किसान कथा कहती फिल्में और साहित्यकारों की रचनाएं / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 21 नवम्बर 2021
अमेरिका में जन्मी पर्ल एस बक ने चीन के किसानों की व्यथा कथा ‘मदर अर्थ’ लिखी। अमेरिका के खेतों में काम करने के लिए अश्वेत मजदूरों पर जुल्म ढाए गए। अब्राहम लिंकन ने समानता के लिए संघर्ष किया। मामूली चरित्र भूमिकाएं करने वाले अभिनेता ने अब्राहम लिंकन पर कातिलाना हमला किया। रोम का इतिहास इस तरह की हत्याओं से भरा पड़ा है। जॉन एफ कैनेडी और उनके भाई की भी हत्या की गई। कैनेडी की हत्या प्रकरण में मर्लिन मुनरो का भी नाम भी घसीटा गया। जॉन विल्क्स बूथ कई बार यह कह चुका था कि एक दिन वह अब्राहम लिंकन की हत्या करेगा। उसकी इस बात को एक शराबी की बड़बड़ ही माना गया। जॉन एफ कैनेडी की हत्या की जाएगी यह बात प्रचारित थी। यहां तक कि जॉन एफ कैनेडी के पोस्टर दीवारों पर लगाए गए और उसे अपराधी घोषित किया गया। ‘फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ ने इसे क्यों अनदेखा किया। यह आज भी रहस्य ही है। जॉन एफ कैनेडी को डलास में मारा गया। जहां दक्षिणपंथी विचारधारा खूब पल्लवित हो रही थी। यह माना जाता है कि राजनैतिक हत्याओं से इतिहास नहीं बदलता परंतु पत्रकार लेखक कार्ल सिफाकिस की ‘इनसाइक्लोपीडिया ऑफ एसैसिनेशन’ बहुत बड़ी संख्या में बिकी है। शेक्सपीयर के त्रासदी नाटक ‘जूलियस सीजर’ में एंटोनी का वक्तव्य यादगार माना जाता है। एंटोनी कहता है- ‘रोम के नागरिकों मेरी बात सुनो, मैं सीजर का दाह संस्कार करने आया हूं ना कि उसकी प्रशंसा करने के लिए। मनुष्य की मृत्यु के उपरांत उसके गुण तो प्रायः समाप्त हो जाते हैं पर अवगुण बहुत समय तक कायम रहते हैं। मार्कस ब्रूटस ने आपसे कहा कि सीजर महत्वाकांक्षी था। यदि ऐसा ही था तो वह अपराधी था और सीजर ने उसका मोल भी चुकाया। ब्रूटस परम आदरणीय व्यक्ति है। ब्रूटस की आज्ञा से ही सीजर की दाह क्रिया के बारे में मैं कुछ कहने आया हूं। वह मेरा मित्र था। देश से प्रेम करता था, परंतु ब्रूटस कहता है कि वह महत्वाकांक्षी था। अनेक देशों से बंदियों को पकड़ कर रोम लाया गया था। जिनके लिए शत्रु द्वारा चुकाए गए धन से रोम का सार्वजनिक धन कोष समृद्ध हुआ है। क्या यह सीजर की महत्वाकांक्षा प्रतीत होती है? क्या यही सीजर की महत्वाकांक्षा थी? कौन नहीं जानता की दुखी लोगों की पुकार सुनकर सीजर रोता था। महत्वाकांक्षा तो कठोर और निर्मम होती है, लेकिन परम आदरणीय ब्रूटस कहता है कि सीजर महत्वाकांक्षी था। आप सब ने देखा कि लुपेर्केलिया उत्सव में तीन बार मैंने सीजर को ताज दिया परंतु तीनों बार उसने ताज अस्वीकार कर दिया। सारे नागरिक सीजर से प्रेम करते थे क्या उनका प्रेम और आदर अकारण था। मनुष्य ने अपना तर्क खो दिया है। मेरी वेदना के लिए मुझे क्षमा करिए क्योंकि मेरा ह्रदय उस कफन में सीजर के पास पहुंच गया है।’
इस वक्तव्य ने नागरिकों की विचार प्रक्रिया में परिवर्तन ला दिया। ज्ञातव्य है कि शेक्सपीयर के नाटक इतिहास की सत्य घटनाओं से प्रेरित रहे हैं। किसान की व्यथा पर मुंशी प्रेमचंद ने बहुत कुछ लिखा है। अगर प्रेमचंद साहित्य का अंग्रेजी में अनुवाद होता या वह अंग्रेजी में लिखते तो उन्हें नोबेल प्राइज जरूर मिल जाता। सआदत हसन मंटो की लिखी ‘किसान कन्या’, महबूब खान की ‘औरत’ और ‘मदर इंडिया’ से पहले रची गई कृति है। इनमें से किसान कथा ‘मदर इंडिया’ को सबसे अधिक भारतीय दर्शकों ने देखा है। बिमल रॉय की फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ में गीत है- ‘धरती कहे पुकार के बीज बिछा ले प्यार के...’।
ज्ञातव्य है कि फ्रांस में हुई क्रांति मजदूरों और किसानों ने मिलकर की थी। उसी क्रांति से आजादी, भाईचारा और समानता का महान आदर्श प्रस्तुत हुआ। फणीश्वरनाथ रेणु की ‘तीसरी कसम’ प्रेरित फिल्म शैलेंद्र ने बनाई। शैलेंद्र, रेणु की ‘मैला आंचल’ और ‘परती परिकथा’ पर भी फिल्में बनाना चाहते थे। यह दोनों उपन्यास किसान व्यथा ही प्रस्तुत करते हैं।