कुछ समाचार पीड़ादायक होते हैं / सन्देश शुक्ला

Gadya Kosh से
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कुछ समाचार पीड़ादायक होते हैं, जयप्रकाश चौकसे जी का ये निर्णय भी तकलीफदेह है लेकिन विचारो को भी स्वस्थ शरीर की जरूरत होती है।

दैनिक भास्कर के जबलपुर संस्करण को चौकसे जी से इतना "प्रेम" था की उनका ये नियमित कॉलम कुछ साल पूर्व ही छापना बंद कर दिया था "पर्दे के पीछे" के कारण जो भी रहे हों लेकिन अपराधबोध के अवसर सबके हिस्से नहीं आते..!!

आपकी रचनाधर्मिता और शब्दों को गढ़ने के जादू को सलाम जयप्रकाश चौकसे जी।।