क्या एक विवाह ऐसा भी संभव है? / जयप्रकाश चौकसे
प्रकाशन तिथि :25 अगस्त 2017
सितारों की संतानें एक-दूसरे की मित्र होती हैं। जाने क्यों अवाम के बच्चों के साथ उनकी गहरी नहीं छन पाती! एक उद्योगपति ने मुंबई में एक स्कूल की स्थापना की है, जिसमें अधिकतर शिक्षक विदेश से आए हैं और वहां अंग्रेजी माध्यम से सारे विषय पढ़ाए जाते हैं परंतु इसके साथ ही उन्हें यूरोप की एक भाषा का अध्ययन भी करना होता है! कुछ सितारों के बच्चे भी इसी स्कूल में पढ़ते हैं। इस संस्था का वार्षिक शुल्क लाखों रुपया आता है। अगर ऊपर वाले की पटकथा कुछ ऐसी हो कि शाहरुख खान की सुपुत्री और आमिर खान के सुपुत्र के बीच प्रेम हो जाए तो क्या फिल्म उद्योग के ये घोर प्रतिद्वंद्वी युवा रिश्ते को हृदय से स्वीकार करेंगे और ऐसा होने पर क्या ये दोनों किसी एक ही फिल्म में अभिनय करेंगे या इस तिकड़ी का तीसरा किरदार सलमान खान फिल्म का निर्माता होगा।
एक जमाने में राज कपूर की छोटी सुपुत्री रीमा और राजेन्द्र कुमार के एकलौते पुत्र कुमार गौरव के बीच अंतरंग मित्रता थी, जिसे देखकर दोनों सितारों ने युवा लोगों की रजामंदी लेकर इनकी सगाई बड़े धूमधाम से की थी और उन्हीं दिनों प्रदर्शित 'संगम' के दोनों नायकों राजकपूर और राजेन्द्र कुमार की मित्रता सिनेमाई फ्रेम से निकलकर यथार्थ जीवन के नए रिश्ते में बंध रही थी। राज कपूर के 'मेरा नाम जोकर' में प्रथम सहायक रहे राहुल रवैल के निर्देशन में कुमार गौरव को बतौर नायक 'लव स्टोरी' नामक फिल्म में प्रस्तुत किया गया और फिल्म अत्यंत सफल रही, जिसमें आरडी बर्मन ने माधुर्य रचा था। इसी फिल्म की सफलता के कारण धर्मेन्द्र ने भी अपने सुपुत्र सनी देओल की पहली फिल्म 'बेताब' राहुल रवैल से ही निर्देशित कराई।
जाने कैसे इस सितारा रिश्ते पर शनिदेव की वक्र दृष्टि पड़ी और उनकी अंतरंगता में दरार पड़ गई। गौरतलब है कि सगाई टूटने के बाद भी राज कपूर और राजेन्द्र कुमार की मित्रता में अंतर नहीं आया। यहां तक कि राजेन्द्र कुमार के सगे भाई नरेश की फिल्म 'दो जासूस' में राज कपूर और राजेन्द्र कुमार ने हंसोड़ जासूसों की भूमिकाओं का निर्वाह भी किया। अपने काम के प्रति समर्पित लोग रिश्तों में आई दरार की परवाह नहीं करते।
यह भी गौरतलब है कि राजकपूर ने 1946 में ही लेखक इन्दरराज आनंद से टेनीसन की लंबी कविता 'ऑडेन' से प्रेरित पटकथा लिखाई थी और उस समय नाम था 'घरौंदा'। इसी पटकथा को चुस्त-दुरुस्त करके राजकपूर अपने मित्र दिलीप कुमार के साथ फिल्म बनाना चाहते थे और उन्होंने दिलीप कुमार को यह अधिकार भी दिया था कि वे स्वयं दो नायकों में से अपनी पसंद का पात्र निभाएं तथा मुंहमांगा पारिश्रमिक भी मांग लें। ज्ञातव्य है कि मेहबूब खान की 'अंदाज' में दिलीप कुमार, राजकपूर और नरगिस ने अभिनय किया था और फिल्म सफल भी रही थी।
उन दिनों भारत में राज कपूर और दिलीप कुमार के प्रशंसकों के दल बन गए थे और वे एक-दूसरे के खिलाफ थे। जाने क्यों वर्तमान में भी सलमान खान के प्रशंसक शाहरुख खान के प्रशंसकों से भिड़ जाते हैं। सितारे तो साथ-साथ शराबनोशी करते हैं, दावतें करते हैं परन्तु प्रशंसकों के बीच अनजानी अनावश्यक शत्रुता रहती है। कुछ इसी तरह विरोधी राजनीतिक दलों के प्रशंसक एक-दूसरे से भिड़ जाते हैं जबकि यथार्थ जीवन में एक कांग्रेस नेता के चीनी व्यवसाय में एक भाजपाई नेता ने आंशिक पूंजी निवेश किया है। मुनाफा राजनीतिक दरार में सीमेंट का काम करता है। अत: आमिर खान के पहले विवाह से जन्मे युवा और शाहरुख खान की सुपुत्री में गहरी मित्रता हो गई है। यह सर्वविदित है कि सलमान खान व शाहरुख खान के रिश्तों में दरार है जो उनकी ऐश्वर्या राय से अंतरंगता के कारण जन्मी है। सलमान खान व आमिर खान गहरे मित्र हैं। इनके बीच मजाक चलता रहता है। आमिर खान से कहा गया कि वे अपने चिरकुंआरे मित्र सलमान खान को शादी के लिए प्रेरित करें तो सलमान खान ने ठहाका लगाते हुए कहा कि वे आमिर खान को तीसरा विवाह नहीं करने देंगे।
क्या अजब बात है कि एक मित्र को दूल्हा बनकर घोड़े पर बैठने का शौक है और दूसरा मित्र घोड़ी देखकर ही बिदक जाता है। क्या मजा आए कि सलमान खान सेहरा बांधे घोड़े पर बैठे हैं और बारात में आमिर तथा शाहरुख खान नाच रहे हैं और गा रहे हैं 'मेरा यार बना है दूल्हा'। इसी बारात में सोमी अली, संगीता बिजलानी, एेश्वर्या राय एवं कटरीना भी भांगड़ा करें और राजकुमार संतोषी विवाह की शूटिंग करें।
ज्ञातव्य है कि बारातों में इस्तेमाल किया जाने वाला घोड़ा रेसकोर्स की दौड़ के योग्य नहीं रह जाता और रेस का घोड़ा दूल्हे को सवारी नहीं करने देता। गिरीश कर्नाड के नाटक में स्वयंवर में शामिल राजकुमार के घोड़े के गले में राजकुमारी वरमाला डाल देती है।