कोरोना कालखंड में हैंगओवर / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि : 22 अप्रैल 2020
छोटे परदे पर राम कपूर और साक्षी तंवर की जोड़ी बड़े परदे पर प्रस्तुत राज कपूर-नरगिस की तरह मानी जाती है। आजकल चैनल पर राम कपूूर और साक्षी तंवर रिश्तों की भूलभुलैया प्रस्तुत कर रहे हैं। सीरियल का नाम है ‘कर ले मोहब्बत तू भी’। ज्ञातव्य है कि आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ में साक्षी तंवर ने आमिर अभिनीत पात्र की पत्नी की भूमिका अभिनीत की है। फिल्म में साक्षी तंवर के लिए अवसर कम थे, परंतु उसने अपनी मौजूदगी दर्ज की। मराठी रंगमंच और फिल्म के अभिनेता नीलू फुले ने अमिताभ बच्चन अभिनीत ‘कुली’ के पात्र की मृत्यु के क्षण में संवाद अदा किया ‘मी जातो’ और सिनेमाघर में मौत सा सन्नाटा पसर गया। कुछ कलाकार सीमित भूमिका में ऐसा कुछ कर जाते हैं कि दर्शक भूल नहीं पाता। एच.एस. रवैल की महाश्वेता देवी के उपन्यास से प्रेरित ‘संघर्ष’ के एक दृश्य में संजीव कुमार, दिलीप कुमार की बांहों में दम तोड़ने का दृश्य में ऐसी वेदना अभिनीत कर गए कि दिलीप कुमार को उनका लोहा मानना पड़ा। उन्होंने अपने मित्रों से कहा कि संजीव कुमार अभिनय क्षेत्र में अपना स्थान बनाएगा।
इसी तरह राम कपूर भी विलक्षण अभिनेता हैं। वे टेलीविजन संसार का संजीव कुमार है। ज्ञातव्य है कि राम कपूर एक समृद्ध औद्योगिक घराने का सदस्य है। मुंबई के श्रेष्ठि वर्ग के वर्ली क्षेत्र में उसका भव्य बंगला है। अभिनय का शौक उसे मनोरंजन क्षेत्र में ले आया। सभी कपूरों की तरह उसका वजन बढ़ता रहा है। उसने सप्ताह में एक दिन सोलह घंटे कड़ा उपवास किया और उसका वजन घट गया। यह उपवास अनेक बार करने पर वजन घटता है। राम कपूर सुबह दस बजे प्रारंभ होने वाली स्टूडियो की शिफ्ट में कभी एक बजे के पहले नहीं पहुंचते, परंतु दिन का काम समाप्त होने तक रुकते हैं। निर्माता को अतिरिक्त धन खर्च करना होता है। हाथी पालना कभी सस्ता नहीं हो सकता। गुजरे दौर में एक द्वीप का राजा किसी आरोपी को दंड देने के लिए उसे सफेद हाथी भेंट में देता था। कभी-कभी साक्ष्य के अभाव में अदालत दंड नहीं दे पाती। ऐसे हालात में हाथी भेंट में देकर राजा उसे दिवालिया बना देता था। राजा के हाथी को खूब खिलाना पड़ता है। दंड और न्याय विधान में समय-समय पर विविध प्रयोग होते रहते हैं। जयंतीलाल गढ़ा द्वारा निर्मित, गुरुमल्ला के राम कपूर अभिनीत सीरियल का समापन जल्दी करना पड़ा, क्योंकि राम कपूर का देर से आना महंगा साबित हुआ। सीरियल के लिए बनाए गए प्रमुख सेट पर अधिकांश एपिसोड शूट किए जाते हैं और सेट की लागत की भरपूर वसूली हो पाती है। ज्ञातव्य है कि सीरियल निर्माण में समय पैसे से अधिक मूल्यवान होता है। निर्माता को प्रदर्शन का समय उस दिन दिया जाता है, जब उसके पास बारह एपिसोड शूट किए हों। सीरियल के बैंक में एपिसोड्स का फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ा नहीं जा सकता। राम कपूर ने ‘कसम से’, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ और ‘बड़े अच्छे लगते हैं आप’ में अभिनय किया। उपरोक्त सीरियल में राम कपूर अभिनीत पात्र उद्योगपति है। उसका प्रेम एक गरीब लड़की से हो जाता है। पूरा परिवार नई बहू के प्रति आक्रामक रुख अपनाता है। नायक अपनी छोटी बहन से बहुत प्रेम करता है। यह पात्र सुमौना ने अभिनीत किया जो इन दिनों कपिल शर्मा के फूहड़ सीरियल में एक मात्र कलाकार है जो स्वाभाविक अभिनय कर रही हैं। साक्षी तंवर ने सीरियल ‘मेला’, ‘अलबेला’, ‘कहानी घर-घर की’ और ‘बड़े अच्छे लगते हैैं आप’ में अभिनय किया। साक्षी तंवर सांवली सलोनी चालीस पार वय की है। वे मधुबाला की तरह नहीं वरन् स्मिता पाटिल की तरह अत्यंत सेन्सुअस लगती हैं।
‘कर ले मोहब्ब्त तू भी’ में राम कपूर सलमान खान की तरह पचास पार सबसे अधिक लोकप्रिय सितारे का पात्र अभिनीत कर रहे हैं। पात्र अनुशासनहीन और शराबी है। साक्षी तंवर को काम दिया जाता है कि वह उसे अनुशासन सिखाए और शराब से दूर रखे। इस प्रक्रिया में उन्हें प्रेम हो जाता है। इस कथा में एक प्रेम त्रिकोण भी जड़ दिया गया है। सभी सीरियलों की तरह कथा को रबर की तरह खींचा जा रहा है। नायक और नायिका दोनों ही तलाशुदा हैैं और दोनों को अपने-अपने विवाह से एक-एक पुत्री प्राप्त हुई है। यह संभव है कि इस सीरियल में ये दोनों पुत्रियां नीतू कपूर अभिनीत फिल्म ‘दो कलियां’ की तरह नायक और नायिका का मिलन करा दें।
कोरोना कालखंड में पुराने सीरियल पुन: दिखाए जा रहे हैं। बुनियाद, रामायण, महाभारत, देख भाई देख, साराभाई इत्यादि का प्रदर्शन हो रहा है। आश्चर्य है कि इस दौर में कुंदन शाह और अजीज मिर्जा का ‘नुक्कड़’ जाने क्यों प्रदर्शित नहीं किया जा रहा है। सीरियल संसार में रमा व्यक्ति यथार्थ से दूर हो जाता है। वह वैकल्पिक संसार का प्राणी बन जाता है। कोरोना के दौर के समाप्त होने के बाद अवाम को यथार्थ से रूबरू होने में कठिनाई होगी। ऐसा नीबू-पानी कहां से लाएं जो इस हैंगओवर से मुक्ति दिलाए?