कोलकाता में सेठिया जयंती समारोह / कथेसर

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मुखपृष्ठ  » पत्रिकाओं की सूची  » पत्रिका: कथेसर  » अंक: अक्टूबर-दिसम्बर 2012  

राजस्थानी प्रचारिणी सभा कानी सूं 11 सितम्बर नै साहित्य मनीषी अर राजस्थानी रा सरनाम कवि कन्हैयालाल सेठिया री 94 वीं जयन्ती माथै कोलकाता रै ट्रामवेज कम्पनी सभागार में विचार गोष्ठी होयी जिणमें वां रै व्यक्तित्व अर कृतित्व माथै विचार प्रगट करीज्या अर राजस्थानी भाषा री संवैधानिक मानता सारू वां रै योगदान नै याद करीज्यो।

गोष्ठी में समाज सेवी चिन्तक जुगल किशोर जैथलिया कैयो कै सेठियाजी कविता री सरूआत क्रांतिकारी कविता सूं करी अनै वां री सगळी कवितावां भावपूर्ण अनै राजस्थान अर राजस्थानी संस्कृति नै जीवंत करणवाळी है। डॉ. तारा दुग्गड़ कैयो कै वां रो काव्य सगळै समाज नै आंदोलित करणवाळो है। वां रो साहित्य फगत काव्य नीं, बल्कि जुगां-जुगां तक री संवेदणा नै झकझोरण वाळो है। डॉ. अवधेश प्रसाद सिंह कैयो कै सेठिया जी रो रचना संसार सकारात्मक अर विराट है। वां री कवितावां अन्तर्मन नै परस ई नीं करै, सोचण सारू मजबूर पण करै। इण वेळा सभा रा अध्यक्ष रतन शाह कैयो कै सेठिया जी मातृभाषा राजस्थानी नै मानता दिलावण रा घणा जतन कीना हा। वां राजस्थानी लोगां में आपरी मातृभाषा रै प्रति आस्था रा भाव जगावण रो काम कीनो हो। राजस्थानी भाषा आपणी पिछाण है अर इणनै मानता दिलावणो ही सेठियाजी रो साचो सम्मान होवैला। लक्ष्मण केडिया कैयो कै सेठियाजी रो आखो जीवण मायड़भाषा अर साहित्य नै समर्पित हो। इण मायनै में वै अनूठा तपसी हा। प्रमोद शाह कैयो कै वै फगत कवि नीं, कविता री पूरी सदी हा। धरती धोरां री जिस्या गीत तो अमर गीत बणग्या है। दुर्गा व्यास कैयो कै सेठियाजी री कविता रै पांण ई राजस्थानी कविता रो मान आखै जगत में बध्यो है अर दुनिया री तेरह सिमरध भाषावां में राजस्थानी री गिणती होयी है। जयप्रकाश सेठिया आभार जतायो।