कुछ घटना-कथाएँ / पोगियो ब्रैकियोलीनी

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पोगियो (1380-1459) मध्ययुगीन इटली के श्रेष्ठतम विद्वानों में से एक है, जिसने साहित्य लिखा ही नहीं, पुरानी, अनुपलब्ध पाण्डुलिपियों की खोज भी की और पुस्तकालय भी स्थापित किये। पोगियो ने मुख्य रूप से घटना-कथाएँ ही लिखीं, जिन्हें ‘लतीफे’ भी कहा जा सकता है। ये घटना-कथाएँ अपने समय में इस कदर लोकप्रिय हुई हैं कि चर्च को डर लगने लगा कि लोग धर्म को भूलकर दुनियावी आनन्द की ओर मुड़ जाएँगे। इसका एक कारण यह भी था कि पोगियो स्वयं पोप बोनीफेस नवम का सेक्रेटरी था और लगभग पचास बरसों तक इसी पद पर बना रहा। लगभग 500 बरसों तक पोगियो का साहित्य भूमिगत ही रहा।

एक बार की बात है, एक अमीर आदमी ने अपने मसखरे को अपने साथ खाने को बिठा लिया। पर जब मछली परसी जा रही थी, तो मालिक को तो बड़ी-बड़ी मछलियाँ मिलीं और मसखरे को छोटी-छोटी।

मसखरे को दुख हुआ। उसने बड़ी मछलियाँ प्राप्त करने के लिए एक चाल सोची।

उसने हर मछली को उठाकर पहले मुँह तक और फिर कान तक ले जाना शुरू किया, जैसे वह उनसे बातें कर रहा हो। अचानक वह सुबकने लगा।

“अरे, क्या हुआ?” मालिक ने उससे पूछा।

“मेरा बाप डूबकर मरा था,” मसखरे ने उत्तर दिया। “आप तो जानते ही हैं, वह मछुआरा था। मैं इन छोटी मछलियों से पूछ रहा था कि क्या इन्होंने उसे देखा था। पर ये कहती हैं कि हम तो तब तक पैदा भी नहीं हुई थीं। और मुझे बड़ी-बूढ़ी मछलियों से ही पूछना चाहिए।”

मालिक समझ गया। उसने फौरन हुक्म दिया कि उसे बड़ी मछलियाँ दी जाएँ, ताकि वह अपनी पूछताछ पूरी कर सके।

मतीओ और लोरेंजो एक मयखाने में बैठे थे। मयखाने के मालिक ने उन्हें जो शराब दी, वह बेहद घटिया थी।

“साहब, ये बहुत पुरानी शराब है,” दुकानदार कह रहा था।

“पुरानी!” मतीओ बोला, “पुरानी नहीं, बूढ़ी कहिए। वह भी इतनी बूढ़ी कि इसका दूसरा बचपन आ चुका है!”

एक युवक को एक ही आँख थी। उसके दोस्तों ने उसकी किसी तरह शादी करा दी। पर जब उसे पता चला कि उसकी बीवी कुमारी नहीं है, तो वह उसे भला-बुरा कहने लगा।

“तुम यह उम्मीद कैसे करते हो कि मुझे क्षतिरहित होना चाहिए,” बीवी चिल्लायी, “जब कि तुम्हारी अपनी एक आँख गायब है!”

“वह तो मेरे दुश्मनों का काम है,” युवक बोला।

“और यह,” बीवी बोली, “मेरे दोस्तों का काम है!”

वेरोना के एक युवक की शादी हुई, तो पत्नी में वह इस कदर डूब गया कि वह बीमार पड़ गया। उसकी माँ को डर हो गया कि वह तो अपने आपको मार ही डालेगा, इसलिए उसने उसे मीलों दूर गाँववाले घर में रहने के लिए भेज दिया।

एक दिन की बात है, वियोगिन पत्नी उदास बैठी थी कि उसे दो पक्षी प्यार करते दिखाई दे गये।

“चलो-चलो! उड़ जाओ यहाँ से!” वह चिल्लायी, “अगर मेरी सास ने तुम्हें देख लिया, तो तुममें से एक को वह उत्तरी ध्रुव भिजवा देगी और दूसरे को दक्षिणी ध्रुव!”

जहाज तूफान में फँस गया। कप्तान ने यात्रियों को आदेश दिया कि वे अपना भारी सामान समुद्र में फेंक दें। एक आदमी अपनी बीवी को ही फेंकने को तैयार हो गया। वह बोला, “मेरा तो सबसे बड़ा बोझ यही है!”

एक आदमी का यह दावा था कि वह अपनी पत्नी से इतना प्यार करता है कि अगर कोई दूसरा आदमी उसे छू भी देगा, तो वह जिन्दा नहीं रहना चाहेगा।

एक दिन वह और उसकी बीवी जंगल में घूम रहे थे कि वहाँ एक सरदार आ गया। सरदार ने उस स्त्री को जबरदस्ती पकड़ लिया और मनमानी करने लगा। इस बीच बेचारा पति निरीह बना सरदार के घोड़े और कोट को थामे रहा।

जब सब हो चुका, तो बीवी ने पति को कोसना शुरू कर दिया कि उसने उसे बचाया क्यों नहीं!

“खामोश!” वह चिल्लाया, “तुमने देखा नहीं, मैंने उसके कोट के चीथड़े कर दिये थे।”

फ्रांसीसी