क्या तुमने कभी... / रश्मि

Gadya Kosh से
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क्या तुमने कभी संगीत को सुना है....सुर हमेशा सरगम में ही नहीं होते...पत्थरों, झरनों, चिड़ियों और माँ को पुकारते नन्हे के रुदन में भी होते हैं।

क्या तुमने कभी चाँदनी को देखा है....चमक हमेशा चाँद में ही नहीं होती...'उनकी' यादों में,

आँखों में और बातों में भी होती है।

क्या तुमने कभी भूख को देखा है...भूख हमेशा गरीब के पेट में ही नहीं होती...अमीरों के दिलो-दिमाग, तन और जेब में भी होती है।

क्या तुमने कभी ग़रीबी को देखा है...ग़रीबी हमेशा झोंपड़ी में ही नहीं होती...लोगों के विचार, सोच और दिल में भी होती है।

क्या तुमने कभी ज़िन्दगी को देखा है...ज़िन्दगी हमेशा जीते रहने में ही नहीं होती...हौसले,जज़्बे और जिंदगी से जूझती मौत में भी होती है।