिश साम्राज्यवादी राष्ट्र-समूह से कोई समझौता नहीं किया जाए।
3. शासन की मशीन और सेना को पूरी तरह जनवादी बनाया जाए। नौकरशाही का खातमा किया जाए।
4. जनता को हथियार दिया जाए और एक जनता की स्वयंसेवक सेना संगठित की जाए।
5. जनवादी विधान बनाया जाए जिसका आधार भाषा और संस्कृति की बुनियाद पर बनी इकाइयों का─यदि ऐसी इकाइयाँ हों─आत्मनिर्णय का अधिकार होगा जिन्हें अलग होने का भी अधिकार रहेगा। सबकी इच्छा के आधार पर एक भारतीय संघ की स्थापना हो तथा सभी बालिगों को वोट का अधिकार और सानुपातिक प्रतिनिधित्व रहे।
6. सभी दमनकारी कानून रद्द किए जाएँ। सभी राजबंदी, जिनमें किसानों, मजदूरों और जनता के अन्य वर्गों की लड़ाइयों के सिलसिले में सजा पाए या नजरबंद लोग भी हैं, रिहा किए जाएँ। देश में पूर्ण शहरी आजादी, जिसमें भाषण, सभा और प्रेस की स्वतंत्रता शामिल है, कायम हो।
7. देशी रियासतों में रजवाड़ों का खातमा किया जाए और एकतंत्र के खिलाफ रियासती जनता की लड़ाइयों की मदद की जाए।
8. अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जाए, उनकी संस्कृति, भाषा और रोजी-रोटी के हकों की हिफाजत के लिए कदम उठाए जाएँ, तथा सांप्रदायिक भेदभाव और दंगों के खिलाफ जेहाद बोल दिया जाए। भारतीय संघ और पाकिस्तान के बीच दोस्ताना संबंध कायम किया जाए। सरकारें सांप्रदायिक दंगे रोकने के लिए जो भी सही कदम उठाएँ उनका समर्थन किया जाए; साथ ही─साथ सांप्रदायिक प्रतिक्रियावादियों को खुश करने की नीति का डटकर पर्दाफाश किया जाए।
9. जमींदारों के हर रूप का और इसी के समान दूसरी व्यवस्थाओं का बिना मुआवजे के खात्मा किया जाए। जोतनेवालों को जमीन दी जाए। किसानों के सभी कर्ज रद्द किए जाएँ। खेती के लिए सरकार की ओर से बैंक खोले जाएँ और किसानों को सस्ती दर पर कर्ज दिया जाए।
10. बिना मुआवजा दिए सभी मुख्य और बुनियादी उद्योगों और प्रधान राष्ट्रीय साधनों का राष्ट्रीकरण किया जाए।
11. चोर-बाजारी और मुनाफाखोरी को खत्म करने के लिए जोरदार आंदोलन छेड़ा जाए। पूरी और उचित खुराकबंदी और मूल्य-नियंत्रण की व्यवस्था जारी की जाए।
12. काम के घंटे हफ्ते में 40 हों, जीवन-निर्वाह योग्य तनख्वाह की एक कम-से-कम दर तय कर दी जाए, सबको रोजगार पाने का हक हो, और सबकी नौकरी पक्की हो। हड़ताल, पिकेटिंग और यूनियन बनाने का हक मिले।
13. हर नागरिक को मुफ्त शिक्षा दी जाये और सबके लिए मुफ्त इलाज और स्वास्थ्य-रक्षा के आम साधनों का प्रबंध हो।